3 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस दौरे पर सोमवार शाम 5 बजे मॉस्को पहुंचे। यहां राष्ट्रपति पुतिन ने उनके लिए प्राइवेट डिनर रखा। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई।
पुतिन ने कहा, ‘आपका हार्दिक स्वागत है। आपको देखकर बहुत खुशी हो रही है। हमारे बीच औपचारिक बातचीत कल होने वाली है। आज अनौपचारिक रूप से हम घर के वातावरण में उन्हीं मामलों पर बातचीत कर सकते हैं।’
मोदी ने कहा, ‘आपने मुझे अपने घर पर बुलाया। आज की शाम हम साथ में गप्प मारे, इसलिए आपने ये तय किया। अपने घर पर बुलाने के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।’
पुतिन ने गले लगाकर पीएम मोदी का स्वागत किया।
इससे पहले सोमवार शाम मॉस्को में वनुकोवो-2 इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया। इस दौरान रूसी सेना ने भारतीय राष्ट्रगान की धुन बजाई।
आज मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। मोदी आज मॉस्को में रहने वाले भारतीय प्रवासियों के एक दल को भी संबोधित करेंगे।
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने न्यूज एजेंसी TASS से कहा कि आज दोपहर में राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच बैठक शुरू होगी। उन्होंने कहा कि ये एक निजी बातचीत होगी। इसके बाद दोनों नेता ब्रेकफास्ट करेंगे। आज PM मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच मुलाकात के दौरान कई आर्थिक घोषणाएं हो सकती हैं।
नए ट्रेड रूट को लेकर दोनों देशों के बीच डील संभव
रूस और भारत के बीच नए ट्रेड रूट को लेकर डील फाइनल हो सकती है। दोनों देश आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए नए अग्रीमेंट पर साइन कर सकते हैं। ये ट्रेड रूट भारत को ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए सेंट्रल एशिया से होते हुए रूस तक कनेक्ट करेगा।
अगर ये डील पूरी हो जाती है तो रूस की तरफ से भारत आने वाले कच्चे तेल समेत अन्य इंपोर्टेड सामानों की कीमत में गिरावट आएगी। साथ ही भारत की तरफ से होना वाला एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा।
रूस के साथ नए रक्षा समझौतों पर हो सकती घोषणा
भारत रूस के बीच नए रक्षा समझौतों पर सहमति बन सकती है। भारतीय सेना के हथियारों और उपकरणों का बड़ा हिस्सा आज भी रूस से आता है। दोनों देश भारत में भी ज्वाइंट वेंचर्स के जरिए हथियारों और उपकरणों के उत्पादन के लिए काम कर रहे हैं।
मॉस्को स्थित एक थिंक टैंक के मुताबिक रूस और भारत के बीच नए एयर डिफेंस सिस्टम, सुखोई 30एमकेआई की खरीद और केए-226 हैलीकॉप्टर के लाइसेंस्ड प्रोडक्शन के लिए डील फाइनल हो सकती है।
यूक्रेन जंग के बाद रूस से इंपोर्ट होने वाले स्पेयर पार्ट्स की डिलीवरी में भी देरी आ रही है। ऐसे में भारत की कोशिश रहेगी कि उसे मिलने वाले हथियारों और उपकरणों की आपूर्ति समय पर हो पाए।ऐसे में भारत में स्पेयर पार्ट्स और हथियारों के उत्पादन के लिए दोनों देशों के बीच नए समझौतों पर आपसी सहमति बन सकती है।
सस्ते तेल को लेकर मिल सकती है गारंटी
यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत द्वारा रूस से होने वाले कच्चे तेल के आयात में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। रूस पर लगे पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद रूस ने कच्चे तेल के दाम घटा दिए थे। प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखा।
युद्ध के 2 साल होने के बाद भी रूस भारत को सस्ते दामों पर कच्चा तेल बेच रहा है। ऐसे में भारत की कोशिश है कि उसे मिलने वाले तेल में किसी भी प्रकार की कमी न आ पाए
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