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वॉशिंगटन34 मिनट पहले
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ट्रम्प की दलील है कि 2020 में वो राष्ट्रपति थे और संविधान के मुताबिक, उन पर उस दौरान के किसी मामले को लेकर केस नहीं चलाया जा सकता। (फाइल)
अमेरिका की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ आपराधिका केस चलाने का आदेश दिया है। फेडरल अपील कोर्ट ने मंगलवार को कहा- ट्रम्प पर 2020 के चुनाव के नतीजे पलटने की साजिश रचने का आरोप है। उस वक्त वो राष्ट्रपति जरूर थे, लेकिन सिर्फ इस वजह से उन्हें राहत नहीं दी जा सकती।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक- यह फैसला बहुत शुरुआती है। ट्रम्प के पास अब भी सुप्रीम कोर्ट जाने समेत कई विकल्प खुले हैं।
2020 के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में ट्रम्प को वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हरा दिया था। इसके बावजूद ट्रम्प धांधली का आरोप लगाते रहे और नतीजे मानने से इनकार कर दिया।
नतीजे पलटना चाहते थे
- 2020 के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में ट्रम्प को वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हरा दिया था। इसके बावजूद ट्रम्प धांधली का आरोप लगाते रहे और नतीजे मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनके समर्थकों ने 6 जनवरी 2021 को संसद भवन पर हमला भी कर दिया था। इस मामले में ट्रम्प पर कई आरोप लगे। इनमें से एक समर्थकों को उकसाने का भी था।
- ट्रम्प की दलील है कि उस वक्त वो राष्ट्रपति थे और संविधान के मुताबिक, प्रेसिडेंट पर कोई क्रिमिनल केस नहीं चलाया जा सकता। मंगलवार को फेडरल अपील कोर्ट या कहें निचली अदालत ने इसी मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा- ट्रम्प पर केस जरूर चलाया जा सकता है।
- डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के तीन जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक- यह पूर्व राष्ट्रपति के लिए शिकस्त जरूर है, लेकिन इसे आखिरी फैसला बिल्कुल नहीं कहा जा सकता। ट्रम्प के पास कई विकल्प हैं और वो इनका इस्तेमाल करेंगे। सबसे आखिर में वो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक- यह पूर्व राष्ट्रपति के लिए शिकस्त जरूर है, लेकिन इसे आखिरी फैसला बिल्कुल नहीं कहा जा सकता। ट्रम्प के पास कई विकल्प हैं। (फाइल)
पहली बार इस तरह के मामले की सुनवाई
- अपील कोर्ट ने 57 पेज का फैसला दिया। अमेरिका की ज्युडिशियल हिस्ट्री में यह अपनी तरह का पहला मामला है। खास तौर पर पहली बार किसी अपील कोर्ट के सामने ऐसा केस आया जिसमें किसी पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने पर बहस हुई और फैसला भी आया। अदालत के सामने सवाल यह था कि क्या किसी पूर्व राष्ट्रपति सिर्फ इसलिए गुनहगार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि घटना के वक्त वो देश का टॉप एग्जीक्यूटिव यानी प्रेसिडेंट था। उसने पद पर रहते हुए इस तरह का अपराध किया है।
- अमेरिका में जजों का अपॉइंटमेंट पॉलिटिकल पार्टीज ही करती हैं। जिस पैनल ने मंगलवार को फैसला सुनाया उसमें शामिल दो जज डेमोक्रेट और एक रिपब्लिकन पार्टी ने अपॉइंट किया था। पैनल ने कहा- ये सही है कि प्रेसिडेंट रहने की वजह से प्रेसिडेंट को काफी पॉवर्स हासिल हैं, लेकिन कानून सबके लिए एक ही है। हमारे लिए इस वक्त पूर्व राष्ट्रपति भी बाकी अमेरिकी नागरिकों की तरह ही है।
- ट्रम्प के खिलाफ एडमिनिस्ट्रेशन और जांच एजेंसियों 2020 के बाद कई केस दर्ज कराए थे। इनमें चुनाव नतीजे पलटने की साजिश से लेकर संसद पर हमले को न रोक पाने का केस भी शामिल है। पिछले दिनों ट्रम्प की लीगल टीम ने इस केस की सुनवाई टलवाने की नाकाम कोशिश की थी।
- ट्रम्प इस वक्त रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बनने की रेस में सबसे आगे हैं। 13 फरवरी को कैरोलिना प्राइमरी में उनका मुकाबला निक्की हेली से होगा।