Retirement Planning Investment Strategies | Tax Saving Options | पहली कमाई के साथ ही रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू करें: महंगाई से ज्यादा हो निवेश का रिटर्न, इस पर टैक्स का असर भी जरूर देखें


सीए (डॉ) अभय शर्मा26 मिनट पहले

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भारतीयों के लिए बचत के बड़े मायने हैं। भविष्य अनिश्चित है। वित्तीय आपात स्थिति कभी भी आ सकती है। ऐसे में पैसे बचाकर आप भविष्य के खर्चों के साथ-साथ वित्तीय जरूरतों के लिए सुरक्षा जाल भी बना सकते हैं। इसलिए आय के एक हिस्से का निवेश करने की सलाह दी जाती है। हम बचत का निवेश करते समय रिटर्न को देखते हैं। लेकिन दो अहम फैक्टर महंगाई और टैक्स को दरकिनार कर देते हैं। ये आपका रिटर्न कम कर सकते हैं।

मान लीजिए कि आप 30% टैक्स स्लैब में हैं और निवेश पर सालाना 7% रिटर्न मिल रहा है। इस हिसाब से टैक्स के बाद नेट रिटर्न [7- 2.10 (7×30%)] 4.90% ही बचा। यह मौजूदा महंगाई दर के आसपास है। ऐसे में कहां निवेश करना है, इसका चयन और समय पर रिव्यू करना जरूरी है। बेहतर होगा कि पहली कमाई के साथ ही रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू कर दें।

1. SIP : बैलेंस्ड रिटर्न, कम रिस्क

म्यूचुअल फंड के SIP महंगाई को काउंटर करने का बेहतर विकल्प हैं। SIP में मार्केट के हर रेट पर निवेश होता है। इससे रिटर्न संतुलित और जोखिम कम हो जाता है। टैक्स के नजरिए से आप डेट या इक्विटी का चयन कर सकते हैं। डेट की तुलना में इक्विटी में टैक्स कम लगता है।

इसी तरह, म्यूचुअल फंड में निवेश के कई विकल्प हैं- डेट, इक्विटी, हाइब्रिड, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि। डेट में रिस्क कम और इक्विटी में ज्यादा होता है। रिटर्न भी अमूमन महंगाई से ज्यादा होता है। कुछ SIP और म्यूचुअल फंडों में 80C के तहत सालाना 1.50 लाख तक टैक्स छूट भी मिलती है।

2. EPF: सुपर टैक्स सेविंग स्कीम

EPF सैलरीड क्लास के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है। एम्पलॉई चाहें तो इसमें 12% की सीमा से ज्यादा निवेश कर सकता है। इस पर 8.25% रिटर्न मिलता है, जो महंगाई की मौजूदा दर से दो गुना है। कर्मचारी के अंशदान वाले हिस्से पर मिलने वाला ब्याज सालाना 2.50 लाख रुपए की सीमा तक टैक्स-फ्री है।

नियोक्ता के अंशदान वाले हिस्से पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है। यदि 25 साल की उम्र में 40 हजार रुपए बेसिक मासिक वेतन हो तो 25 साल में 72 लाख रुपए का निवेश होगा और मैच्योरिटी राशि 2.89 करोड़ रुपए होगी।

3. PPF : 1.5 लाख रु. तक टैक्स छूट

यह सैलरीड और नॉन सैलरीड, दोनों तरह के निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है। पोस्ट ऑफिस या बैंक के जरिए इसमें अकाउंट खोला जा सकता है। इसमें आप न्यूनतम 500 और अधिकतम 1.50 लाख रुपए निवेश कर सकते हैं। निवेश की गई राशि पर सालाना 1.50 लाख रुपए तक की टैक्स छूट मिलती है।

अभी 7.10% ब्याज टैक्स-फ्री है। इसमें पहले 5 वर्षों तक निकासी का विकल्प नहीं होता। 15 साल तक 5 हजार मासिक निवेश 16.27 लाख होगा। इसमें 9 लाख निवेश और 7.27 लाख ब्याज से आय शामिल है। जो लोग बाजार के जोखिम से दूर रहना चाहते हैं, उनके लिए यह बेहतर है।

4. गोल्ड : 55 साल से सालाना 8% रिटर्न

निवेशकों को जनवरी 1971 से मार्च 2024 के बीच सोने में निवेश पर सालाना 8% का औसत रिटर्न मिला है। गोल्ड में निवेश भी निवेशकों की फौरन पैसों की जरूरत पूरी करता है। बाजार में फिजिकल गोल्ड के अलावा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सहित निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

5. बैंक FD : सुरक्षित निवेश, पर नेट रिटर्न कम

​​​​​​​ये निवेश का सबसे प्रचलित माध्यम है। इसका रिटर्न बैंकों के ब्याज दरों के हिसाब से होता है। यह अपेक्षाकृत कम होता है, लिहाजा महंगाई से लड़ने में कारगर नहीं होता। एफडी पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल भी है। इसलिए यील्ड (नेट रिटर्न) सबसे कम रहता है। लेकिन जरूरत होने पर धन निकासी का विकल्प के चलते यह सबसे लिक्विड ऑप्शन है।

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