क्या आपका AC भी नहीं कर पा रहा पूरी कूलिंग? तो जान लीजिए ये गारंटीशुदा फॉर्मूला, एकदम शिमला हो जाएगा कमरा!


नई दिल्ली. जून में भी गर्मी की भारी तपिश के चलते AC जलने और फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. इतना ही नहीं मौजूदा AC भी घरों में पहले जैसी कूलिंग नहीं कर पा रहे हैं. ताजा घटना की बात करें तो बीते बुधवार रात वसुंधरा सेक्टर-13 स्थित मर्लिन सोसाइटी के छठे फ्लोर में एक डॉक्टर के घर में एसी का कंप्रेसर देर रात गर्म होने से फट गया. इससे घर में और आसपास आग लग गई. इससे पहले भी दिल्ली और गाजियाबाद समेत कई शहरों में इस तरह की कई घटनाएं देखने को मिली हैं. गर्मी में पारा पहले की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ जाने की वजह से एसी में कई तरह की दिक्कत आ रही हैं. बहरहाल, अगर आपको भी ऐसा लग रहा है कि आपका एसी भी पहले जैसी कूलिंग नहीं कर रहा है तो हम इसकी वजह आपको बताने जा रहे हैं. साथ ही ये भी आपको बताएंगे कि कैसे इस दिक्कत को दूर किया जा सकता है.

दिल्ली-एनसीआर और आसपास के शहरों में खासतौर पर इस वक्त जमकर गर्मी पड़ रही है. आलम ये है कि बीते एक महीने से भी ज्यादा समय से तापमान से 40 से 49 डिग्री के बीच बना हुआ है. वहीं, न्यूनतम तापमान भी 32 डिग्री से नीचे नहीं गया है. इसी वजह से एसी भी कमरों को ठंडा नहीं कर पा रहे हैं.

एनबीटी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक डीम्ड यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग विभाग के प्रफेसर डॉ. जयंत बासु बताते हैं कि ज्यादातर एयर कंडीशनर बाहर के तापमान के मुकाबले अंदर के तापमान को 10 से 20 डिग्री ही कम कर सकते हैं. एसी हीट एक्सचेंजर, कंप्रेसर और पीसीबी मेन कंपोनेंट होते हैं. हीट एक्सचेंजर हॉट एयर बाहर फेंकता है. वहीं, कंप्रेसर में नाइट्रोजन गैस होती है और पीसीबी एसी यूनिट की बिजली सप्लाई को कंट्रोल करता है. सामान्य एसी में हीट एक्सचेंजर अच्छी क्वॉलिटी के नहीं होते. इसकी वजह से ये गर्म हवाओं को पूरी ताकत से बाहर नहीं फेंक पाते.

इंपोर्ट किए गए हीट एक्सचेंजर और कंप्रेसर की कैपेसिटी लिमिटेड होती है. ऐसे में एसी 38 से 40 डिग्री के ऊपर तापमान पर जाते ही कूलिंग कम करने लगते हैं. डॉ. बसु कहते हैं कि अगर बाहर का पारा 45 डिग्री है तो एसी चलने वाले कमरे में तापमान से 30 से 35 डिग्री के बीच ही रहेगा. कुछ मामलों में ये 25 डिग्री के आसपास भी रह सकता है.

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इसी तरह बीएसईएस के एक अधिकारी के मुताबिक भी बाहर का तापमान एसी की क्षमता से ज्यादा होते ही एसी को कमरे को ठंडा करने में मशक्कत करनी पड़ती है. एसी पर भी लोड पड़ता है और एसी जल्दी खराब होने लगता है. बाहर का तापमान बहुत बढ़ने पर एसी के आसापास ज्यादा गर्मी भी हो सकती है. ऐसे में 50 डिग्री पर एसी चले तो उसकी परफॉर्मेंस बेहतर नहीं होगी. अधिकारी के मुताबिक 44 से 45 डिग्री तापमान में कोई सामान्य एसी कमरे के तापमान को 22 से 25 डिग्री तक नहीं कर सकता. होम अप्लायंसेज संबंधी एक रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि प्रचंड गर्मी वाली जगहों पर एसी को 20 डिग्री पर भी सेट करने पर तापमान 35 डिग्री ही रहेगा.

दुबई जैसी जगहों पर दिन का तापमान 50 से 55 डिग्री तक पहुंच जाता है. ऐसे में वहां बेहतर हीट एक्सचेंजर और कंप्रेसर का इस्तेमाल किया जाता है. जो आसानी से 22 से 24 डिग्री तक कमरे को कूल कर देते हैं.

कैसे मिलेगी बेहतर कूलिंग?

  • बाहर का तापमान 40 डिग्री के ऊपर जाते ही कंप्रेसर का लोड बढ़ जाता है. ऐसे में ऐसी स्थिति में कमरे को अच्छी तरह से पैक करें ताकी कहीं से गर्म हवा न आए और एसी पर लोड न पड़े.
  • एक्सपर्ट की सलाह है कि ज्यादा गर्म इलाकों में विशेष रूप से डेवलप किए गए इंडस्ट्रियल या फिर कमर्शियल एसी लगवाने चाहिए.
  • बिजली बचाने और एसी पर लोड कम करने के लिए एसी का तापमान 24 डिग्री पर रखें.
  • एसी के साथ पंखा भी चलाएं. इससे हवा चारों तरफ फैलेगी और बेहतर कूलिंग मिलेगी.
  • रेगुलर एसी की सर्विसिंग कराते रहें.
  • महीने में एक बार फिल्टर भी साफ करें. इससे एसी बेहतर कूलिंग करेगा.

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