India issues advisory to nationals in three regions in Russia | रूस में भारत की अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी: कहा- बेलगोरोद और कुर्स्क इलाका छोड़ दें, रूस ने दूसरे इलाके में भी इमरजेंसी लगाई


कुछ ही क्षण पहले

  • कॉपी लिंक

यूक्रेन और रूस के बीच जंग एक बार फिर तेज होने के बीच रूस में भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए बुधवार को एडवाइजरी जारी की। दूतावास ने बेलगोरोद, कुर्स्क और ब्रायंस्क क्षेत्र में रहने वाले भारतीय नागिरकों को ये इलाका छोड़कर सुरक्षित जगह जाने को कहा है।

भारतीय दूतावास ने भारतीयों से कहा कि वे किसी भी मदद के लिए पूरी तरह तैयार हैं। दूतावास ने एक ई-मेल- edu1.moscow@mea.gov.in जारी किया है। एक हेल्पलाइन टेलीफोन नंबर +7 9652773414 भी जारी किया गया है।

रूस और यूक्रेन में जंग के करीब ढाई साल पूरे हो गए हैं। अभी तक यह जंग किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। पहली बार यूक्रेनी सैनिक रूसी इलाके में घुस गए हैं। रूस में बोलोगोरोद में भी आपातकाल घोषित कर दिया है।

इससे पहले 8 अगस्त को कुर्स्क में इमरजेंसी लगाई गई थी। बेलगोरोद के गवर्नर ने कहा है कि यूक्रेन सेनी की बमबारी के कारण घर बर्बाद हो रहे हैं और आम लोगों की जान जा रही है।

रूसी शहर सुद्जा में यूक्रेनी सेना के की गाड़ियां। बोर्ड पर बायीं तरफ यूक्रेन और दायीं तरफ रूस लिखा है।

रूसी शहर सुद्जा में यूक्रेनी सेना के की गाड़ियां। बोर्ड पर बायीं तरफ यूक्रेन और दायीं तरफ रूस लिखा है।

रूस की प्राइवेट वैगनर आर्मी के झंडे पर खड़ा यूक्रेनी सैनिक।

रूस की प्राइवेट वैगनर आर्मी के झंडे पर खड़ा यूक्रेनी सैनिक।

रूसी सीमा के पास मुख्य सड़क पर यूक्रेनी सैनिक।

रूसी सीमा के पास मुख्य सड़क पर यूक्रेनी सैनिक।

तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है। यूक्रेनी सैनिकों के सामने रूसी सैनिकों ने सरेंडर किया है ऐसा दावा किया जा रहा है।

तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है। यूक्रेनी सैनिकों के सामने रूसी सैनिकों ने सरेंडर किया है ऐसा दावा किया जा रहा है।

जेलेंस्की बोले- हर रोज 2-3 किमी आगे बढ़ रही यूक्रेनी सेना
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को दावा किया कि यूक्रेनी सेनाएं रूसी क्षेत्र में रोज 2 से 3 किमी आगे बढ़ रही हैं। हमने कुर्स्क में बहुत मजबूत पोजिशन हासिल कर ली है। उन्होंने ये भी कहा कि यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क में एक रूसी एसयू-34 जेट को मार गिराया है।

जेलेंस्की ने मंगलवार को दावा किया था कि यूक्रेन ने 74 रूसी गांव पर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही 100 रूसी सैनिकों को बंधक भी बना लिया है। यूक्रेन का दावा है कि उसने 4 रूसी एयरबेस (वोरोनिश, कुर्स्क, सावासलेका और बोरिसोग्लेब्स्क) पर बड़ा ड्रोन हमला किया है।

2 लाख रूसी लोगों ने घर छोड़ा
यूक्रेन की वायुसेना ने बुधवार को दावा किया था कि उन्होंने रूस के 17 ड्रोन मार गिराए हैं। BBC के मुताबिक यूक्रेन के अचानक हमले के बाद 2 लाख रूसी नागरिकों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है।

यूक्रेन ने 6 अगस्त को रूस के कुर्स्क इलाके पर हमला शुरू किया था। उसने 13 अगस्त तक 1000 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक सेकेंड वर्ल्ड वार के बार पहली बार है किसी देश ने रूस की सीमा में घुसपैठ की है।

CNN के मुताबिक यूक्रेन ने महज 7 दिन में रूस के उतने हिस्से पर कब्जा कर लिया, जितना रूस ने इस साल यूक्रेनी इलाके पर किया है। अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (ISW) के मुताबिक रूस ने 2024 में यूक्रेन के 1,175 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा किया है।

रूस ने यूक्रेन के 2,300 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया
रूस ने जंग शुरू होने के बाद से अब तक ढाई साल में यूक्रेन के 1 लाख वर्ग किमी इलाके पर कब्जा किया है। यह यूक्रेन की कुल जमीन का 18% है। इस बीच रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन की इस कार्रवाई में उनके 2,300 सैनिक मारे गए हैं। उनके 37 टैंक और कई मिलिट्री वैन बर्बाद कर दिए गए हैं।

पुतिन ने सोमवार को कुर्स्क के स्थानीय नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक की थी। यूक्रेनी हमले को उन्होंने उकसाने वाली हरकत करार दिया। उन्होंने अपने रक्षा अधिकारियों को यूक्रेनी सेना को रूसी इलाके से खदेड़ने का आदेश दिया है।

3 दिन पहले तय हुआ हमला, सैनिकों को 1 दिन पहले पता चला
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक यूक्रेन ने अपने अभियान की तैयारियां बेहद गुप्त रखी थीं। उन्होंने ओक और मेपल के जंगलों में गर्मियों के घने पत्तों के बीच भारी हथियार छिपाए थे। इसे दिखावटी प्रशिक्षण अभ्यासों में सैन्य गतिविधियों को छिपाया गया था।

एक डिप्टी यूक्रेनी ब्रिगेड कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल आर्टेम ने कहा कि हमले से तीन दिन पहले जंगल में सड़क के किनारे एक बैठक में अधिकारियों ने घोषणा की कि वे रूस पर आक्रमण करेंगे। सैनिकों को यह जानकारी केवल एक दिन पहले ही पता चला। अधिकारियों ने सैनिकों के फोन नहीं लिए क्योंकि उन्हें भरोसा था कि वे इसे गुप्त रखेंगे।

खबरें और भी हैं…



Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *