The body is smart, it balances its hormones on its own | शरीर स्मार्ट है, खुद हार्मोन बैलेंस कर लेता है: सप्लीमेंट सबके लिए जरूरी नहीं, जीवनशैली अच्छी रखें, क्या नहीं खाना है


न्यूयॉर्क2 मिनट पहले

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एक्सपर्ट बोले- सोशल मीडिया पर किए जा रहे भ्रामक दावों पर भरोसा न करें, नुकसान हो सकता है। - Dainik Bhaskar

एक्सपर्ट बोले- सोशल मीडिया पर किए जा रहे भ्रामक दावों पर भरोसा न करें, नुकसान हो सकता है।

पिछले दिनों अमेरिका में सोशल मीडिया पर एक वीडियो में बताया गया था कि रोजाना ज्यादा कोको खाने से शरीर के हार्मोन संतुलित हो जाते हैं। इस दावे पर लोगों ने भरोसा भी कर लिया। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. तारानेह नाजेम कहती हैं, ज्यादा कोको नींद व धड़कनों पर असर डाल सकता है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर हार्मोनल हेल्थ, कम एनर्जी, खराब नींद जैसी समस्याओं को ठीक करने के लिए सप्लीमेंट्स को बढ़ावा देने वाली पोस्ट की भरमार है। डॉ. तारनेह कहती हैं, हमारा शरीर स्मार्ट है, वह खुद चीजें बैलेंस कर लेता है। सही जीवन शैली, अच्छी डाइट से हार्मोन हेल्थ बेहतर रख सकते हैं।

तनाव से बिगड़ सकता है हार्मोन स्तर, भरपूर नींद लें… कुछ फूड मददगार, पर एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी

1. थायराइड : ये शरीर में ऊर्जा स्तर, तापमान, वजन और मेटाबॉल्जिम नियंत्रित करते हैं। क्लिनिकल न्यूट्रिशन कोऑर्डिनेटर पेरी हैल्परिन कहती हैं, थायराइड से जुड़ी समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लें। वे इसके लिए दवा बता सकते हैं। मददगार फूड: आयरन, सेलेनियम, जिंक व आयोडीन जैसे खनिज। ब्राजील नट्स, अनाज और डेयरी उत्पादों में अच्छी मात्रा में मिलेंगे। 2. कॉर्टिसोल: शारीरिक या भावनात्मक रूप से तनावग्रस्त होने पर शरीर ये हार्मोन रिलीज करता है। इसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहते हैं। सुबह इसका स्तर ज्यादा होता है, रात होते-होते घटता है ताकि हम सो सकें। यह लय बिगड़ने पर थकान के साथ वजन बढ़ने लगता है। फंक्शनल डाइट एक्सपर्ट केटी हैडली कहती हैं, डॉक्टर की सलाह बिना सप्लीमेंट्स न लें। मददगार फूड: मैग्नीशियम व विटामिन बी से कॉर्टिसोल बैलेंस करने में मदद मिलती है। प्लांट बेस्ड डाइट से फायदा। सोडा-चीनी घटाकर भी कॉर्टिसोल स्तर को कम कर सकते हैं। 3. मेलाटोनिन: सोने-जागने का साइकिल सही रखता है। स्लीप हार्मोन भी कहते हैं। सोने से पहले शांत रहना, कैफीन या अल्कोहल से दूरी मेलाटोनिन का उत्पादन बढ़ाती है। मददगार फूड: चेरी जूस व ट्रिप्टोफैन अमीनो एसिड वाले फूड अंडे, पनीर, दही और क्विनोआ जैसे फूड। जई, अखरोट, कद्दू के बीज भी मेलाटोनिन स्तर बढ़ाते हैं। 4.सेरोटोनिन: इसे मूड हार्मोन भी कहते हैं। सेरोटोनिन स्तर कम होने से डिप्रेशन होता है। मददगार फूड: ट्रिप्टोफैन अमीनो एसिड वाले फूड, टोफू, पालक और कोको से बने उत्पाद इसका स्तर बढ़ाने में मदद करते हैं। 5. इंसुलिन: ब्लड में शुगर लेवल घटाता है। इसकी कमी से डायबिटीज की समस्या होती है। मददगार फूड: करेला पैंक्रियाज को सक्रिय करता है, इंसुलिन रिलीज बढ़ता है। मेथी, दालचीनी के अलावा प्लांट बेस्ड प्रोटीन भी कारगर हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. एलेक्स रॉबल्स कहते हैं कि शुगर लेवल हमेशा बढ़ा रहता है तो इलाज लेना जरूरी है।

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