तेल अवीव36 मिनट पहले
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अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के मुताबिक- टनल्स को बनाने में 6 हजार टन कंक्रीट और 1800 टन स्टील यानी लोहे का इस्तेमाल किया गया है।
गाजा में हमास के टनल नेटवर्क को उसकी सबसे बड़ी ताकत कहा जाता रहा है। अब इनके खात्मे के प्लान पर इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने अमल शुरू कर दिया है। IDF ने पहली बार बताया है कि इन सुरंगों में समंदर का पानी भरा जा रहा है।
इस ऑपरेशन को कामयाब बनाने के लिए समुद्र के किनारों पर हैवी वॉटर पम्प लगाए गए हैं। भारी पाइपों के जरिए हर घंटे सैकड़ों गैलन पानी चुनिंदा सुरंगों में भरा जा रहा है। IDF का मानना है कि इससे सुरंगों में छिपे आतंकियों के पास बचने का कोई रास्ता नहीं बचेगा। बिजली-पानी सप्लाई बंद हो जाएगी। आतंकी जब बाहर निकलेंगे तो फौज उनका इंतजार कर रही होगी।
मंगलवार को इजराइली सेना के एक अफसर ने मीडिया को वो टनल दिखाई, जिसमें सबसे पहले ‘सी वॉटर फ्लडिंग’ की जा रही है।
अब तक चुप थी इजराइली सेना
- टनल नेटवर्क को समंदर के पानी के जरिए तबाह करने के प्लान की चर्चा कई हफ्तों से की जा रही थी। अमेरिका समेत कई देशों ने इसका खुलकर विरोध किया था। इजराइली सेना और सरकार ने खुलकर इस बारे में कुछ नहीं कहा था। अब पहली बार IDF ने बताया है कि इस प्लान पर अमल शुरू कर दिया गया है और इसके लिए फर्स्ट फेज के तहत कुछ टनल्स को चुना गया है।
- IDF ने कहा- हमारे इंजीनियर्स और टेक्निकल एक्सपर्ट्स इस मिशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि इस ऑपरेशन का असर गाजा के बाकी हिस्सों के वॉटर सप्लाई सिस्टम और जमीन पर न पड़े। हर टनल के लिए अलग प्लान बनाया गया है। फौज की एक यूनिट को सिक्योरिटी के लिहाज से इस ऑपरेशन में शामिल किया गया है। इस बारे में ज्यादा डीटेल्स नहीं दी जा सकतीं।
यह तस्वीर इजराइली सेना ने ही जारी की है। इसमें टनल नेटवर्क के कुछ हिस्से दिखाए गए हैं। इन्हीं में बारी-बारी से समंदर का पानी भरा जाएगा।
दो किलोमीटर लंबी पाइप लाइन
- अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की रिपोर्ट के मुताबिक- शुरुआती तौर पर समंदर किनारे पांच हैवी वॉटर पम्प लगाए गए हैं। इन्हें करीब दो किलोमीटर लंबी पाइप लाइन के जरिए कुछ सुंरगों के एंट्री पॉइंट से जोड़ा गया है। यह हर घंटे कई हजार क्यूबिक मीटर पानी सुंरग में छोड़ेंगे।
- इस पानी का बहाव बेहद तेज होगा। कुछ ही हफ्तों में तमाम सुरंगों में बाढ़ के हालात पैदा हो जाएंगे। हमास के आतंकी इन सुरंगों में या तो मारे जाएंगे या बाहर की तरफ भागेंगे। बाहर उनका इंतजार IDF कर रही होगी।
- रिपोर्ट के मुताबिक- IDF के पास 800 सुरंगों की लिस्ट, मैप और कंस्ट्रक्शन की पूरी जानकारी है। इन्हें खत्म करना ही इस ऑपरेशन का मकसद है। इन टनल्स को बनाने में 6 हजार टन कंक्रीट और 1800 टन स्टील यानी लोहे का इस्तेमाल किया गया है।
इजराइली सेना को शक है कि हमास की इन सुरंगों में कुछ ऐसी जगहें हो सकती हैं, जहां आतंकी छिपे हों, लेकिन सेना को वो नहीं दिखे।
