ढाका1 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
5 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फिर से आरक्षण देने का आदेश दिया था। इसके बाद ही छात्र नाराज हुए।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन अब उग्र हो चला है। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार 18 जुलाई को बांग्लादेश के मुख्य सरकारी टीवी चैनल BTV के मुख्यालय में आग लगा दी है। शेख हसीना ने आज गुरुवार को इसी चैनल को इंटरव्यू दिया था।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक BTV ऑफिस में मौजूद कई लोग अब भी अंदर फंस हुए है। एक कर्मचारी के मुताबिक सैकड़ों प्रदर्शनकारी BTV ऑफिस के कैंपस में घुस आए और 60 से ज्यादा गाड़ियों में आग लगा दी। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज BTV को इंटरव्यू दिया था।
छात्रों और पुलिस के बीच गुरुवार को भी हिंसक झड़पें हुईं। AFP की रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा में गुरुवार को कम से कम 25 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शन शुरू होने के बाद से कम से कम 32 लोगों की मौत हुई है।
हिंसा की तस्वीरें देखिए…
गुरुवार को प्रदर्शन सबसे उग्र रहा। अब तक कम से कम 25 लोगों के मारे जाने की सूचना है।
ढाका में प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मी को घेरकर मारते प्रदर्शनकारी।
प्रदर्शनकारियों को तीतर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
सरकार ने सड़कों पर दंगा विरोधी टैंक उतर दिए है।
पुलिस टैंकों पर चढ़कर छात्रों पर आंसू के गोले दाग रही है।
ढाका में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स शहर छोड़ रहे हैं।
15 जुलाई को ढाका में जहांगीर नगर विश्वविद्यालय में रिजर्वेशन के खिलाफ हिंसा भड़की।
सरकार समर्थक छात्र संगठन और आरक्षण विरोधी छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प बुधवार को जारी रही।
तस्वीर ढाका यूनिवर्सिटी की जहां कई दिनों से हिंसा जारी है। इसमें सबसे ज्यादा छात्राएं घायल है।
इन प्रदर्शन में छात्राएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।
बांग्लादेश में पिछले 5 दिनों से हिंसा जारी है।
बांग्लादेश में छात्र संगठनों ने गुरुवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ विरोध
बांग्लादेश 1971 में आजाद हुआ और इसी साल से वहां पर 56 फीसदी कोटा सिस्टम लागू हो गया था। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में 30%, पिछड़े जिलों के लिए 10%, महिलाओं के लिए 10%, अल्पसंख्यकों के लिए 5% और 1% विकलांगों को दिया गया।
इस हिसाब से सरकारी नौकरियों में 56% आरक्षण है। शुरू में स्वतंत्रता सेनानियों के बेटे-बेटियों को ही आरक्षण मिलता था लेकिन 2009 से इसमें पोते-पोतियों को भी जोड़ दिया गया।
साल 2018 में 4 महीने तक छात्रों के प्रदर्शन के बाद हसीना सरकार ने कोटा सिस्टम खत्म कर दिया था, लेकिन बीते महीने 5 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फिर से आरक्षण देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 2018 से पहले जैसे आरक्षण मिलता था, उसे फिर से उसी तरह लागू किया जाए।
शेख हसीना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील भी की मगर सुप्रीम कोर्ट ने अपना पुराना फैसला बरकरार रखा। इससे छात्र नाराज हो गए। अब इसी के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है।
PM हसीना का राष्ट्र के नाम संबोधन
इससे पहले बुधवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। उन्होंने घोषणा की है कि रिजर्वेशन के खिलाफ आंदोलन में हुई मौतों की जांच के लिए एक न्यायिक जांच समिति गठित की जाएगी। इस दौरान शेख हसीना ने प्रदर्शनकारी छात्रों से देश की न्यायिक प्रणाली में विश्वास बनाए रखने की अपील की। उन्होंने छात्रों को यकीन दिलाया कि उन्हें न्याय मिलेगा।
शेख हसीना ने आरक्षण विरोध प्रदर्शन में हुए जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने छात्रों से अपील किया कि वे उपद्रवियों को स्थिति का फायदा उठाने का मौका न दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने हत्याएं की हैं, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें कटघरे में लाया जाएगा, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों।
जनवरी में हुए आम चुनाव के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर प्रदर्शनइस साल जनवरी में हुए आम चुनाव के बाद ये पहली बार है जब देश में इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों को 1971 में बांग्लादेश को आजादी दिलाने वाले लोगों के बच्चे भी शामिल हैं। लोगों का कहना है कि हसीना सरकार ने उन लोगों को आरक्षण दिया है, जिनकी आमदनी ज्यादा है।
ये लोग वे लोग है जिन्हें हसीना का वोटर्स माना जाता है। सरकार का कहना है कि विकलांग लोगों और अल्पसंख्यक समुदाय लोगों को नौकरी में 30% आरक्षण दिया गया था।
स्टूडेंट्स की 5 मांगे हैं….
1- आरक्षण 56% से घटाकर इसे 10% किया जाए।
2- अगर कोई आरक्षित सीटों से योग्य उम्मीदवार नहीं मिलता है तो भर्ती मेरिट लिस्ट से कि जाए।
3- सभी के लिए एक समान परीक्षा हो।
4- सभी उम्मीदवारों के लिए उम्र सामान हो।
5- कोई भी उम्मीदवार एक बार से ज्यादा बार आरक्षण का इस्तेमाल न करें।
Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.
Source link