3 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले फरवरी में इमरान खान को 3 अलग-अलग मामलों में 31 साल की सजा हुई थी। (फाइल)
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सरकारी खजाने के तोहफे बेचने के मामले (तोशाखाना केस) में राहत मिल गई है। ‘जियो न्यूज लाइव’ के मुताबिक बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इमरान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी समेत 8 लोगों को इस मामले में बरी कर दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक तोशाखान मामले में बरी होने के बाद भी इमरान जेल में ही रहेंगे। दरअसल, इस साल फरवरी में पाकिस्तान में हुए चुनाव से कुछ दिन पहले ही इमरान को 3 मामलों में कुल 31 साल की सजा सुनाई गई थी। इससे एक दिन पहले इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को भ्रष्टाचार एक मामले में जमानत मिली चुकी है।
इमरान खान को 5 अगस्त 2023 को तोशाखाना मामले में 3 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए खान के 5 साल तक चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया था। इसके बाद लाहौर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
जिन तोहफों को इमरान ने बेचा था उनमें एक बेशकीमती घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स वॉच शामिल थीं।
क्या है तोशाखाना केस
- पिछले साल उस वक्त की सरकार (सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट या PDM) ने चुनाव आयोग के सामने तोशाखाना गिफ्ट मामला उठाया था। कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था। इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था, बेचने पर उन्हें 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी।
- करीब तीन साल पहले अबरार खालिद नाम के एक पाकिस्तानी शख्स ने इन्फॉर्मेशन कमीशन में एक अर्जी दायर की थी। कहा- इमरान को दूसरे देशों से मिले गिफ्ट्स की जानकारी दी जाए। जवाब मिला- गिफ्ट्स की जानकारी नहीं दी जा सकती। खालिद भी जिद्दी निकले। उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
- इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान से पूछा था- आप तोहफों की जानकारी क्यों नहीं देते? इस पर खान के वकील का जवाब था- इससे मुल्क की सलामती यानी सुरक्षा को खतरा है। दूसरे देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसलिए अवाम को दूसरे देशों से मिले तोहफों की जानकारी नहीं दे सकते।
तस्वीर जनवरी 2019 की है। फोटो में गवर्नर तबुक प्रिंस फहद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने तत्कालीन PM इमरान खान को ‘गोल्ड कलाश्निकोव’ का तोहफा और गोलियां भेंट की थीं।
नियम क्या है
- पाकिस्तान की पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।
- तोहफे की अनुमानित कीमत अगर 10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है।
- इमरान ने यहां भी खेल कर दिया। 2 करोड़ का तोहफा कहीं 5 लाख तो कहीं 7 लाख का बता दिया। इसी कीमत पर इन्हें खरीदा और फिर ओरिजिनल कीमत से भी कई गुना ज्यादा पर बेच दिया। यह काम खान के मंत्री जुल्फी बुखारी और बुशरा बीबी की दोस्त फराह खान उर्फ फराह गोगी ने किया था।
- एक और खास बात यह है कि फराह गोगी उसी दिन (10 अप्रैल 2022) पाकिस्तान से एक प्राइवेट जेट से फरार होकर दुबई पहुंच गई थीं, जिस दिन इमरान खान की सरकार गिरी थी।
Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.
Source link