लंदनकुछ ही क्षण पहले
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ब्रिटेन में विपक्षी लेबर पार्टी ने कहा है कि सत्ता में आने पर वे ऑपरेशन ब्लू स्टार में ब्रिटिश सरकार की भूमिका की जांच कराएंगे।
ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव होंगे। कई सर्वे में ये अनुमान लगाया गया है कि इस बार ब्रिटेन में लेबर पार्टी सरकार बना सकती है। इस बीच लेबर पार्टी ने घोषणा की है कि अगर इस चुनाव में उनकी जीत होती है तो सरकार बनाने के बाद वे 1984 में भारत में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में ब्रिटिश सरकार की भूमिका की जांच कराएंगे।
लेबर पार्टी की नेता एंजेला रेनॉर ने ब्रिटिश मीडिया से कहा कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की 40 साल पूरे हो चुके हैं। हमारी पार्टी सिख समुदाय के साथ खड़ी है। हम उनकी मांग के मुताबिक लेबर पार्टी की सरकार बनने पर सच का पता लगाने की पूरी कोशिश करेंगे।
कोवेंट्री साउथ से लेबर उम्मीदवार जारा सुल्ताना ने दावा किया कि ऑपरेशन ब्लू स्टार घटना में ब्रिटेन की तत्कालीन पीएम रहीं मार्गरेट थैचर की भूमिका को हम सबसे छुपाया गया है।
पूर्व ब्रिटिश एमपी तनमनजीत सिंह धेसी कई सालों से ऑपरेशन ब्लू स्टार में ब्रिटिश सरकार की भूमिका की जांच करने की मांग कर रहे हैं।
स्लाव से लेबर उम्मीदवार तनमनजीत सिंह धेसी ने पोस्ट कर लिखा कि इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर परिसर पर हमला करने की अनुमति दी थी। अब तक इस घटना के पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया है। न ही ब्रिटिश सरकार ने इस घटना में तत्कालीन PM रहीं मार्गरेट थैचर की भूमिका की कोई जांच की है। धतनमनजीत सिंह ब्रिटिश संसद में पगड़ी पहनने वाले पहले सांसद थे।
ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटिश एयर सर्विस ने मदद की थी
ये पहली बार नहीं है जब लेबर पार्टी के नेताओं ने ऑपरेशन ब्लू स्टार में थैचर सरकार की भूमिका की जांच की मांग की है। वे पिछले 10 सालों से ये मांग कर रहे हैं। दरअसल, 2014 में ऑपरेशन ब्लूस्टार घटना के 30 साल पूरे होने पर एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर हुई भारतीय सेना की कार्रवाई में ब्रिटिश स्पेशल एयर सर्विस ने मदद की थी।
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तब ब्रिटिश एयर स्पेशल सर्विस कमांडर ने इंदिरा गांधी सरकार को स्वर्ण मंदिर में छुपे खालिस्तानियों को मारने की सलाह दी थी। ये सलाह जून 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार लॉन्च होने से 3 महीने पहले दी गई थी। इंग्लैंड की एक संस्था ‘सिख फेडरेशन यूके’ ने ये रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट्स में बताया गया था कि इससे जुड़ी जानकारियों को तब सीक्रेट रखा गया था।
सारी फाइलें क्लासिफाइड लिस्ट में डाल दी गई थीं। हालांकि बाद में इसमें से कुछ फाइलें लीक हो गई थीं। इसके बाद 2014 में डेविड कैमरून की सरकार ने जांच का आदेश दिया था। साल 2014 में ब्रिटेन के विदेश सचिव विलियम हेग ने हाउस ऑफ कॉमन में बताया था कि ऑपरेशन ब्लू स्टार में ब्रिटिश सरकार की भूमिका बेहद ‘लिमिटेड’ थी। इसमें ब्रिटिश सरकार की भूमिका सिर्फ एक ‘सलाह’ देने तक थी।
दावा है कि ब्रिटेन की पहली महिला पीएम मार्गरेट थैचर की सरकार ने ऑपरेशन ब्लूस्टार में भारत की मदद की थी।
क्या था ऑपरेशन ब्लूस्टार
खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरांवाले को पकड़ने के लिए 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। वह अमृतसर के गोल्डन टेंपल में छिपा था। उसे पकड़ने के लिए 6 जून 1984 को सेना गोल्डन टेंपल और अकाल तख्त साहिब में घुसी और जरनैल सिंह को मार डाला।
भारत सरकार के मुताबिक ऑपरेशन ब्लू स्टार में कुल 554 लोग मारे गए थे। इसमें कई खालिस्तान समर्थक लोग भी थे। हालांकि सिख संगठनों का दावा है कि इस ऑपरेशन में कई हजार लोग मारे गए थे। ऑपरेशन ब्लू स्टार के कुछ ही दिनों के बाद भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षकों ने कर दी थी।
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