जोखिम बहुत ज्यादा
- अमेरिका के मिलिट्री एनालिस्ट माइकल क्लार्क ने ‘स्काय न्यूज’ से बातचीत में इस प्लान को कारगर तो बताया, लेकिन इसके साथ ही दो खतरों की तरफ इशारा भी किया। क्लार्क के मुताबिक- पहला खतरा तो यही है कि अगर टनल नेटवर्क में समंदर का पानी भरने से वहां मौजूद सभी लोग मारे जाएंगे। वहां का पूरा सिस्टम तबाह हो जाएगा। हमास ने शायद बंधकों को भी वहीं कैद किया है। ऐसे में इनकी जान कैसे बचेगी? ये बड़ा सवाल है।
- क्लार्क दूसरे खतरे के बारे में भी आगाह करते हैं। उनके मुताबिक- इसमें कोई दो राय नहीं कि पानी भरने से सुरंगों में मौजूद लोगों के सामने दो ही रास्ते होंगे। या तो वो मारे जाएंगे या इसके पहले ही वहां से बाहर आ जाएंगे। लेकिन, इससे पर्यावरण के लिए भी बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा।
- क्लार्क आगे कहते हैं- इजराइल की तरह गाजा में भी ‘सी वॉटर फिल्टरेशन प्लांट्स’ हैं। इजराइल की यह टेक्नोलॉजी दुनिया के लिए मिसाल होने के साथ ही बेहद शानदार और कारगर है। हो सकता है, टनल नेटवर्क में साफ पानी की सप्लाई इसी नेटवर्क से होती हो। अगर ऐसा हुआ तो फिल्टरेशन प्लांट यूनिट बंद हो जाएंगे और इसका असर गाजा के आम लोगों पर भी पड़ेगा।
टनल नेटवर्क की वजह से ही बच जाते हैं आतंकी
- 40 किमी लंबी और 10 किमी चौड़ी गाजा पट्टी में करीब 20 लाख लोग रहते हैं। ऊपर से देखने पर यहां हर शहर की तरह घर, दुकान, स्कूल, अस्पताल, मस्जिद, कार्यालय दिखते हैं, लेकिन गाजा की जमीन के नीचे आतंक की एक अलग दुनिया भी है। हमास का दावा है कि उसने करीब 500 किमी लंबी सुरंगों का अंडरग्राउंड नेटवर्क बिछा रखा है, जिनके एक्सेस पॉइंट इमारतों, स्कूलों, मस्जिदों में होते हैं।
- संभव है कि 7 अक्टूबर को इजराइल पर किए गए हमले में हमास ने ऐसी किसी सुरंग का इस्तेमाल किया, जो जमीन के नीचे-नीचे इजराइल तक जाती हो। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक किबुत्ज के पास एक सुरंग के निकास का पता चला है, जहां दर्जनों इजराइली नागरिकों का कत्ल किया गया।
पहले इम्पोर्ट के लिए इस्तेमाल हुईं
- इन टनल्स से तेल का इम्पोर्ट (आयात) भी होता था। करीब 10 साल पहले तक गाजा के अकेले पावर प्लांट को चलाने के लिए इम्पोर्ट किए गए फ्यूल पर ही निर्भर रहना पड़ता था। 2013 में जब मिस्र ने सैकड़ों टनल खत्म कर दिए थे, तो तेल की कमी के चलते गाजा का इकलौता पावर प्लांट बंद हो गया था।
- मिस्र और गाजा पट्टी को जोड़ने वाले इस नेटवर्क को कई बार बंद किया गया। 2009 में यहां से आवाजाही रोकने के लिए अंडरग्राउंड बैरियर लगाए गए। हालांकि, 2011 में मिस्र ने पाबंदियों पर ढील देते हुए आवाजाही की छूट दे दी। इसके बाद फिलिस्तीनियों को बॉर्डर पार करने की आजादी मिल गई, लेकिन फिर 2013-2014 में मिस्र की सेना ने करीब 1,200 सुरंगे खत्म कर दी थीं।
- इन सुरंगों के जरिए गाजा के लोगों को आने-जाने की भी आजादी थी। खास बात यह है एक वक्त लोगों को जाने के लिए टिकट सिस्टम भी बनाया गया था। हालांकि, जब इजराइल ने कार्रवाई की तो यह सिस्टम उतनी ही तेजी से खत्म भी हो गया।