UAE President Haqqani Network Chief Meeting Update | Sirajuddin Haqqani | अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी से मिले UAE के राष्ट्रपति: तालिबान के सिराजुद्दीन हक्कानी पर 83 करोड़ का इनाम; भारतीय दूतावास पर हमला करा चुका


2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
UAE के राष्ट्रपति ने मंगलवार (6 जून) को अबु धाबी के कासर अल-शाती पैलेस में हक्कानी से मुलाकात की। - Dainik Bhaskar

UAE के राष्ट्रपति ने मंगलवार (6 जून) को अबु धाबी के कासर अल-शाती पैलेस में हक्कानी से मुलाकात की।

UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी और हक्कानी नेटवर्क के चीफ सिराजुद्दीन हक्कानी से मुलाकात की। दरअसल, हक्कानी अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान की सरकार में गृह मंत्री है। उस पर अमेरिका में 83 करोड़ रुपए का इनाम घोषित है।

दरअसल, 2010 के दशक में हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों पर एक के बाद एक कई आत्मघाती हमले किए थे। 2012 में अमेरिका ने हक्कानी नेटवर्क को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था।

सिराजुद्दीन और उसके पिता ने मिलकर 2008 में काबुल के भारतीय दूतावास पर भी हमला कराया था। इसमें 58 लोगों की मौत हुई थी। 2011 में अमेरिका के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ रहे जनरल माइक मुलेन ने हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का दायां हाथ और एजेंट बताया था।

UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने तालिबान के गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी और उनके डेलिगेशन के साथ बैठक की।

UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने तालिबान के गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी और उनके डेलिगेशन के साथ बैठक की।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हक्कानी का पहला विदेश दौरा
2021 में अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद यह पहला मौका है, जब सिराजुद्दीन हक्कानी किसी विदेश यात्रा पर गया है। UAE के राष्ट्रपति ने मंगलवार (6 जून) को अबु धाबी के कासर अल-शाती पैलेस में हक्कानी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने UAE और अफगानिस्तान के रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा की। बैठक के दौरान अफगानिस्तान में आर्थिक और सामाजिक विकास पर भी बातचीत की गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हक्कानी की इस मीटिंग के एजेंडे में UAE की जेलों में बंद अफगान कैदियों की रिहाई और अफगानियों के लिए UAE की वीजा सर्विस शुरू कराने जैसे मुद्दे शामिल थे। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान में UAE की कंपनियों का निवेश बढ़ाने पर भी चर्चा की गई।

इस बैठक में तालिबान के स्पाई चीफ अब्दुल हक वासिक भी शामिल रहा। वह कई सालों तक ग्वांटानामो बे में मौजूद अमेरिकी मिलिट्री जेल में कैद रह चुका है। 2014 में कैदियों की अदला-बदली के दौरान उसे रिहा किया गया था।

तालिबान के खिलाफ लड़ाई में UAE ने दिया था अमेरिका का साथ
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, सिराजुद्दीन हक्कानी के इस दौरे को अहम माना जा रहा है क्योंकि UAE मिडिल ईस्ट में अमेरिका का अहम सहयोगी है। जब अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों की सेना लड़ रही थी, तब उनको सपोर्ट करने के लिए UAE ने कई बार अपने सैनिकों को वहां भेजा था।

मंगलवार को UAE के राष्ट्रपति और हक्कानी की मुलाकात पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय का बयान भी सामने आया। मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि UN के सदस्य देशों को प्रतिबंधित लोगों को अपने देश में बुलाने से पहले इजाजत लेनी चाहिए। हालांकि बाद में AP ने बात करते हुए मिलर ने कहा, “UAE हमारा अहम पार्टनर है। हम जानते हैं कि कई देशों के अफगानिस्तान के साथ मुश्किल रिश्ते हैं। हम अपने सभी सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।”

रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में तालिबान की वापसी के बाद से UAE उनसे रिश्ते सुधारने की कोशिश में लगा हुआ है। UAE की एयर अरेबिया और फ्लाई दुबई एयरलाइंस ने पिछले साल नवंबर में काबुल एयरपोर्ट के लिए उड़ानें भी शुरू कर दी थीं।

तालिबान के कब्जे से पहले अफगानिस्तान में आतंकी हमले करवा चुका हक्कानी
2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पहले हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में कई खतरनाक हमले किए थे। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस संगठन पर प्रतिबंध लगा रखा है। हक्कानी नेटवर्क आतंकी हमलों में सुसाइड बॉम्बर का इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है।

2013 में अफगान सेना ने हक्कानी नेटवर्क के एक ट्रक को पकड़ा था। इस ट्रक में करीब 28 टन विस्फोटक भरा हुआ था। 2008 में उस वक्त के अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई पर हुए आत्मघाती हमले का आरोप भी हक्कानी नेटवर्क पर लगा था। अफगानिस्तान में आत्मघाती हमलों की शुरुआत करने का आरोप भी हक्कानी नेटवर्क पर ही है।

पूर्वी अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क का प्रभाव सबसे ज्यादा है। अफगानिस्तान में प्रभावी इस संगठन का बेस पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिम सीमा में है। तालिबान लीडरशिप में भी हक्कानी नेटवर्क की उपस्थिति बढ़ी है। 2015 में नेटवर्क के मौजूदा प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को तालिबान का डिप्टी लीडर बनाया गया था।

‘भारत ने हमारे दुश्मनों की मदद की, लेकिन हम इसे भूलने को तैयार’
2021 में हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी के भाई अनस हक्कानी ने CNN को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हम भारत से अच्छे संबंध चाहते हैं। भारत ने पिछले बीस साल के दौरान हमारे दुश्मनों की बहुत मदद की, लेकिन हम सब कुछ भूलकर रिश्तों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। कश्मीर के मुद्दे पर अनस ने कहा कि कश्मीर में किसी भी तरह का दखल हमारी पॉलिसी के खिलाफ है। हम इस मुद्दे पर कोई दखल नहीं देंगे।

हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच क्या रिश्ते हैं?
हक्कानी नेटवर्क का गठन पूर्व मुजाहिद्दीन कमांडर जलालुद्दीन हक्कानी ने किया था। 1980 के दशक में जलालुद्दीन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की ट्रेनिंग और फंडिंग से इसे शुरू किया था। CIA ने उस वक्त अफगानिस्तान पर काबिज सोवियत संघ के खिलाफ लड़ने के लिए इस तरह कई लड़ाकों की मदद की।

उस दौर में जलालुद्दीन एंटी-सोवियत जिहाद के हीरोज में शामिल था। अफगानिस्तान में सोवियत सरकार के पतन तक जलालुद्दीन ने ओसामा बिन लादेन सहित कई विदेशी जिहादियों के साथ अच्छे रिश्ते बना लिए थे।1990 के दशक में जब तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ तो जलालुद्दीन ने उससे हाथ मिला लिए।

2000 की शुरुआत में हक्कानी का तालिबान में प्रभाव बढ़ा और उसे मिलिट्री कमांडर बना दिया गया। 9/11 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर अटैक के बाद जब अफगानिस्तान में अमेरिका का दखल बढ़ा तो हक्कानी नाटो सेनाओं के खिलाफ युद्ध में लड़ा। कहा जाता है कि उस दौर में ओसामा बिन लादेन को अफगानिस्तान से बाहर निकालने में भी हक्कानी का ही हाथ था।

2010 के दशक की शुरुआत में हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों पर एक के बाद एक कई आत्मघाती हमले किए। 2018 में जलालुद्दीन हक्कानी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। इसके बाद जलालुद्दीन का बेटा सिराजुद्दीन हक्कानी नेटवर्क का नया प्रमुख बना।

खबरें और भी हैं…



Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *