Imran Khan, ex-Pakistan FM Qureshi acquitted by Pakistan court in cipher case | इमरान खान साइफर केस में बरी: इस्लामाबाद हाईकोर्ट का फैसला, सबूतों के अभाव में कोर्ट ने रद्द की 10 साल की सजा


इस्लामाबाद3 मिनट पहले

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इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। साइफर केस में वे बरी हो गए हैं। - Dainik Bhaskar

इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। साइफर केस में वे बरी हो गए हैं।

जेल में बंद पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बड़ी राहत मिली है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को इमरान खान और उनकी सरकार में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी को सबूतों के अभाव में साइफर केस (सीक्रेट लेटर चोरी) मामले में बरी कर दिया है।

सीक्रेट लेटर चोरी केस में इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी पिछले साल दोषी पाए गए थे। स्पेशल कोर्ट ने उन्हें देश की गोपनीयता भंग करने का दोषी पाया गया था। इस मामले में उन्हें 10-10 साल की सजा सुनाई थी। इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी ने इस सजा के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

सोमवार को इमरान खान और कुरैशी की याचिका पर मुख्य न्यायाधीष आमिर फारुख और न्यायामूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि उनकी सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि अगर उन्हें किसी अन्य मामले में हिरासत में नहीं रखा गया है, तो रिहा किया जाए।

27 मार्च 2022 को इस्लामाबाद की रैली में इमरान के हाथ में एक कागज नजर आया था। खान का दावा है कि इसमें उनकी सरकार गिराने की अमेरिकी साजिश का जिक्र है।

27 मार्च 2022 को इस्लामाबाद की रैली में इमरान के हाथ में एक कागज नजर आया था। खान का दावा है कि इसमें उनकी सरकार गिराने की अमेरिकी साजिश का जिक्र है।

इमरान खान को 29 अगस्त को साइफर गेट स्कैंडल में हिरासत में लिया गया था। इस केस की चार्जशीट में पूर्व प्रधानमंत्री के पास साइफर होने की बात कही गई है और आरोप लगाया गया है कि उन्होंने देश की गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल किया।

यह साइफर पिछले साल मार्च में अमेरिका में तैनात पाकिस्तानी एम्बेसेडर असद मजीद खान ने विदेश मंत्रालय को भेजा था। खान ने इसे पढ़ने के बहाने अपने पास रख लिया और बाद में कहा कि यह लेटर खो गया है। हालांकि, वो साइफर को कई रैलियों में खुलेआम लहरा चुके हैं।

इमरान जब PM थे, तब आजम खान उनके प्रिंसिपल सेक्रेटरी थे। आजम ने जांच एजेंसी के सामने पेश होकर इमरान के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।

इमरान जब PM थे, तब आजम खान उनके प्रिंसिपल सेक्रेटरी थे। आजम ने जांच एजेंसी के सामने पेश होकर इमरान के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।

क्या है साइफर गेट स्कैंडल या सीक्रेट लेटर चोरी केस

  • पिछले साल अप्रैल में सरकार गिरने के बाद इमरान की तरफ से लगातार दावा किया गया कि यह लेटर (डिप्लोमैटिक टर्म में सायफर) अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट यानी फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भेजा गया। इमरान का दावा रहा कि बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन उनको प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं देखना चाहती थी और अमेरिका के इशारे पर ही उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
  • ‘साइफर गेट या केबल गेट या नेशनल सीक्रेट गेट’ केस में इमरान का फंसना तय माना जा रहा है। इसकी वजह यह है कि जब वो प्रधानमंत्री थे, तब आजम खान उनके चीफ सेक्रेटरी थे। आजम से जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (JIT) दो बार पूछताछ कर चुकी है। आजम ने बिल्कुल साफ कहा है कि उन्होंने यह साइफर इमरान को दिया था। बाद में आजम ने जब इसे खान से वापस मांगा तो उन्होंने कहा कि यह तो कहीं गुम हो गया है।
  • हैरानी की बात है कि खान ने बाद में यही साइफर कई रैलियों में खुलेआम लहराया। खान ने कहा- ये वो सबूत है जो यह साबित करता है कि मेरी सरकार अमेरिका के इशारे पर फौज ने गिराई। आजम के इकबालिया बयान ने यह तय कर दिया है कि इमरान चाहकर भी इसे झुठला नहीं सकेंगे। खास बात यह भी है कि आजम ने अपना बयान जांच एजेंसी और मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया है। इसकी कॉपी पर सिग्नेचर भी किए हैं।
  • इसके अलावा खान का एक ऑडियो टेप भी वायरल हुआ था। इसमें इमरान, उस वक्त के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और आजम खान की आवाजें थीं। फोरेंसिक जांच में यह साबित हो चुका है कि यह ऑडियो सही है, इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी। टेप में खान कुरैशी और आजम से कहते हैं- अब हम इस साइफर को रैलियों में दिखाकर इससे खेलेंगे।

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