Bangladesh Crisis; Sheikh Hasina Vs BNP CIA | India US | हसीना की ‘हस्ती’ अपनों ने मिटाई: करीबी मंत्रियो-अफसरों के गलत फैसलों से आंदोलन भड़का; बिना पूछे इंटरनेट सेवा बहाल की, इससे प्रदर्शन भड़का


नई दिल्ली1 मिनट पहले

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बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे शेख हसीना के करीबी मंत्रियों और आला अफसरों की भी बड़ी भूमिका रही। खुफिया रिपोर्ट कहती है कि कानून मंत्री, लॉ सेक्रेटरी, बैंक ऑफ बांग्लादेश के गवर्नर, आईटी मंत्री और खुफिया ब्रांच के हेड के ‘गलत’ फैसलों ने ठंडे पड़ रहे आंदोलन को भड़का दिया।

मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करना और आंदोलनकारी छात्रों से जबरन पूछताछ करना हसीना सरकार को बहुत भारी पड़ गया। बांग्लादेश सेना की इंटेलिजेंस विंग डीजीएफआई के कुछ अधिकारी और कैबिनेट के कुछ मंत्री हसीना के प्रति वफादार नहीं थे।

PM पद से हटाने का प्लॉट सोची-समझी साजिश
शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाने का प्लॉट बहुत सोची-समझी साजिश के तहत तैयार किया गया ​था।15-20 जुलाई के बीच छात्र आंदोलन का पहला फेज सेना और पुलिस ने प्रभावी रूप से काबू में कर लिया था। मोबाइल इंटरनेट डाउन था और प्रमुख छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था।

विपक्षी पार्टियों पर छात्रों को गुमराह करने का आरोप लगाया जा रहा था। यानी सब कुछ नियंत्रण में आ चुका था। मगर, 28 जुलाई को मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। यह एक हफ्ते और बंद रहती तो आंदोलन दम तोड़ देता। हालांकि, आईटी मंत्री ने हसीना से बिना पूछे सेवा बहाल कर दी, जिसका भयानक नतीजा निकला।

बांग्लादेश की सेना की इंटेलिजेंस विंग डीजीएफआई ने तख्तापलट से ठीक पहले शेख हसीना सरकार के मंत्रियों, बड़े अफसरों और विपक्षी नेताओं के कॉल रिकॉर्ड किए थे, भास्कर को मिले इन कॉल रिकाॅर्ड से जाहिर है कि गलत फैसलों से प्रदर्शन भड़का।

कॉल रिकॉर्ड-1; आईटी मंत्री ने सेक्रेटरी से कहा, पीएम से ​बिना पूछे मोबाइल इंटरनेट बहाल करेंगे

28 जुलाई, सुबह 10 बजे
पीएमओ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तफज्जुल हुसैन मियां और बैंक ऑफ बांग्लादेश के गवर्नर अब्दुर रउफ तालुकादार में हुई बातचीत में रउफ तफज्जुल पर मोबाइल इंटरनेट चालू करने का दबाव बना रहे हैं…
रउफ : बैंक में लेन-देन घट गया है। छह दिन में सिर्फ 7.8 करोड़ डॉलर का लेन-देन हुआ। रोज 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा होता है। इंटरनेट जल्द शुरू करना होगा।
तफज्जुल : मैं बात करता हूं।
(थोड़ी देर बाद ही तफज्जुल ने तत्कालीन टेलिकॉम और आईटी के राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक से बात की। पलक कहते हैं कि वो मोबाइल इंटरनेट रिस्टोर करने के लिए पीएम शेख हसीना की हरी झंडी मिलने का इंतजार नहीं करेंगे
तफज्जुल : इंटरनेट बैन की वजह से लेन-देन बुरी तरह घटा है। आपकी पीएम के सलाहकार से बात हुई?
जुनैद : उनकी तरफ से सिग्नल आ गया है। पीएम की हरी झंडी मिलने से पहले ही इंटरनेट चालू कर दूंगा, पर फेसबुक और टिकटॉक बंद रहेंगे। 10 दिन से मोबाइल इंटरनेट बंद है। मैं फिलहाल एक मीटिंग में हूं, लेकिन मुझे पर्सनली लगता है कि आज किसी भी हालत में इंटरनेट चालू हो जाना चाहिए, लेकिन पीएम का परमिट लगेगा। अगर वो (पीएम के सलाहकार) मना करते हैं या कहते हैं कि तुम अपना निर्णय खुद लो, और जो भी मुसीबत आएगी उसे खुद भुगतो तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं, लेकिन फिर वो प्रधानमंत्री के निर्देशों का जिक्र नहीं करेंगे।
तफज्जुल : आप आज 12.30 बजे गणो भवन (पीएम आवास) क्यों नहीं आ जाते?
जुनैद : इस बारे में कुछ भी डिस्कस करने के लिए नहीं बचा है। ऐसे हालात में फैसला उनको लेना है।
तफज्जुल: मैं उनके सप्लीमेंट्री क्वेश्चन का जवाब नहीं दे सकता। अगर आप नहीं आए तो वहां कोई नहीं रहेगा।

