नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
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आज यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए बजट पेश करेंगी। ये अंतरिम बजट है, क्योंकि अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं। नई सरकार के सत्ता में आने के बाद पूर्ण बजट जुलाई में पेश होने की उम्मीद है।
अंतरिम बजट से वर्तमान सरकार को नई सरकार के आने और पूर्ण बजट पेश होने तक, देश को चलाने के लिए पैसा मिलता है। इस बजट में कोई बड़ी घोषणाएं होने की उम्मीद नहीं है। वित्त मंत्री सीतारमण पहले ही इसे लेकर संकेत दे चुकी हैं।
अंतरिम बजट में बड़े पॉलिसी चेंज की अनुमति नहीं
अंतरिम बजट में सरकार के पास मतदाताओं को गलत तरीके से प्रभावित करने वाले किसी भी बड़े पॉलिसी चेंज की अनुमति नहीं होती। हालांकि, संविधान सरकार को अंतरिम बजट में टैक्स रिजीम में बदलाव करने की शक्ति देता है। 2019 के अंतरिम बजट में भी सरकार ने 87A के तहत इनकम टैक्स रिबेट दी थी। इससे 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम टैक्स फ्री हो गई।
इस बार बजट में हो सकती हैं 3 घोषणाएं:
1. किसान सम्मान निधि की रकम 6 हजार से 8 हजार हो सकती है
किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली रकम को 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 8 हजार रुपए किया जा सकता है। अभी इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तें एक साल में दी जाती है। वहीं बजट में महिला किसानों के लिए ये राशि सालाना 6000 से बढ़कर 12000 रुपए हो सकती है।
2. सेक्शन 80C की टैक्स छूट लिमिट 2.5 लाख रुपए हो सकती है
इस बार सरकार इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर सकती है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत EPF, PPF, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, 5 साल की FD, नेशनल पेंशन सिस्टम और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम आती है।
3. आयुष्मान योजना में बीमा कवर 10 लाख रुपए हो सकता है
सरकार अपनी आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमा कवर को दोगुना कर 10 लाख रुपए कर सकती है। इसका पूरा नाम भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान योजना है। इसकी शुरुआत 2018 में हुई थी। यह योजना देश के कम आय वर्ग वाले नागरिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा देती है। इस योजना में अभी 5 लाख रुपए तक का इलाज फ्री में मिलता है।
फुल और अंतरिम बजट होता क्या है? इनमें क्या अंतर है?
केंद्रीय बजट देश का सालाना फाइनेंशियल लेखा-जोखा होता है। यूं कहें कि बजट किसी खास वर्ष के लिए सरकार की कमाई और खर्च का अनुमानित विवरण होता है।
बजट के जरिए सरकार यह तय करने का प्रयास करती है कि आगामी वित्त वर्ष में वह अपनी कमाई की तुलना में किस हद तक खर्च कर सकती है। सरकार को हर वित्त वर्ष की शुरुआत में बजट पेश करना होता है। भारत में वित्त वर्ष का पीरियड 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।
वहीं अंतरिम बजट सरकार को आम चुनावों का फैसला होने और नई सरकार बनने के बाद फुल बजट की घोषणा करने तक, देश को चलाने के लिए धन उपलब्ध कराता है। अंतरिम बजट शब्द आधिकारिक नहीं है। आधिकारिक तौर पर इसे वोट ऑन अकाउंट कहा जाता है।
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