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- Bhaskar Opinion On Congress Have No Answer To The Charge Of Nepotism
38 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष, ख़ासकर कांग्रेस को खूब खरी- खरी सुनाई। गिन- गिनकर विपक्ष के तमाम आरोपों के जवाब दिए लेकिन विपक्ष की तरफ़ से इसका प्रतिकार करने वाला कोई नहीं। न कांग्रेस में और न विपक्ष की अन्य पार्टियों में।
परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर जब- तब मोदी प्रहार करते रहते हैं लेकिन कांग्रेस का कोई नेता इसका जवाब नहीं दे पाता। दे भी कैसे? चौबीसों घंटे परिवार- परिवार जो जपते रहते हैं! मोदी ने एक तरह से राहुल गांधी और उनकी पार्टी पर व्यंग्य कसा- खडगे जी लोकसभा से राज्यसभा में चले गए। ग़ुलाम नबी आज़ाद को पार्टी ही छोड़नी पडी। एक ही प्रोडक्ट को लाँच करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान पर ही ताला लगने वाला है।
पीएम मोदी ने संसद में कहा- हो सकता है कांग्रेस अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा तक जा पहुँचे!
परिवारवाद का ख़ामियाज़ा देश के साथ कांग्रेस पार्टी भी भुगत रही है। लेकिन चेतना नाम की चीज इनके पल्ले अब तक नहीं पड़ी। संसद में मोदी ने यह भी कहा कि हम जैसा काम कर रहे हैं उससे साफ़ है कि हम जहां हैं, वहीं रहेंगे यानी सत्ता पक्ष में।…और विपक्ष जैसा काम कर रहा है, वह भी वहीं यानी विपक्ष में ही रहेगा। हो सकता है कांग्रेस तो अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा तक जा पहुँचे!
मोदी ने यह भविष्यवाणी भी की कि अगले लोकसभा चुनाव में अकेली भाजपा 370 सीटें लाएगी और एनडीए चार सौ के पार पहुँच जाएगा। ये चार सौ पार का भाजपा का नारा कांग्रेस के मन में इतना घर कर गया है कि संसद में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे भी भाजपा को चार सौ पार कराने की बात बोल गए।
हालाँकि उन्होंने बाद में अपनी बात को सुधारा लेकिन पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के सदस्यों ने खडगे की बात पर खूब ठहाके लगाए। जब संसद में बयान देने के लिए पूर्व तैयारी नहीं की जाती तो ऐसा ही होता है। कुल मिलाकर परिवारवाद, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर मोदी इसलिए इतने आक्रामक रहते हैं क्योंकि कांग्रेस के पास कभी उसका कोई जवाब नहीं होता। किसी मुद्दे पर जवाब होता भी है तो उनके नेताओं को जवाब देना नहीं आता।
मल्लिकार्जुन खडगे ने सोमवार को कहा था- भाजपा चार सौ से ज्यादा सीट लेकर आएगी।
जहां तक राहुल गांधी का सवाल है, कभी कभी तो मोदी का नाम सुनते ही वे इतने ग़ुस्से में रहते हैं कि क्या कह रहे हैं, या क्या कहना चाहते हैं, यह किसी को समझ में ही नहीं आता। थक – हारकर कुछ माह पहले हुए मप्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनावों में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी से भी प्रचार करवाकर देख लिया। फिर भी कोई बात नहीं बनी।
हालाँकि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा भी इन दिनों मोदी की भाषा बोल रही हैं। जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल में शर्मिष्ठा ने कहा- कांग्रेस की बेहतरी के लिए ग़ैर- गांधी को आगे आना चाहिए। वैसे शर्मिष्ठा ने खुद कहा है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का मेरा कोई इरादा नहीं है लेकिन अफ़वाहें तो होती ही हैं उड़ने के लिए। उड़ती रहती हैं।