UK Election Voting 2024 LIVE Update; Rishi Sunak Keir Starmer | Conservative Labour Party | सुनक या स्टार्मर, आज किसे चुनेंगे 5 करोड़ वोटर: समय से 6 महीने पहले हो रहे चुनाव; शाही परिवार को नहीं है मतदान का अधिकार


5 मिनट पहले

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ब्रिटेन में आज आम चुनाव हैं। कंजर्वेटिव पार्टी से भारतीय मूल के ऋषि सुनक और लेबर पार्टी से कीर स्टार्मर प्रधानमंत्री पद के लिए आमने-सामने हैं। अगले 5 साल तक ब्रिटेन का भविष्य तय करने के लिए आज 5 करोड़ वोटर्स सांसदों का चुनाव करेंगे। ब्रिटेन में वोटिंग गुरुवार सुबह 7 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 11:30 बजे) शुरू होगी, जो रात 10 बजे (भारत में रात 2:30 बजे) खत्म होगी।

ब्रिटेन में बैलेट पेपर के जरिए मतदान होता है। ब्रिटेन के चुनाव में न केवल वहां के नागरिक बल्कि UK में रहने वाले कॉमनवेल्थ देशों के नागरिक जैसे भारतीय, पाकिस्तानी, ऑस्ट्रेलियाई भी मतदान कर सकते हैं।

तस्वीर 27 जून की है, जब आम चुनाव से पहले सुनक और कीर स्टार्मर के बीच आखिरी डिबेटी हुई थी।

तस्वीर 27 जून की है, जब आम चुनाव से पहले सुनक और कीर स्टार्मर के बीच आखिरी डिबेटी हुई थी।

सुबह चुनाव, रात में गिनती और अगले दिन नतीजे
वोटिंग खत्म होने के ठीक बाद अलग-अलग मीडिया हाउस एग्जिट पोल देना शुरू कर देंगे। देश में रातभर पोलिंग स्टेशन्स पर वोटों की गिनती होगी। इसके बाद 5 जुलाई के तड़के यह साफ हो जाएगा कि चुनाव में कौन-सी पार्टी ने जीत दर्ज की।

14 साल से ब्रिटेन पर राज कर रही सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी इस बार के चुनाव में हारती नजर आ रही है। इलेक्शन से पहले हुए अलग-अलग सर्वे में विपक्ष की लेबर पार्टी को बहुमत मिलता दिखाया गया है।

2019 में 67.3% वोटिंग हुई थी। तब सुनक की कंजरवेटिव पार्टी को 365, कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी को 202 और लिबरल डेमोक्रेट्स को 11 सीटें मिलीं थी। इस बार लगभग सभी सर्वे में कंजरवेटिव पार्टी की करारी हार की आशंका जताई है। यूगोव के सर्वे के मुताबिक लेबर पार्टी को 425, कंजरवेटिव को 108, लिबरल डेमोक्रेट को 67, SNP को 20 सीटें मिल सकती हैं।

सुनक के राज में अमीर-गरीब के बीच फासला बढ़ा
ब्रिटेन की राजनीति में अब तक के सबसे युवा और भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की लोकप्रियता कम होने की सबसे बड़ी वजह वहां की अर्थव्यवस्था रही है। दरअसल, अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में सुनक इकोनॉमी को पटरी पर लाने में नाकाम रहे हैं। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अमीरों और गरीबों के बीच का फासला लगातार बढ़ता जा रहा है।

इसकी वजह से लोगों के जीवन जीने के स्तर में गिरावट आई है। 6.70 करोड़ की आबादी वाले ब्रिटेन में प्रति व्यक्ति आय 38.5 लाख रुपए है। यहां महंगाई दर 2% है तो वहीं खाद्य महंगाई दर 1.7% है। ब्रिटेन के 70 साल के इतिहास में टैक्स दरें सबसे ज्यादा हैं। सरकार के पास जनता पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं। इसकी वजह से पब्लिक सर्विस सिस्टम ठप होता जा रहा है।

भारत की तरह ही है ब्रिटेन का पॉलिटिकल सिस्टम
ब्रिटेन का राजनीतिक ढांचा काफी हद तक भारत से मिलता-जुलता है। यहां भी संसद के 2 सदन हैं। इन्हें हाउस ऑफ कॉमन्स और हॉउस ऑफ लॉर्ड्स कहा जाता है। ब्रिटेन के नागरिक आम चुनाव में हाउस ऑफ कॉमन्स (लोअर हाउस) के लिए सांसदों का चुनाव करते हैं। जिस पार्टी को 50% से ज्यादा सीटें मिलती है, वह सरकार बनाती है। पार्टी के लीडर को देश का प्रधानमंत्री घोषित किया जाता है।

ब्रिटेन की संसद में कुल 650 सीटें हैं। चुनाव जीतने के लिए पार्टियों को 326 का आंकड़ा पार करना होगा। अगर किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो वे बाकी छोटे दलों के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बना सकते हैं।

वहीं हाउस ऑफ लॉर्ड्स (अपर हाउस) के सदस्यों का चुनाव नहीं होता, इन्हें प्रधानमंत्री की सिफारिश पर नियुक्त किया जाता है। इसके सदस्यों की संख्या भी निर्धारित नहीं होती है। 20 जून 2024 तक ब्रिटेन के अपर हाउस में 784 सदस्य थे।

ब्रिटेन में भारत की तरह वोटिंग से पहले बड़ी-बड़ी रैलियां नहीं होतीं। बल्कि प्रत्याशी घर-घर जाकर कैंपेन चलाते हैं। इस दौरान वे मतदाता से सीधे उनकी समस्याओं और चुनावी मुद्दों पर बात करते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री पद के न्यूज चैनल्स को दिए इंटरव्यूज में अपना पक्ष रखते हैं। साथ ही वे वोटरों को साधने के लिए मंदिर भी जाते हैं और कई ईवेंट्स भी ऑर्गेनाइज करवाते हैं।

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