विशाखापट्टनम4 मिनट पहले
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भारतीय नौ सेना का INS संध्याक आज विशाखापट्टनम में कमीशन किया जाएगा। यह एक सर्वे वेसल है, जो समुद्र में निगरानी को और मजबूत बनाएगा।
इस जहाज की रेंज 11 हजार किमी है। यह बंदरगाहों से लेकर समुद्री तटों तक की निगरानी करेगा। जहाज में बोफोर्स गन भी लगी है और जरूरत पड़ने पर इसमें चेतक हेलिकॉप्टर की भी तैनाती की जा सकती है।
अब 5 पॉइंट में INS संध्याक के बारे में समझिए…
1. INS संध्याक क्या है
INS संध्याक पहली बार नौसेना में कमीशन नहीं किया जा रहा है। इसका पुराना वर्जन 1981 से 2021 तक इंडियन नेवी का हिस्सा रहा। जिसे 4 जून 2021 को रिटायर कर दिया गया। पुराने वर्जन के मुकाबले नया सर्वे शिप काफी एडवांस्ड है।
2. संध्याक का रोल क्या है
संध्याक शिप का मुख्य काम सर्वे और नेविगेशन को बेहतर बनाना है। समुद्र की गहराई में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करके कई जानकारियां देगा। यह गहरे और उथले पानी में मल्टी-बीम इको-साउंडर्स प्रोड्यूस करेगा। साथ ही समंदर के अंदर आ रहे किसी भी जहाज को ट्रैक कर सकेगा। संध्याक में सैटेलाइट बेस्ड पोजिशनिंग सिस्टम भी मौजूद है।
3. नेवी को क्या फायदा होगा
यह जहाज नौसेना के कई मिशन में अहम भूमिका निभाएगा। संध्याक सर्विलांस को मजबूती देगा। बंदरगाहों, नेविगेशनल चैनल्स/रूट, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का पूर्ण पैमाने पर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना है।
4. रेंज और खासियत क्या है
नया संध्याक दो डीजल इंजनों से चलता है। समंदर में इसकी स्पीड 30 किलोमीटर प्रतिघंटा है। वहीं रेंज 11 हजार किलोमीटर है। जहाज की लंबाई 288.1 फीट है, वजन 3400 टन है। यह 80 फीसदी स्वदेशी है। जहाज पर 18 अधिकारी और 160 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं।
5. ऐसे कितने जहाज नेवी के पास
इस जहाज को मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता ने बनाया है। इंडियन नेवी के लिए GRSE के चार सर्वे वेजल यानी जहाज बनाए जा रहे हैं। INS संध्याक इस सीरीज में पहला जहाज है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस जहाज को बनाने की प्रक्रिया 12 मार्च 2019 को शुरू हुई थी। इसे 5 दिसंबर 2021 को लॉन्च कर दिया गया था। पोर्ट्स और समुद्र में कई तरह के परीक्षणों के बाद INS संध्याक को 4 दिसंबर 2023 को नेवी डे के मौके पर नौसेना को सौंप दिया गया था और 3 फरवरी को यह कमीशन हुआ।
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