India Russia | Sergey Lavrov On Russia India Defence Relation | रूस बोला- भारत हथियारों की खरीदारी कम नहीं कर रहा: कहा- वो हमारा अहम साझेदार, हम भारत में ही हथियारों के प्रोडक्शन का सपोर्ट करेंगे


2 घंटे पहले

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तस्वीर में जयशंकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ नजर आ रहे हैं। (फाइल) - Dainik Bhaskar

तस्वीर में जयशंकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ नजर आ रहे हैं। (फाइल)

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि भारत रक्षा क्षेत्र में रूस पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है। रूसी न्यूज एजेंसी TASS से बात करते हुए लावरोव ने कहा- भारत पहले की तरह हर क्षेत्र में रूस का अहम साझेदार है और इसमें डिफेंस सेक्टर भी शामिल है।

रूसी विदेश मंत्री ने आगे कहा- पिछले महीने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को आए थे। इस दौरान उनसे भारत-रूस के बीच मिलिट्री और तकनीकी साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई। हमने साथ मिलकर हथियारों को बनाने पर भी बात की। भारत अपने देश में हथियार का प्रोडक्शन बढ़ाना चाहता है। हम इसके लिए उन्हें सपोर्ट करने को तैयार हैं।

रॉयटर्स का दावा- यूक्रेन जंग के बाद रूस की हथियार सप्लाई की क्षमता घटी
दरअसल, कुछ दिन पहले ही रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि भारत अपने सबसे बड़े हथियार सप्लायर रूस से दूरी बना रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यूक्रेन जंग की वजह से रूस पर्याप्त हथियार सप्लाई नहीं कर पा रहा है। रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गई थी कि भारत को यह कदम बहुत ही सोच-समझकर उठाना होगा, क्योंकि इससे रूस चीन के और करीब जा सकता है।

बता दें कि भारत अपने 60% हथियार रूस से खरीदता है। पिछले दो दशकों में रूस ने भारत को करीब 5 लाख करोड़ के हथियार सप्लाई किए हैं। भारत की मिलिट्री में एयरक्राफ्ट कैरियर से लेकर टैंक, जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें जैसे कई हथियार रूसी मूल के हैं। इसके अलावा दोनों देश साथ मिलकर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल भी बनाते हैं। साथ ही भारत में AK-203 राइफल का प्रोडक्शन भी शुरू करने वाले हैं।

2016-20 में फ्रांस से हथियार इम्पोर्ट बढ़ा
हालांकि, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन जंग के बाद से भारत हथियार इम्पोर्ट के मामले में दूसरे विकल्प भी तलाश रहा है। 2017-2021 के दौरान रूस के बाद फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रहा। 2016-2020 के दौरान भारत की फ्रांस से हथियारों की खरीद में 709% की बढ़ोतरी हुई।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-2021 के दौरान भारत की रूस से हथियार सप्लाई में 47% तक की गिरावट आई, जबकि इस दौरान भारत की फ्रांस से हथियार खरीद में 10 गुना बढ़ोतरी हुई।

चीन के मुकाबले के लिए भारत से संबंध बेहतर कर रहा अमेरिका
रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया का सबसे बड़ा हथियार इम्पोर्टर भारत धीरे-धीरे पश्चिम देशों की ओर रुख कर रहा है। इस दौरान अमेरिका भी इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में अपने संबंधों को बेहतर कर रहा है। अमेरिका चीन को साधने के लिए भारत की रूस पर निर्भरता को कम करना चाहता है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदता है। 2022 के बाद से रूस उन टॉप देशों में आता है, जिससे भारत सबसे ज्यादा तेल खरीदता है। ऐसे में भारत को रूस के साथ रिश्तों को एक अच्छी लाइन पर चलना होगा। रक्षा क्षेत्र में व्यापार को कम करने से रूस-चीन और करीब आ सकते हैं।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इससे पहले जयशंकर ने मंगलवार को मॉस्को में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा- दुनिया में सिर्फ भारत-रूस के रिश्ते ही स्थिर हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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