इस्लामाबाद3 मिनट पहले
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संसद में वित्त मंत्री औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान, IMF के साथ एक बड़े राहत पैकेज को लेकर बातचीत कर रहा है।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान में बुधवार को शहबाज सरकार ने 67.84 बिलियन यानी कि 18.88 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए का बजट पेश किया। भारतीय रुपए में अगर देखा जाए तो ये रकम 5.65 लाख करोड़ रुपये है। पाकिस्तानी मीडिया वेबसाइट डॉन ने बताया कि ये पिछले साल की तुलना में 30.56% ज्यादा है।
बजट पाकिस्तानी समयानुसार 4 बजे पेश होना था लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से लगभग ढाई घंटे देर से पेश हुआ। जिस वक्त वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ये बजट पेश कर रहे थे, विपक्षी नेता ‘गो नवाज गो’ के नारे लगा रहे थे।पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद ये पहला बजट है। इस बजट पर IMF की नजरें भी थीं। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब पर टैक्स बढ़ाने और रेवेन्यू कलेक्शन को बढ़ाने का दबाव था।
पाक सरकार ने रखा 3.6% की आर्थिक वृद्धि का टारगेट
पाकिस्तान सरकार का ये बजट ऐसे समय में पेश किया गया है, जब ये देश IMF से एक बड़े राहत पैकेज के लिए बातचीत कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये कर्ज 8 अरब डॉलर तक का हो सकता है। पाक सरकार ने बेलआउट पैकेज हासिल करने के लिए अगले वित्तीय वर्ष के लिए 3.6% की आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य रखा है। पिछले साल पाकिस्तान ने 3.5% ग्रोथ रेट रखा था, लेकिन वह इस दर को हासिल करने से चूक गया। पाकिस्तान की विकास दर 2.38% रही।
सरकारी उद्यमों को प्राइवेट सेक्टर के हवाले करेगी सरकार
वित्त मंत्री औरंगजेब ने नेशनल असेंबली में कहा कि उनकी सरकार, सरकारी उद्यमों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम व्यापार करना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने न्यूनतम वेतन को 32 हजार से बढ़ाकर 36 हजार रुपए कर दिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से मजदूर वर्ग को राहत मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए भी सोचा है और उनके वेतन में 20 से 25 फीसदी का इजाफा किया गया है।
आधे से अधिक कर्ज-ब्याज चुकाने में खर्च करेगी सरकार
पाकिस्तानी सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल एक्सपेंडीचर (खर्च) 64.84 बिलियन डॉलर यानी कि 18.9 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए रखा है। इसमें से 9.8 ट्रिलियन रुपए कर्ज और उसकी ब्याज चुकाने में खर्च होंगे।
पाकिस्तान का बजट 10 जून को पेश किया जाने वाला था लेकिन PM शहबाज शरीफ की चीन यात्रा की वजह से इसे 2 दिन आगे बढ़ा दिया गया। चीन, पाकिस्तान का सबसे बड़ा द्विपक्षीय साझेदार है। ऐसे में बिना चीन की मदद के पाकिस्तान किसी वित्तीय समस्या का समाधान नहीं कर सकता।
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