माले/ नई दिल्ली4 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
सोशल मीडिया पर ये फुटेज उस वक्त की बताई गई है जब भारतीय कोस्ट गार्ड मालदीव के मछुआरों से पूछताछ कर रहे थे।
मालदीव ने भारत के कोस्ट गार्ड्स पर आरोप लगाया है कि वो बिना इजाजत उनके 3 फिशिंग वेसेल्स (जहाजों) पर आ गए। ये जहाज मालदीव के एक्सक्लूसिव इकॉनोमिक जोन में ऑपरेट कर रहे थे। कोस्ट गार्ड्स ने जहाजों की तलाशी ली। मुइज्जू सरकार ने इस घटना पर भारत सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। इस मामले को लेकर भारत ने अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि 31 जनवरी को भारतीय सेना ने उनके एक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में ऑपरेट कर रहे जहाजों को बिना परमिशन के इंटरसेप्ट किया और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है।
तस्वीर मालदीव के जहाज का बताया गया है, जिसमें भारत के कोस्टगार्ड्स ने तलाशी ली।
विदेश मंत्रालय ने जवाब मांगा
मालदीव की सरकार ने विदेश मंत्रालय के जरिए इस घटना पर आधिकारिक जवाब मांगा है। बयान में कहा है कि इंडियन कोस्ट गार्ड की शिप 246 और शिप 253 के गार्ड्स ने मालदीव के मछुआरों से पूछताछ की। ये किस आधार पर हुई है ये बताएं।
ये घटना उस वक्त जब कल ही मुइज्जू सरकार ने कहा था की मालदीव में मौजूद सभी भारतीय सैनिक 10 मई 2024 तक रिप्लेस हो जाएंगे। इसका पहला चरण 10 मार्च तक पूरा हो जाएगा। हालांकि, ये जानकारी नहीं दी गई थी कि सैनिकों को किससे रिप्लेस किया जाएगा। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सैनिकों की जगह पूर्व सैनिक या सिविलियन्स भेजे जा सकते हैं।
भारत के 80 सैनिक मालदीव में मौजूद हैं। ये नॉन मिलिट्री ऑपरेशन्स में वहां की सेना की मदद करते हैं। मालदीव के चीन परस्त राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु चाहते हैं कि भारत अपने सैनिकों को उनके देश से वापस बुला ले। इसके लिए उन्होंने 15 मार्च 2024 डेडलाइन दी है।
दिसंबर 2023 में हुए COP28 समिट में PM मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने दोनों देशों के रिश्ते मजबूत करने पर चर्चा की थी।
मुइज्जु ने कहा था- मालदीव में सेना की मौजूदगी हमारी लोकतांत्रिक आजादी का अपमान
- पिछले महीने मुइज्जु ने कहा था कि अगर भारत अपनी सेना को नहीं हटाएगा तो यह मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक आजादी का अपमान होगा। यह मालदीव में लोकतंत्र के भविष्य के लिए खतरा होगा। मीडिया हाउस टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति मुइज्जु ने भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई थी।
- उन्होंने कहा था कि ये आपसी सम्मान और विश्वास पर आधारित है। मुइज्जू ने भरोसा जताया कि मालदीव से भारत की सैन्य उपस्थिति के मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में बिना संसद की इजाजत के दूसरे देश की सेना की उपस्थिति संविधान के खिलाफ है।
- मालदीव के विकास और क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत की भूमिका और इंडिया फर्स्ट पॉलिसी पर राष्ट्रपति मुइज्जु ने कहा था- भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी है। वो हमारे खास दोस्तों में से एक है। दोनों देशों में ऐतिहासिक तौर पर बहुत सी समानताएं रही हैं। ट्रेड, टूरिज्म और कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में हमारे रिश्ते तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 2023 में भारत से मालदीव में सबसे ज्यादा टूरिस्ट आए।
- अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चीन समर्थक कहे जाने पर मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा था- हम किसी भी देश के समर्थक या उसके विद्रोह में नहीं हैं। मेरी सरकार सिर्फ मालदीव के लोगों के पक्ष में है। जो भी नीतियां मालदीव के लोगों के पक्ष में होगी, हम उन पर अमल करेंगे। हमारा मकसद देश की आर्थिक स्थिति को और बेहतर करना है, जिससे हम हिंद महासागर में शांति और स्थिरता बनाए रखने में बेहतर भूमिका निभा सकें।