Bangladesh Diplomatic Reshuffle; US Russia Japan Ambassadors | Dhaka News | बांग्लादेश ने अमेरिका-रूस समेत 7 देशों से राजदूतों बुलाए: पिछली सरकार में हुई थी नियुक्ति; हिंसा की जांच करने ढाका जाएगी UN टीम


ढाका2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सात राजदूतों और उच्चायुक्तों को ढाका लौटने का निर्देश दिया है। - Dainik Bhaskar

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सात राजदूतों और उच्चायुक्तों को ढाका लौटने का निर्देश दिया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अमेरिका, रूस, सऊदी अरब, जापान, जर्मनी, UAE और मालदीव में तैनात अपने राजदूतों को वापस बुलाने का फैसला किया है। इन्हें शेख हसीना के कार्यकाल में नियुक्त किया गया था।

बांग्लादेश में 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के गठन के बाद बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल हो रहे हैं। विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर 7 देशों के राजदूतों को वापस बुलाने से जुड़ी अलग-अलग नोटिफिकेशन भी जारी की गई है।

इसमें कहा गया है कि राजदूतों और उच्चायुक्तों का ढाका ट्रांसफर कर दिया गया है। इन्हें मौजूदा जिम्मेदारी छोड़कर ढाका वापस लौटने का आदेश दिया गया है।

काउंसलर और सचिव को भी वापस बुलाया
अच्चायुक्त और राजदूतों के अलावा वाशिंगटन में सचिव वहीदुज्जमां नूर और काउंसलर आरिफा रहमान रूमा, कनाडा के ओटावा में काउंसलर अपर्णा रानी पाल और काउंसलर मोबशवीरा फरजाना और न्यूयॉर्क में सचिव असिब उद्दीन अहमद की संविदा नियुक्ति रद्द कर दी गई हैं। इन पांचों को 31 अगस्त से पहले तक देश बुलाया गया है।

हिंसा की जांच करने ढाका पहुंचेगी UN की टीम
बांग्ला अखबार ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक टीम अगले सप्ताह बांग्लादेश का दौरा करेगी। टीम PM हसीना के इस्तीफे से पहले और बाद में हुई प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की जांच करेगी।

एक अधिकारी ने बताया कि 1971 में बांग्लादेश की आजादी के बाद पहली बार होगा जब संयुक्त राष्ट्र की टीम मानवाधिकारों के हनन की जांच करने के लिए पहुंचेगी।

अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में प्रदर्शन के दौरान हुए अत्याचारों की जांच के लिए UN अगले सप्ताह एक जांच टीम भेज रही है।

अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में प्रदर्शन के दौरान हुए अत्याचारों की जांच के लिए UN अगले सप्ताह एक जांच टीम भेज रही है।

हसीना को वापस बुलाने, मुकदमा चलाने को लेकर प्रदर्शन
बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस देश बुलाए जाने और उनपर मुकदमा चलाने को लेकर हिंसा शुरू हो गई है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गुरुवार को शहीद मीनार पर अलग-अलग छात्र गुटों ने हजारों की संख्या में पहुंचकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हसीना सरकार में शीर्ष पदों पर रहे अधिकारियों पर एक्शन लिया जाए। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने कहा कि छात्र आंदोलन के दौरान शेख हसीना ने गोली चलवाई थी। इस घटना के सभी जिम्मेदारों पर एक्शन होना चाहिए।

शेख हसीना ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था। तब से वे भारत में रह रही हैं।

शेख हसीना ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था। तब से वे भारत में रह रही हैं।

विदेश मंत्री बोले- हसीना ने भारत में रहकर बयान दिया तो रिश्ते खराब होंगे
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन ने गुरुवार को शेख हसीना के वापस देश लौटने को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही पूर्व प्रधानमंत्री के प्रत्यर्पण पर फैसला लेगी, क्योंकि उनके खिलाफ मामले बढ़ते जा रहे हैं।

हुसैन ने कहा कि शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अंतिम निर्णय देश के गृह और कानून मंत्री पर निर्भर करता है। अगर वे इससे जुड़ा फैसला करते हैं तो हमें भारत से उनको वापस बुलाने के लिए कहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हसीना दिल्ली में रहकर राजनीतिक शरण हासिल करने की कोशिश कर रही हैं। इससे भारत के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो रही है।

इससे पहले तौहीद हुसैन ने भारतीय उच्चायुक्त से कहा था कि अगर भारत में मौजूद शेख हसीना ने बयान दिया तो रिश्ते खराब हो जाएंगे। BBC के मुताबिक उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री का बयान बांग्लादेश सरकार के लिए असहज करने वाला है।

शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग के अन्य सदस्यों के खिलाफ बांग्लादेश में हत्या और एक अपहरण का मामला दर्ज हुआ है। उनके खिलाफ इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल में नरसंहार का मुकदमा दायर हुआ है। देश भर में हुए हिंसक दंगों और विरोध प्रदर्शनों के बीच 5 अगस्त 2024 को वह देश छोड़कर भाग गईं थी।

बांग्लादेश में शेख हसीना के समर्थकों को छात्रों ने पीटा, मुजीबुर्रहमान की बरसी मनाने आए थे

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गुरुवार को अवामी लीग के कार्यकर्ताओं पर हमले हुए। ये सभी देश के पहले राष्ट्रपति और हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान की बरसी मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे।

15 अगस्त 1975 को शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से हर साल इस तारीख को उन्हें बड़े पैमाने पर श्रद्धांजलि दी जाती रही है। आज झड़पों के डर से कई लोग घरों के अंदर ही रहे। शहर भर में दुकानें बंद रहीं। इसी बीच शेख मुजीबुर्रहमान को श्रद्धांजलि देने आए आवामी लीग के समर्थकों पर छात्रों ने लाठियों से हमला किया। पूरी खबर यहां पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *