4 घंटे पहले
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बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया है कि उन्हें रंग और लुक्स की वजह से भेदभाव का शिकार होना पड़ा है और लोग उन्हें बदसूरत मानकर उनसे नफरत करते थे। नवाज ने कहा कि समाज में उन्होंने रंग की वजह से भेदभाव झेला है लेकिन वो फिल्म इंडस्ट्री के शुक्रगुजार हैं जहां उन्हें ये सब नहीं झेलना पड़ा।
इंडस्ट्री में नहीं हुआ भेदभाव
न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में नवाज बोले, ‘पता नहीं कुछ लोग क्यों लुक्स की वजह से उनसे नफरत करते हैं। शायद हमारा चेहरा ही ऐसा है-बेहद बदसूरत। हम अक्सर ऐसा सोचते हैं जब हम शीशे में खुद को देखते हैं। फिर हम खुद से कहते हैं, हम ऐसा बदसूरत चेहरा लेकर फिल्म इंडस्ट्री में क्यों आए? मैं फिजिकली इस फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बुरा दिखने वाला एक्टर हूं। मैं इस पर विश्वास करता हूं क्योंकि मैं शुरुआत से ये बात सुन रहा हूं और अब तो मुझे भी यही लगने लगा है।’
नवाज ने फिल्म इंडस्ट्री की तारीफ करते हुए कहा, ‘अगर आपमें थोड़ा भी टैलेंट है तो इंडस्ट्री आपको बहुत कुछ देने को तैयार है। समाज में भेदभाव है लेकिन इंडस्ट्री में नहीं।’
फिल्म ‘तलाश’ के एक सीन में नवाजुद्दीन।
नवाज ने 1999 में किया था डेब्यू
नवाजुद्दीन के करियर की बात करें तो उन्होंने फिल्म ‘सरफरोश’ से 1999 में डेब्यू किया था। इस फिल्म में उन्होंने एक आतंकवादी का रोल प्ले किया था।
इसके बाद उन्होंने ‘मुन्नाभाई MBBS’, ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘देव डी’, ‘कहानी’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘तलाश’, ‘किक’, ‘बजरंगी भाईजान’, ‘रमन राघव 2.0’, ‘सेक्रेड गेम्स’, ‘मंटो’ समेत कई फिल्मों में काम किया है।
हाल ही में नवाज की फिल्म ‘रौतू का राज’ 28 जून को ओटीटी पर रिलीज हुई है जिसमें वो एक पुलिस ऑफिसर के रोल में हैं।
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