India UK | Oxford University Returns 500 Year Old Stolen Indian Idol | ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भारत को लौटाएगी 500 साल पुरानी मूर्ति: 16वीं सदी में तमिलनाडु के मंदिर से चोरी हुई, इसको देखने के ₹1800 देने पड़ते हैं


4 मिनट पहले

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी संत तिरुमंकई अलवर की मूर्ति को दूर से दिखने के लिए रुपए लेती है। - Dainik Bhaskar

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी संत तिरुमंकई अलवर की मूर्ति को दूर से दिखने के लिए रुपए लेती है।

ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भारत को 500 साल पुरानी एक कांस्य की मूर्ति वापस लौटाने वाली है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, यह मूर्ति संत तिरुमंकई अलवर की है, जो 16वीं सदी के दौरान तमिलनाडु के एक मंदिर से चोरी हो गई थी। संत तिरुमंकई अलवर दक्षिण भारत के 12वे अलवर संतों में से अंतिम थे।

अभी यह मूर्ति ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एशमोलियन म्यूजियम में रखी गई है, जिसको देखने के लिए लगभग 1800 रुपए देने पड़ते है। संत तिरुमंकाई अलवर की यह मूर्ति 60 सेंटीमीटर ऊंची है, जिसे 1967 में डॉ. जे.आर. बेलमोंट ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में रखवाया था।

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग ने 11 मार्च 2024 को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को सबूत दिए थे कि मूर्ति तमिलनाडु के मंदिर की है। इसके बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपनी इंटरनल जांच के बाद इसे भारत को वापस देने की बात कही है। अब इस मूर्ति को चैरिटी कमीशन के सामने रखा जाएगा, जो इस पर आखरी फैसला लेगा।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एशमोलियन म्यूजियम में रखी गई है मूर्ति।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एशमोलियन म्यूजियम में रखी गई है मूर्ति।

कैसे पता चला मूर्ति भारत से चोरी हुई?
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एशमोलियन म्यूजियम ने बताया कि कोविड से पहले एक रिसर्चर ने मूर्ति के बारे में स्टडी की, जिसमें सारी बात सामने आ गई। इसके बाद 2019 में भारतीय उच्चायोग को इसकी जानकारी दी गई। भारतीय उच्चायोग ने यह जानकारी भारत सरकार से साझा की, जिसके बाद मूर्ति के बारे में सबूत जुटाए गए।

मूर्ति की पुष्टि तमिलनाडु के मंदिर में मिले 1957 के कांस्य से हुई। इसके बाद भारत ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सामने साक्ष्य रखे और मूर्ति वापस करने की अपील की। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एशमोलियन म्यूजियम की तरफ से बताया कि उनको नहीं पता था कि यह मूर्ति भारत से चुराई गई है।

ब्रिटेन पहले भी लौटा चुका है मूर्ति
इससे पहले अगस्त 2023 में ब्रिटेन से भारतीय कलाकृतियों को वापस लाया गया था, जो आंध्र प्रदेश के चूना पत्थर की नक्काशीदार मूर्ति थी। इसके बाद तमिलनाडु से चुराई गई 17वीं शताब्दी की ‘नवनीत कृष्ण’ कांस्य मूर्ति को अमेरिका-ब्रिटेन की संयुक्त जांच के बाद ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त को सौंप दिया गया था।

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