30 मिनट पहले
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फुटेज में ऑस्ट्रेलियाई सांसद वरुण घोष गीता पर हाथ रखकर शपथ लेते नजर आ रहे हैं।
भारतीय मूल के बैरिस्टर वरुण घोष ऑस्ट्रेलिया की संसद में भगवत गीता पर शपथ लेने वाले पहले सीनेटर बन गए। बुधवार को ऑस्ट्रेलिया की विधानसभा और विधान परिषद ने उन्हें संघीय संसद की सीनेट में ऑस्ट्रेलियाई राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना। इसके बाद उन्हें बतौर सीनेट शपथ ली।
शपथ के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा- हमारी टीम में आपका स्वागत है। वहीं विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा- सीनेटर घोष भगवद गीता पर शपथ लेने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर हैं। मेरा मानना है कि जब आप किसी काम की शुरुआत करते हैं तो आपको यह तय करना होगा कि आप आखिरी नहीं हों। मुझे भरोसा है कि सीनेटर घोष अपने समुदाय के लोगों के लिए एक मजबूत आवाज होंगे।
शपथ के बाद वरुण दूसरे सांसदों से हाथ मिलाते नजर आए।
वर्ल्ड बैंक के सलाहकार रह चुके हैं घोष
इसके अलावा कई दूसरे ऑस्ट्रेलियाई मंत्रियों ने भी घोष को बधाई दी। वरुण घोण का जन्म 1985 में भारत में ही हुआ था। वह ऑस्ट्रेलियाई संसद के पहले ऐसे सदस्य हैं, जिसने भारत में जन्म लिया है। 1997 में घोष पर्थ चले गए थे और क्राइस्ट चर्च ग्रामर स्कूल में पढ़ाई की।
उन्होंने पर्थ की एक यूनिवर्सिटी से कला और कानून में डिग्री हासिल की। फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कानून के कॉमनवेल्थ स्कॉलर बने। उन्होंने इससे पहले न्यूयॉर्क में एक वित्त वकील और वॉशिंगटन में विश्व बैंक के सलाहकार के रूप में काम किया है।
वह 2015 में ऑस्ट्रेलिया लौट आए और किंग एंड वुड मैलेसन्स के साथ काम करते हुए बैंकों, रिसोर्स कंपनियों और कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए कानूनी मामले संभाले। 2019 के संघीय चुनाव में वरुण घोष पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में लेबर पार्टी के सीनेट टिकट पर पांचवें उम्मीदवार थे। हालांकि, फिर भी उन्हें चुना नहीं गया।
अमेरिका के मैरीलैंड की गवर्नर अरुणा मिलर ने भगवत गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली थी।
ऋषि सुनक और अमेरिकी गवर्नर ने भी गीता पर शपथ ली थी
बता दें कि इससे पहले दुनियाभर में कई दूसरे नेता भी संसदों में भगवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ले चुके हैं। पिछले साळ जनवरी में अमेरिका के मैरीलैंड राज्य की पहली इंडियन-अमेरिकन लेफ्टिनेंट गवर्नर अरुणा मिलर ने भी गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। 58 साल की अरुणा का जन्म भारत के हैदराबाद में हुआ था। वे 1972 में अपने परिवार के साथ अमेरिका गई थीं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी ब्रिटिश संसद यानी ऑफ कामंस में सांसद पद की शपथ भगवत गीता से ली थी। वे हिंदू धर्म को मानते हैं और कृष्ण भक्त हैं। ऋषि कह चुके हैं कि भगवत गीता अक्सर उन्हें तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचाती है और उन्हें कर्तव्य पर डटे रहने की याद दिलाती है।