कॉल रिकॉर्ड-2; खुफिया ब्रांच हेड ने लाॅ सेक्रेटरी से कहा- प्रदर्शनकारी छात्रों की रिमांड दिलवाइए

27 जुलाई, दोपहर 1:19 बजे
हसीना सरकार में लॉ सेक्रेटरी गोलाम सरवर और खुफिया ब्रांच के प्रमुख हारुन रसीद के बीच हुई बातचीत। रसीद सरवर पर लगातार रिमांड के लिए दबाव बना रहे हैं…

हारून: सर, हमें कहा गया कि कल से हमें गिरफ्तार किए 3 छात्र नेताओं को सुरक्षा देनी है।
सरवर : रिमांड लेना ठीक रहेगा।
हारून : आप लॉ मिनिस्टर से बात करो। इनकी गिरफ्तारी दिखाकर 5 दिन की रिमांड लेनी चाहिए। अगर वो कहेंगे तो मैं कोर्ट में जाकर जवाब दूंगा, मैंने उन्हें गिफ्तार किया है। एक बार इनसे पूछताछ करने दो। बाद में चाहें मुझे फांसी पर लटका देना।
सरवर: तुम्हारा क्या ओपिनियन है?
हारून: हमने उनसे पूछताछ की, पर साफ उत्तर नहीं मिला। हमें इन लड़कों से कड़ी पूछताछ के लिए रिमांड की जरूरत है। मिनिस्टर साहब से कहना कि उन्हें डिटेक्टिव ब्रांच के ऑफिस में रखने की बजाए सेफ हाउस में रख सकते हैं।
सरवर : हम उनकी गिरफ्तारी दिखाए बिना उन्हें किसी घर में रख सकते हैं और कह सकते हैं वो डिटेक्टिव ब्रांच के साथ नहीं हैं।
हारून : स्पेशल ब्रांच के पास में ही एक सेफ हाउस है। इन्हें वहां रख सकते हैं। पूछताछ कर सकते हैं।
सरवर : मिनिस्टर से बात करने दो।

28 जुलाई, 10:43 बजे
6 छात्र नेताओं की गिरफ्तारी के अगले दिन कानून मंत्री अनिशुल हक व पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तफज्जुल में हुई बातचीत। हक गिरफ्तारी से हाथ झाड़ते दिख रहे…
अनिशुल : आप गणो भवन में हैं?
तफज्जुल हुसैन : जी सर।
अनिशुल : अगर गृहमंत्री भी वहां हैं तो उनसे कहें कि इन 6 को सेफ हाउस में रखा गया है। इन लड़कों के लिए आसिफ नजरुल और सैय्यदा रिजवाना हसन कोर्ट जा रहे हैं। अटॉर्नी जनरल यहां नहीं हैं।
तफज्जुल : हॉस्पिटल में सिक्योरिटी के अंडर भी उन्हें रख सकते हैं।
अनिशुल : गृह मंत्री से डिस्कस करें।

कॉल रिकॉर्ड-3; विपक्षी नेताओं को 8 दिन पहले ही पता था हसीना देश छोड़कर भागेंगी
विपक्षी दल बीएनपी की मुखिया खालिदा जिया के सलाहकार अब्दुल हाय सिकदार व जमाल सिद्दीकी के बीच बातचीत। इससे पता लगता है कि बीएनपी के नेता जानते थे कि हसीना के हाथ से सत्ता जाने वाली है और सेना को मिलने वाली है…

तारीख : 27 जुलाई, दोपहर 1 बजकर 54 मिनट अब्दुल हाय सिकदार : इतने सारे छात्र मारे गए हैं। उनकी लाशें बोलेंगी। इन लोगों को जवाब देना ही पड़ेगा। जमाल : वो हर मांग मान रहे। सरकार जाएगी क्या? सिकदार : कोई सरकार इतने आम लोगों को मारकर सत्ता में नहीं रह सकती है। जमाल, ऐसी स्थिति में शेख हसीना और उसका परिवार देश छोड़कर भाग जाएगा। इस बात की संभावना है कि सत्ता आर्मी के हाथ आ जाए।

27 तारीख को ठीक इसी समय एक और विपक्षी दल रिवोल्युशनरी वर्कर्स पार्टी के महासचिव सैफुल हक पत्रकार इमरान हसन मजुमदार को बता रहे थे कि विपक्ष में हसीना सरकार को गिराने को लेकर सहमति बन गई है।
27 जुलाई, दोपहर 1 बजकर 52 मिनट पर
इमरान: आप बीएनपी के साथ रहे। आंदोलन पर क्या कहेंगे?
सैफुल: विपक्षी दलों में हसीना के इस्तीफे पर सहमति बन गई है। सरकार विरोधी सारी ताकतें एक साथ हैं।

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