Gujarat Couple Drug Smuggling; Arti Dhir Kavaljitsinh Raijada | Britain Court | 600 करोड़ की ड्रग तस्करी, सौतेले बेटे की हत्या: भारतीय कपल को ब्रिटेन में 33 साल की जेल; पुलिस को 31.61 करोड़ रुपए नगद मिले थे


30 मिनट पहले

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ब्रिटेन की पुलिस ने भारतीय कपल को फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया था। उनके घर से कैश, सोना भी बरामद हुआ था। - Dainik Bhaskar

ब्रिटेन की पुलिस ने भारतीय कपल को फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया था। उनके घर से कैश, सोना भी बरामद हुआ था।

ब्रिटेन की एक कोर्ट ने भारतीय कपल को 33 साल की सजा सुनाई है। इस कपल पर ड्रग तस्करी के आरोप थे।

ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA) के मुताबिक आरती धीर और कवलजीत सिंह रायजादा ने 600 करोड़ की 514 किलोग्राम कोकेन ऑस्ट्रेलिया स्मगल की थी। दोनों को 2021 में ब्रिटेन के हैनवेल शहर में गिरफ्तार किया गया था।

इस कपल पर अपने 11 साल के सौतेले बेटे की हत्या करने के भी आरोप थे। इसे लेकर भारत सरकार ने ब्रिटेन की सरकार से कपल को प्रत्यार्पित करने की मांग की थी।

तस्वीर आरती धीर और कवलजीत सिंह रायजादा की है। दोनों ने ड्रग तस्करी और बेटे को मारने वाले आरोपों को खारिज किया है।

तस्वीर आरती धीर और कवलजीत सिंह रायजादा की है। दोनों ने ड्रग तस्करी और बेटे को मारने वाले आरोपों को खारिज किया है।

2017 में बेटे का शव सड़क किनारे मिला था
आरती और कवलजीत ने 2015 में गुजरात में गोपाल सेजानी को गोद लिया था। गोपाल गांव में अपनी बहन और पिता के साथ रहता था। कपल ने गोपाल के पिता से वादा किया था कि वो गोपाल को लंदन ले जाएंगे। लेकिन 2017 में उसे अगवा कर लिया गया।

8 फरवरी 2017 में उसका शव सड़क किनारे मिला था। शरीर पर चाकू से किए गए वार के निशान थे। भारतीय पुलिस का कहना था कि दोनों ने इंश्योरेंस के पैसों के लिए बच्चे को एडॉप्ट किया फिर उसे अगवा करवाया और उसकी हत्या कर दी।

भारत ने ब्रिटेन से आरती और कवलजीत को प्रत्यार्पित करने की मांग की थी। हालांकि 2019 में ब्रिटिश सरकार ने यह मांग खारिज कर दी थी।

तस्वीर 11 साल के गोपाल सेजानी की है। हमले के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। यहां उसकी मौत हो गई थी।

तस्वीर 11 साल के गोपाल सेजानी की है। हमले के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। यहां उसकी मौत हो गई थी।

टूलबॉक्स में छिपाते थे ड्रग्स, फिंगरप्रिंट से पकड़े गए
NCA के मुताबिक आरती और कवलजीत ने 2015 में वीफ्लाई फ्रेट सर्विस नाम की एक कंपनी शुरू की थी। बाहरी तौर पर यह कंपनी कार्गो ट्रांसपोर्ट करती थी। लेकिन कपल का मकसद सिर्फ ड्रग्स स्मगल करना था। दोनों मेटल के टूलबॉक्स में ड्रग्स छिपाते थे और एक कॉमर्शियल फ्लाइट से इसे दूसरे देश भेजते थे।

2021 में पुलिस ने चैकिंग के दौरान जब इन बॉक्स को खोला तो ड्रग्स मिली। बॉक्स प्लास्टिक के बैग में थे। पुलिस को इस प्लास्टिक पर कवलजीत के फिंगरप्रिंट मिले। इसके बाद आरती और कवलजीत को हैनवेल स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया। ठोस सबूत नहीं होने के कारण कपल पुलिस की गिरफ्त से बच निकला। लेकिन लगातार जारी इन्वेस्टिगेशन के कारण दोनों को फरवरी 2023 में एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया।

ये तस्वीर पुलिस को मिले ड्रग्स के बॉक्स की है।

ये तस्वीर पुलिस को मिले ड्रग्स के बॉक्स की है।

2019 से ड्रग्स वाले बॉक्स ऑस्ट्रेलिया भेज रहे थे
ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA) ने बताया कि कपल 2019 से ड्रग्स वाले बॉक्स ऑस्ट्रेलिया भेज रहा था। किसी को शक न हो इसलिए कुछ बॉक्स खाली भेजे गए। एजेंसी को 22 खाली बॉक्स और 15 कोकेन से भरे बॉक्स के बारे में जानकारी मिली।

एजेंसी के मुताबिक आरती धीर और कवलजीत सिंह रायजादा हीथ्रो फ्लाइट सर्विस कंपनी में काम करते थे। इसलिए उन्हें एयपोर्ट पर कार्गो की लोडिंग प्रोसेस और बारिकियों के बारे में जानकारी थी। यही वजह थी कि दोनों काफी लंबे समय तक बिन पकड़ में आए ड्रग्स की स्मगलिंग करने में कामयाब रहे।

पुलिस को यह कैश आरती धीर और कवलजीत सिंह रायजादा के घर से मिला था।

पुलिस को यह कैश आरती धीर और कवलजीत सिंह रायजादा के घर से मिला था।

मनी लॉन्ड्रिंग के चार्च भी लगाए गए
2021 में हुई गिरफ्तारी के दौरान कपल के घर से पुलिस को 5.26 लाख रुपए के गोल्ड प्लेटिड सिल्वर बिस्किट और करीब 77 लाख रूपए कैश मिला था। एक स्टोरेज यूनिट में 31.61 करोड़ रुपए नगद भी मिले थे।

कपल ने 8 करोड़ रुपए का फ्लैट और 65.33 लाख रुपए की एक गाड़ी भी खरीदी थी। दोनों ने 2019 से अब तक कई बैंक में 7.79 करोड़ रुपए जमा किए थे। इस वजह से दोनों पर मनी लॉन्ड्रिंग के चार्च भी लगाए गए थे।

अमेरिका में भी भारतीय को 9 साल की जेल
अमेरिका के मिशिगन में रहने वाले योगेश पंचोली को 9 साल की जेल की सजा हुई है। कोर्ट ने उसे यह सजा 23.26 करोड़ रुपए हेल्थ केयर फ्रॉड के लिए सुनाई है। अदालती दस्तावेजों के मुताबिक योगेश ने स्वास्थ्य कंपनी श्रृंग होम केयर इंक (श्रृंग) को खरीदा था। उससे दवाओं की बिक्री का अधिकार छीन लिया गया था बावजूद इसके पंचोली ने कंपनी खरीदी। इसके लिए उसने फर्जी नाम, हस्ताक्षर और व्यक्तिगत पहचान संबंधी जानकारी का उपयोग किया।

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