3 मिनट पहले
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कंगना निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज होनी थी। अब इसकी रिलीज दो हफ्तों के लिए टाल दी गई है।
कंगना स्टारर फिल्म ‘इमरजेंसी’ के मेकर्स जी-स्टूडियोज ने फिल्म की रिलीज और सेंसर सर्टिफिकेट की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इस याचिका पर बुधवार 4 सितंबर को जस्टिस बी.पी. कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की बेंच में सुनवाई हुई।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि वह CBFC को प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने में असमर्थ है, क्योंकि यह एमपी हाईकोर्ट के आदेश का खंडन होगा।
कंगना रनोट निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज होनी वाली थी।
6 सितंबर को रिलीज नहीं हो पाएगी फिल्म
कोर्ट ने यह भी कहा कि वो इतनी जल्दी इस मामले में आदेश पारित नहीं कर सकता। 18 सितंबर तक इस मामले में निर्णय लिया जाएगा और 19 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। ऐसे में अब कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज नहीं हो पाएगी।
बोर्ड 13 सितंबर के पहले ऑब्जेक्शन क्लीयर करे
सुनवाई में कोर्ट ने CBFC को निर्देश दिया कि फिल्म को लेकर जो भी ऑब्जेक्शन हो उसे 13 सितंबर से पहले क्लीयर किया जाए।
साथ ही बोर्ड को फटकार लगाते हुए कहा कि किसी फिल्म पर करोड़ों रुपए लगे होते हैं। आप गणपति उत्सव के नाम पर छुट्टी बताकर सर्टिफिकेट संबंधी विषय पर अपनी जिम्मेदारी से भाग नही सकते।
इस फिल्म में कंगना, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के रोल में नजर आएंगी। अनुपम खेर और श्रेयस तलपडे भी अहम रोल में होंगे।
ट्रेलर देखकर कैसे अनुमान लगा सकते हैं: कोर्ट
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सिख कम्युनिटी ने सिर्फ ट्रेलर देखने के बाद फिल्म को गलत पाया और इसका विरोध करना शुरू कर दिया। ट्रेलर देख के वो कैसे अनुमान लगा सकते हैं ?
बताते चलें कि जबलपुर सिख संगत ने फिल्म और इसके ट्रेलर पर आपत्ति जताते हुए एमपी हाई कोर्ट में इसे बैन करने की अपील की थी।
कोर्ट ने लगाई CBFC के वकील काे फटकार
इससे पहले कोर्ट में CBFC के वकील ने बताया कंगना की फिल्म को पहले जो सर्टिफिकेट दिया गया था वो एक सिस्टम जनरेटेड मेल था लेकिन बाद में आपत्तियों के कारण इसे रोक दिया गया।
साथ ही कहा कि मेकर्स को सर्टिफिकेट ईमेल किया गया था, लेकिन फिजिकल कॉपी कभी पोस्ट नहीं की गई।
कोर्ट ने CBFC से पूछा कि आप सिस्टम जनरेटेड ईमेल कैसे भेज सकते हैं? कोर्ट ने CBFC के वकील से पूछा की क्या उनके अधिकारियों ने शुरू में फिल्म देखी और प्रमाण पत्र दिया तो उन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? कोर्ट ने उस अधिकारी को फटकार लगाई।
बॉम्बे हाई कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।
काश इसी तरह आपने MP HC में तर्क दिया होता: बॉम्बे हाई कोर्ट
कोर्ट ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगर हम आज आपकी याचिका को स्वीकार करते हैं तो हम मध्य प्रदेश कोर्ट के आदेश का खंडन करेंगे।
कोर्ट ने मेकर्स से कहा- ‘हम आपके साथ हैं, काश आपने एमपी हाईकोर्ट के सामने भी इसी तरह जोरदार तरीके से तर्क दिया होता, तो ऐसा नहीं हो सकता था कि CBFC के चेयरमैन हस्ताक्षर न करें। पर अब हम ऐसे आदेश पर साइन नहीं कर सकते जो सुनाए गए आदेश के विपरीत हो।
कोर्ट ने मेकर्स की याचिका खारिज नहीं की
अंत में कोर्ट ने कहा कि वो मेकर्स की याचिका को खारिज नहीं कर रहे हैं। अगर इसमें एक सप्ताह की देरी होती है तो कोई आसमान नहीं गिरेगा। मेकर्स को पहले ये दलीलें एमपी हाई कोर्ट के समक्ष रखनी चाहिए थीं।
फिल्म मेकर्स की तरफ से दायर की गई इस याचिका में दावा किया गया कि सेंसर बोर्ड ने मनमाने ढंग से और अवैध रूप से फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोक रखा है।
कंगना रनोट के प्रोडक्शन हाउस की ओर से पेश वकील ने कहा- हम फिल्म में कोई बदलाव नहीं करेंगे और फिल्म को उसी तरह रिलीज करेंगे, जिस तरह सीबीएफसी ने इसे सील कर दिया है।
कोर्ट में फिल्म के मेकर्स ने यह भी तर्क दिया कि फिल्म के लिए 1800 सिनेमाघर बुक हैं और लोगों ने एडवांस टिकट बुकिंग कराई है। इसकी रिलीज टलने से मेकर्स को काफी नुकसान होगा।
जी ने कहा- इससे हमें काफी नुकसान होगा
बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में फिल्म की प्रोड्यूसर कंपनी जी ने कहा था कि सर्टिफिकेट को रोकना सिनेमैटोग्राफ अधिनियम का उल्लंघन है। इस अधिनियम के अनुसार सर्टिफिकेट को प्रस्तुत करने के 5 दिनों के भीतर निर्धारित प्रारूप में सूचित किया जाना चाहिए।
जी का तर्क है कि इस सर्टिफिकेट के बिना वे फिल्म को प्रदर्शित नहीं कर पाएंगे और ऐसे में उन्हें काफी नुकसान होगा। 1800 सिनेमाघर बुक हैं और लोगों ने एडवांस टिकट बुकिंग कराई है। यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पेशे को आगे बढ़ाने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी हाेगा।
एमपी हाई कोर्ट ने कहा था मामला विचाराधीन है
इससे पहले, CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को सूचित किया था कि उन्होंने अभी तक फिल्म को सेंसर प्रमाणपत्र नहीं दिया है। कहा गया था कि कंगना रनोट की फिल्म अभी भी विचाराधीन है और 6 सितंबर को रिलीज नहीं होगी।
फिल्म पर बैन लगाए जाने के बाद कंगना ने बयान दिया था कि वो इसे बिन कट के ही रिलीज करेंगी।
फिल्म को बिना कट रिलीज करना चाहती हैं कंगना
फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर सिख संगठनों ने आरोप लगाए कि फिल्म में उनके समुदाय और उससे जुड़ी घटनाओं को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
इसके बाद CBFC ने फिल्म के सर्टिफिकेट पर रोक लगाते हुए मेकर्स ने इसके कुछ सीन हटाने का आदेश दिया। हालांकि, फिल्म की डायरेक्टर कंगना को यह मंजूर नहीं। उनका कहना है कि वो फिल्म को बिना काट-छांट के ही रिलीज करेंगी।
फिल्म ‘इमरजेंसी’ में कंगना ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिर गांधी का रोल प्ले किया है। इसमें उनके अलावा श्रेयस तलपडे और अनुपम खेर जैसे कलाकार भी नजर आएंगे।
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कंगना रनोट ने कहा है कि वे अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए कोर्ट में लड़ेंगी और इसे बिना किसी काट-छांट के रिलीज करेंगी, क्योंकि वे तथ्यों को बदलना नहीं चाहती हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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