BANGLADESH, SHEIKH HASINA Violence against Bangladeshi Hindus, protests in Canada | बांग्लादेशी हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा, कनाडा में विरोध प्रदर्शन: हजारों हिंदु सड़क पर उतरे, ईसाई-यहूदी भी समर्थन में, अमेरिका और ब्रिटेन में भी प्रदर्शन


1 मिनट पहले

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11 अगस्त को कनाडा के टोरंटो में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन हुए। - Dainik Bhaskar

11 अगस्त को कनाडा के टोरंटो में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन हुए।

बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बीच हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा जारी है। इस हिंसा के खिलाफ रविवार यानी 11 अगस्त को कनाडा में हजारों हिंदुओं ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। इन विरोध में प्रदर्शनों में हिंदुओं के अलावा ईसाई और यहूदी समुदायों के लोगों ने भी हिस्सा लिया।

कनाडाई शहर टोरंटो में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए दबाव बनाने की मांग की।

अमेरिका और ब्रिटेन में विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा के विरोध में शनिवार यानी 10 अगस्त को अमेरिका और ब्रिटेन में विरोध प्रदर्शन हुए। अमेरिका के न्यूयॉर्क और ब्रिटेन के लंदन में सैकड़ों हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन किया।

ब्रिटेन के हाउस ऑफ पार्लियामेंट के बाहर भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने हिंदुओं पर हमले का विरोध किया। उन्होंने ‘हिंदू लाइफ मैटर्स’ के नारे लगाए। इस प्रदर्शन में मानवाधिकार संगठन के सदस्यों समेत कई लोगों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा शनिवार को संयुक्त राष्ट्र संघ के हेडक्वार्टर के बाहर भी कई लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए।

बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से हिंदुओं के घरों, मंदिरों और दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है।

बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदुओं पर 205 हमले
बांग्लादेश में हिंसा के बीच हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले के अब तक 205 मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के हेड मुहम्मद यूनुस ने इसकी निंदा की।

उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यकों पर हमले करना जघन्य अपराध है। बांग्लादेश में रह रहे हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदाय के लोगों की रक्षा करना देश के युवा वर्ग का फर्ज है।”

बांग्लादेश की बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी को संबोधित करते हुए यूनुस ने कहा, “छात्रों ने इस देश को बचाया है। क्या वे अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं कर सकते। वे भी हमारे देश के नागरिक हैं। हमें साथ मिलकर रहना होगा।”

यूनुस बोले- बांग्लादेश युवाओं के हाथ में
यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश अब युवाओं के हाथ में है। बांग्लादेशी मीडिया डेली स्टार के मुताबिक, शनिवार को हजारों हिंदू प्रदर्शनकारियों ने ढाका और चिटगांव में सड़कें जाम कीं। उन्होंने अपने घरों, दुकानों और मंदिरों पर हो रहे हमलों का विरोध किया।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘हिंदुओं की रक्षा करो’, ‘हमें इंसाफ चाहिए’ और ‘देश सभी नागरिकों का है’ जैसे नारे भी लगाए। उन्होंने पूछा कि हिंदुओं के घर और मंदिर क्यों लूटे जा रहे हैं? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद उनकी पार्टी अवामी लीग के 2 हिंदू नेताओं की हत्या की जा चुकी है।

मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के हेड के तौर पर शपथ ली थी।

मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के हेड के तौर पर शपथ ली थी।

हिंदुओं की मांग- अल्पसंख्यकों के लिए अलग मंत्रालय बने
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं पर हमले रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए एक अलग मंत्रालय की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि उन्हें बांग्लादेश की संसद में 10% सीटें दी जानी चाहिए।

प्रदर्शनकारियों ने हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा भी मांगा। इसके अलावा तोड़े गए मंदिरों को फिर से बनाने की भी मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे इस देश में पैदा हुए हैं। यह उनके पूर्वजों की जमीन है। यह देश उनका भी उतना ही है। वे भले ही यहां मार दिए जाएं, फिर भी अपना जन्मस्थान बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे। वे अपना अधिकार पाने के लिए सड़कों पर रहेंगे।

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