Israel’s settlement policies violate international law, says ICJ | इंटरनेशनल कोर्ट ने यरुशलम पर इजराइली कब्जे को गैरकानूनी बताया: कहा- जमीन खाली करें, फैसले से नाराज लोगों ने फिलिस्तीनी बस्तियां जलाईं


2 मिनट पहले

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ICJ ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलम पर इजराइल के कब्जे को गैरकानूनी माना है। कोर्ट ने अपने फैसले में इजराइल को जमीन खाली करने और मुआवजा देने की सलाह भी दी है। - Dainik Bhaskar

ICJ ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलम पर इजराइल के कब्जे को गैरकानूनी माना है। कोर्ट ने अपने फैसले में इजराइल को जमीन खाली करने और मुआवजा देने की सलाह भी दी है।

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने शुक्रवार को अहम घोषणा करते हुए कहा कि इजराइल का फिलिस्तीनी इलाकों पर कई दशकों से अवैध कब्जा है और इसे जल्द से जल्द समाप्त किया जाना चाहिए। इजराइल ने 1967 में अरब देशों को हराने के बाद वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था। ICJ ने ये टिप्पणी इन्हीं इलाकों को लेकर की है।

ICJ ने कहा कि इजराइल ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है और फिलिस्तीनियों के अधिकारों को छीन लिया है। वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। इजराइल को इन इलाकों पर इतने सालों तक शासन के कारण फिलिस्तीनियों को मुआवजा देना चाहिए।

टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक ICJ के फैसले के बाद वेस्ट बैंक में बसाए गए इजराइली लोगों का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने वेस्ट बैंक के करीब फिलिस्तीनी आबादी वाले बुरीन गांव में आग लगा दी। वहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस फैसले को खारिज करते हुए इसे ‘झूठा फैसला’ बताया है।

ICJ के फैसले के बाद वेस्ट बैंक के करीब बसे फिलिस्तीनी आबादी वाले बुरीन गांव में इजराइली लोगों ने आग लगा दी।

ICJ के फैसले के बाद वेस्ट बैंक के करीब बसे फिलिस्तीनी आबादी वाले बुरीन गांव में इजराइली लोगों ने आग लगा दी।

नेतन्याहू बोले- यरुशलम हमेशा से इजराइल की है
ICJ के फैसले के बाद PM नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि यहूदी लोगों ने फिलिस्तीनियों की जमीन पर कब्जा नहीं किया है। वे जहां रह रहे हैं वे उनकी अपनी जमीन है। यरुशलम कब्जाई जमीन नहीं है बल्कि, इजराइल की राजधानी है। ये आज से नहीं है, हमेशा से ही ये इजराइलियों की जमीन है।

नेतन्याहू ने कहा कि ICJ का कोई भी फैसला इस ऐतिहासिक सच को झुठला नहीं सकेगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अनुरोध पर ICJ ने ‘इजराइली कब्जे पर’ विभिन्न देशों की दलीलें सुनने के लिए फरवरी में एक सप्ताह का सत्र बुलाया था। इसमें कई देशों ने इजराइल से 57 साल पुराने कब्जे को छोड़ने की अपील की थी।

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15 में से 11 जजों ने इजराइल के खिलाफ फैसला सुनाया
ICJ में 15 जज हैं जिनमें से 11 जजों ने इजराइल के खिलाफ फैसला सुनाया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ICJ का ये फैसला सिर्फ एक सलाह है जिसे मानने के लिए इजराइल को मजबूर नहीं किया जा सकता है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए ICJ को शुक्रिया कहा।

मंसूर कहा कि हमारे लोग इस अवैध कब्जे को खत्म करना चाहते हैं। आज जो हुआ है वह इस कब्जे को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा अहम कदम है। उन्होंने कहा कि वे इस फैसले से जुड़ी सभी बारीकियों को पढ़ेंगे और इसके आधार पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बेहतर प्रस्ताव पेश करेंगे।

बेन ग्विर बोले- वेस्ट बैंक के बाकी हिस्सों पर कब्जा जरूरी
इस फैसले के बाद PM नेतन्याहू की सरकार में सहयोगी पार्टी के नेता इतमार बेन ग्विर ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि इजराइल को इस फैसले के जवाब में वेस्ट बैंक के बाकी हिस्सों पर कब्जा कर लेना चाहिए।

इजराइल के ऊर्जा मंत्री एली कोहेन ने सोशल मीडिया पर कहा कि ये हमारे पूर्वजों की जमीन है। हमने यहां पर आने के लिए 2000 सालों तक प्रार्थना की तब हमें ये जगह मिल पाई है। ICJ यहूदी विरोधी अदालत है। उसके फैसले से हम पर रत्ती भर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने गाजा से 2005 में इजराइल की वापसी को एक गलती बताया और कहा कि अब वेस्ट बैंक छोड़कर इजराइल वहीं गलती नहीं दोहराएगा। गौरतलब है कि इजराइल ने 2005 में गाजा पर से अपना दावा छोड़ दिया था।

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इजराइल ने जून में हमास की कैद से 4 बंधकों को छुड़ा लिया। इजराइली सेना ने गाजा के नुसीरत शरणार्थी शिविर में फायरिंग के बीच इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में कम से कम 274 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। इसके अलावा 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं। पूरी खबर पढ़ें…



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