पंजाब बॉर्डर पर जल्द नजर रखेंगे बीएसएफ के घुड़सवार।
पंजाब में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) नशा, गोला-बारूद तस्करी और घुसपैठ को रोकने के मकसद से चौकसी बढ़ाने की तैयारी में है। बीते दिनों पठानकोट एरिया से आतंकियों की घुसपैठ की अटकलों के बाद अब संवेदनशील इलाकों में बीएसएफ अपने जवानों की गिनती बढ़ा सकती
.
राजस्थान- पाकिस्तान बॉर्डर पर जिस तरह ऊंट पर जवान गश्त करते हैं, उसी तरह घुड़सवार जवानों को पंजाब बॉर्डर के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए महिला जवानों की एक ईकाई को स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। पठानकोट में पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ की सूचना मिलने के बाद से गुरदासपुर सेक्टर (अमृतसर के अजनाला से पठानकोट तक) में अधिक सैनिकों को तैनात किया गया, ताकि घुसपैठ को रोका जा सके।
राजस्थान के रतीले इलाकों में ऊंट पर सवार होकर गश्त करते बीएसएफ के जवान।
500 किमी. एरिया की सुरक्षा करती हैं 20 बटालियन
पंजाब में बीएसएफ के पास 500 किलोमीटर से अधिक लंबा बॉर्डर है। इस समय लगभग बीएसएफ की 20 बटालियन हैं, जो पंजाब में सक्रिय है। इनमें से 18 सीमा पर तैनात हैं, जबकि बाकी 2 को अमृतसर में अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट और गुरदासपुर जिले के करतारपुर कॉरिडोर डेरा बाबा नानक में जरूरत के अनुसार तैनात किया गया है।
ड्रोन मूवमेंट पर नजर रखने के लिए बटालियन की मांग
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पंजाब बॉर्डर पर ड्रोन मूवमेंट पर नजर रखने के लिए बीएसएफ की एक बटालियन को बढ़ाने की मांग केंद्र को भेजी गई है। अमृतसर और तरनतारन के सीमावर्ती जिलों में वर्ष 2019 से ड्रोन मूवमेंट काफी अधिक बढ़ चुकी है। जिसे देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस मांग पर विचार करने को कहा गया है।
पंजाब और दिल्ली के अधिकारियों के अनुसार पंजाब के बॉर्डर पर नदी क्षेत्रों की प्रभावी ढंग से रक्षा करने के लिए और अधिक जवानों को तैनात किया जाना है। पंजाब सीमा पर रावी और सतलुज नदियों पर 48 पुलियों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से 25 का काम पूरा हो चुका है।
छोटे ड्रोन बने चिंता का विषय
बीते दिनों पंजाब दौरे पर आए राज्य के पूर्व गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने भी ड्रोन मूवमेंट पर चिंता जाहिर की थी। ये भी संकेत दिए थे कि बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाई जा रही है। वहीं, जल्द ही नवीनतम तकनीकों का भी प्रयोग किया जाएगा ताकि ड्रोन मूवमेंट पर नजर रखी जा सके।
बीएसएफ के पंजाब फ्रंटियर के महानिरीक्षक अतुल फुलजले ने बीते दिनों मीडिया से बातचीत में छोटे ड्रोन की मूवमेंट पर चिंता जाहिर की थी। उनका कहना था कि ये ड्रोन दिन में भी तस्करी करने में सफल रहते हैं। इसका कारण इनका ऊंचाई पर उड़ना और आवाज ना करना है।
Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.
Source link