Hyundai recalls 17,000 units of Ioniq 5 | हुंडई ने आयोनिक 5 की 17,000 गाड़ियां वापस बुलाईं: बैटरी की कंट्रोल यूनिट में खराबी के कारण रिकॉल किया, फ्री में पार्ट्स बदलेगी कंपनी


नई दिल्ली13 मिनट पहले

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हुंडई इंडिया ने तकनीकी खराबी आने के कारण इलेक्ट्रिक SUV आयोनिक 5 की 1,744 यूनिट्स को वापस बुलाया है। साउथ कोरियन कंपनी के इस रिकॉल में 21 जुलाई 2022 से 30 अप्रैल 2024 के बीच बनाई गई आयोनिक 5 के मॉडल्स शामिल हैं। हुंडई ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है।

हुंडई आयोनिक 5 को भारत के इलेक्ट्रिक कार बाजार में जनवरी 2023 में उतारा गया था। इसे यहां असेंबल करके बेचा जाता है। आयनिक 5 की भारत में एक्स-शोरूम कीमत 45.95 लाख रुपए है और इसमें 72.6 kWh का बैटरी पैक है जो फुल चार्ज पर ARAI से सर्टिफा 631 किलोमीटर की रेंज देता है।

कंपोनेंट्स को पावर सप्लाई करता है ICCU
एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, इन गाड़ियों के इंटीग्रेटेड चार्जिंग कंट्रोल यूनिट (ICCU) में खराबी मिली है। यह एक कंट्रोलर के रूप में काम करता है, जो मेन बैटरी पैक के हाई वोल्टेज को कम करके 12वॉट बैटरी (सेकंडरी बैटरी) को चार्ज करता है।

ICCU व्हीकल-टू-लोड (W2L) फंक्शनैलिटी के जरिए कार से जुड़े दूसरे कंपोनेंट्स को भी पावर सप्लाई करता है। ICCU में खराबी से 12वॉट बैटरी डिस्चार्ज हो सकती है, जो इलेक्ट्रिक गाड़ी की इंफोटेनमेंट स्क्रीन, स्पीकर और एयर कंडीशनिंग और लाइट जैसे जरूरी कंपोनेंट को पावर सप्लाई करती है।

कस्टमर से नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज
हुंडई ने बताया, ‘वह ऑफिशियल वर्कशॉप से फोन और SMS के जरिए इंडिविजुअल तौर पर कस्टमर्स से संपर्क कर रही है। प्रभावित ग्राहक अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने के लिए डीलरशिप से संपर्क कर सकते हैं या हुंडई के कॉल सेंटर 1800-114-645 (टोल-फ्री) पर कॉल कर सकते हैं।

कार में टेस्टिंग के बाद डिफेक्ट सही किया जाएगा। वाहन मालिकों को खराब पार्ट को बदलने की जानकारी दी जाएगी। डिफेक्ट सुधारने या पार्ट्स बदलने के लिए कस्टमर से किसी भी तरह का चार्ज नहीं लिया जाएगा।’

हुंडई का इस साल दूसरा रिकॉल
हुंडई मोटर इंडिया का अपनी कारों के लिए ये इस साल दूसरा रिकॉल है। इससे पहले क्रेटा और वरना की 7698 गाड़ियां वापस बुलाईं थीं। कंपनी ने दोनों कारों के सिर्फ 1.5-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन से लैस CVT ऑटोमेटिक वैरिएंट को वापस बुलाया था।

हुंडई ने बताया था कि, क्रेटा और वरना के इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल पंप कंट्रोलर में खराबी आ सकती है। इससे CVT गियरबॉक्स में इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल पंप का परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकता है। इस रिकॉल में दोनों कारों की 13 फरवरी 2023 से 06 जून 2023 के बीच बनाई गई 7,698 यूनिट शामिल थीं।

देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले

  • 1. बलेनो और वैगनआर रिकॉल: जुलाई 2020 में मारुति ने वैगनआर और बलेनो की 1,34,885 यूनिट्स को रिकॉल किया था। इन मॉडल को 15 नवंबर, 2018 से 15 अक्टूबर, 2019 के बीच तैयार किया गया था। कंपनी ने फ्यूल पंप में खराबी के चलते गाड़ियों को रिकॉल किया था।
  • 2. मारुति ईको रिकॉल: नवंबर 2020 में कंपनी ने ईको की 40,453 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने गाड़ी के हेडलैम्प पर मिसिंग स्टैंडर्ड सिंबल की वजह से ये फैसला लिया था। इस रिकॉल में 4 नवंबर, 2019 से 25 फरवरी, 2020 के बीच मैन्युफैक्चर की गई ईको शामिल थीं।
  • 3. महिंद्रा पिकअप रिकॉल: 2021 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने कॉमर्शियल पिकअप व्हीकल की 29,878 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि जनवरी 2020 से फरवरी 2021 के बीच मैन्युफैक्चर होने वाले कुछ पिकअप व्हीकल में एक फ्ल्यूड पाइप का रिप्लेसमेंट किया जाना है।
  • 4. महिंद्रा थार रिकॉल: महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी ऑफरोड SUV थार के डीजल वैरिएंट की 1577 यूनिट्स को फरवरी 2021 में रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि प्लांट की मशीन में गड़बड़ी के चलते ये पुर्जे खराब लग गए। सभी यूनिट का प्रोडक्शन 7 सितंबर से 25 दिसंबर, 2020 के बीच में किया गया था।
  • 5. रॉयल एनफील्ड रिकॉल: मई 2021 में शॉर्ट सर्किट की आशंका के चलते रॉयल एनफील्ड ने बुलेट 350, क्लासिक 350 और मीटिअर 350 की 2,36,966 यूनिट्स को वापस मंगाया था। इन सभी की मैन्युफैक्चरिंग दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच की गई थी।

रिकॉल क्या है और क्यों होता है?
जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह
कार एक्सपर्ट और यूट्यूबर, अमित खरे ने बताया कि कार में खराबी को लेकर यदि कंपनी रिकॉल का फैसला करती है तो उसका फायदा ग्राहकों को ही होता है। कंपनी को इसके लिए पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। जिसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। जिसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है तब वो दूसरे शहर के निकटतम सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।

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