डिसपुर1 मिनट पहले
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असम सरकार जल्द ही पब्लिक एग्जाम में नकल रोकने के लिए कड़े कानून लागू कर सकती है। सोमवार को राज्य सरकार ने विधानसभा में एक बिल पेश किया, जिसके तहत एग्जाम में नकल करने के दोषी को कम से कम पांच साल जेल की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
इस कानून का नाम असम पब्लिक एग्जामिनेशन (भर्ती में अनुचित तरीकों को रोकने के साधन) बिल, 2024 है। इसके तहत न सिर्फ परीक्षार्थी बल्कि एग्जाम करवाने वाली अथॉरिटी पर भी केस किया जा सकता है। अगर ये बिल कानून बनता है तो ऐसा करने वाला असम देश का पहला राज्य होगा।
दोषी पाया गया परीक्षार्थी दो साल किसी एग्जाम में नहीं बैठ पाएगा
असम सरकार ने बताया कि इस बिल में दोषी को 5 से 10 साल की सजा और 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रस्ताव रखा गया है। नकल करने वाले परीक्षार्थी के सजा कम गंभीर है- तीन साल जेल और 1 लाख रुपए जुर्माना। लेकिन जुर्माना न भर पाने की स्थिति में दो साल और जेल में रहना पड़ेगा।
इसके अलावा, इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर व्यक्ति दो साल तक किसी पब्लिक एग्जाम में नहीं बैठ पाएगा। दोषी पाए जाने वाले संस्थान को हमेशा के लिए बैन किया जा सकता है। एग्जाम में नकल से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच डिप्टी सुपरिंटेंडेंट या उससे ऊपर की रैंक के पुलिस अफसर करेंगे। पेपर लीक के मामलों की सुनवाई के लिए अलग-अलग कोर्ट तय किए जाएंगे।
इन मामलों में 10 साल तक की सजा और 10 करोड़ जुर्माना लगाया जा सकता है
प्रस्तावित बिल में बताया गया है कि एग्जाम करवाने वाले लोगों की तरफ से क्या-क्या गलतियां हो सकती हैं। इनमें पेपर लीक करने की कोशिश करना, क्वेश्चन पेपर हासिल करना, बेचना या प्रिंट करना, सॉल्व करना, किसी भी गलत तरीके से की परीक्षार्थी की मदद करना, तय एग्जाम सेंटर के अलावा किसी और जग एग्जाम करवाना या तय प्रिंटिंग प्रेस के अलावा कहीं और क्वेश्चन पेपर या ब्लैंक आंसर शीट प्रिंट करवाना शामिल है। ऐसे दोषियों के लिए जेल की सजा 10 साल और जुर्माने की राशि बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए की जा सकती है।