माले/नई दिल्ली2 घंटे पहले
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मालदीव्स जम्हूरी पार्टी (JP) के नेता कासिम इब्राहिम वहां के सबसे बड़े कारोबारियों में भी शामिल हैं। (फाइल)
मालदीव के विपक्षी दल मालदीव्स जम्हूरी पार्टी (JP) के नेता कासिम इब्राहिम ने कहा है कि प्रेसिडेंट मोहम्मद मुइज्जु को भारत के लोगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगनी चाहिए।
कासिम ने कहा- हालिया चीन दौरे पर मुइज्जु ने भारत और प्रधानमंत्री मोदी को लेकर जिस तरह के कमेंट्स किए हैं, उन्हें कबूल नहीं किया जा सकता। हमारे पूर्व सभी राष्ट्रपति भारत को सबसे करीबी पड़ोसी के तौर पर सम्मान देते थे। मुइज्जु को उनसे सीख लेनी चाहिए।
मुइज्जु पर दबाव
- सोमवार 29 जनवरी 2024 को ही दो विपक्षी पार्टियों ने मुइज्जु के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की बात कही थी। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। इस बीच, कासिम की मांग ने प्रेसिडेंट की मुश्किलों में इजाफा ही किया है। इसकी वजह यह है कि मालदीव के ज्यादातर नेता भारत से अच्छे रिश्ते रखने की मांग करते रहे हैं। इतना ही नहीं, विपक्ष ने सोमवार को ही मुइज्जु के तीन कैबिनेट मेंबर्स के नॉमिनेशन को अप्रूवल भी नहीं दिया था।
- कासिम ने मंगलवार शाम कहा- किसी भी देश और खासतौर पर पड़ोसी देश के बारे में ऐसी कोई बात नहीं कहनी चाहिए, जिससे रिश्ते खराब हों। एक मुल्क के तौर पर यह हमारी जिम्मेदारी है। देश में जब ‘इंडिया आउट’ कैम्पेन चल रहा था, तब पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने तो इस भारत की आलोचना को रोकने के लिए बाकायदा आदेश जारी किया था।
- कासिम ने आगे कहा- मेरा सवाल ये है कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्लाह यामीन तो मुइज्जु के साथ उस कैम्पेन में शामिल थे। ऐसे में मुइज्जु की क्या मजबूरी है कि वो इस आदेश को रद्द तक नहीं कर पा रहे हैं। सही बात तो ये है कि इस आदेश को रद्द किया भी नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे मालदीव को बड़ा नुकसान होगा। मैं चाहता हूं कि मुइज्जु यह गलती बिल्कुल न करें।
- कासिम ने आखिर में कहा- मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं और ये मेरी मुइज्जु से मांग है कि वो औपचारिक (फॉर्मल) तौर पर भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगें। चीन दौरे के बाद उन्होंने भारत के बारे में जो कुछ कहा था, उसे कबूल नहीं किया जा सकता।
किस आदेश की बात कर रहे हैं कासिम
- पिछले साल की शुरुआत में मुइज्जु कैम्पेन कर रहे थे। उनका भारत विरोधी एजेंडा इस कदर हावी था कि उन्होंने ‘इंडिया आउट’ कैम्पेन ही लॉन्च कर दिया। तब उस वक्त के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि इंडिया आउट कैम्पेन बंद किया जाए, क्योंकि अगर ये जारी रहा तो इससे मालदीव की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
- इस आदेश के बाद मालदीव की सिक्योरिटी एजेंसीज ने इंडिया आउट के कई बैनर्स हटा दिए। इन्हें यह भी अधिकार दिया गया कि अगर कोई नेता आदेश नहीं मानता तो उसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाए।
- यामीन और मुइज्जु इंडिया आउट कैम्पेन के मास्टरमाइंड थे। यामीन की प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स (PPM) इस कैम्पेन में शामिल थी। मजे की बात यह है कि मुइज्जु ने प्रेसिडेंट बनने के लिए यामीन को ही ठिकाने लगा दिया और उनकी पार्टी तोड़ दी
- पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने मुइज्जु के जूनियर मिनिस्टर्स की भारत विरोधी टिप्पणियों को गलत बताया था। मालदीव की फॉरेन मिनिस्ट्री ने 14 जनवरी को कहा था कि भारत के सैनिक मालदीव से जाने वाले हैं।
मुइज्जु के खिलाफ महाभियोग की तैयारी
दो विपक्षी पार्टियां मुइज्जु के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दे सकती हैं। यह जानकारी सोमवार देर रात ‘द सन मालदीव’ वेबसाइट ने दी। अगर स्पीकर इस प्रस्ताव को कबूल करते हैं और महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करते हैं तो आखिर में वोटिंग होगी। इस प्रोसेस में 14 या 15 दिन लग सकते हैं।
मालदीव की संसद में कुल 87 सांसद हैं। मुइज्जू को सोमवार को एक और कामयाबी मिली। उनकी कैबिनेट के 22 में से 19 मंत्रियों को पार्लियामेंट से अप्रूवल मिल गया।
मुइज्जु को कैसे हटाया जा सकता है
- मालदीव की न्यूज वेबसाइट ‘अधाधु’ के मुताबिक महाभियोग प्रस्ताव पारित कराने के लिए 87 में से कम से कम 53 वोट चाहिए होंगे। इसके बाद ही मुइज्जु को राष्ट्रपति पद से हटाया जा सकता है। अभी सिर्फ 34 सांसद महाभियोग प्रस्ताव के समर्थन में हैं।
- इसके अलावा महाभियोग में 3 बातें साफ होनी चाहिए। पहली- प्रेसिडेंट ने इस्लाम, संविधान या कानून के खिलाफ कोई काम किया हो। दूसरी- राष्ट्रपति पद पर रहते हुए इसका गलत या अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया हो। तीसरी और आखिरी- संविधान के तहत मिली जिम्मेदारियों को पूरा कर पाने में नाकाम रहे हों।
रविवार को संसद में एंट्री और मुइज्जु कैबिनेट के कुछ नामों को लेकर काफी बवाल और मारपीट हुई थी। इसके अगले दिन यानी सोमवार को महाभियोग प्रस्ताव लाने की बात सामने आई।
पत्नी साजिदा के साथ प्रेसिडेंट मुइज्जु। मालदीव के पॉलिटिकल सर्कल्स में कुछ लोग साजिदा को प्रेसिडेंट की पॉलिटिकल एडवाइजर भी बताते हैं। (फाइल)
दो पार्टियां साथ
रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के पास संसद में बहुमत है। उसने महाभियोग के लिए जरूरी सांसदों का समर्थन लिखित तौर पर हासिल कर लिया है। इसके एक सांसद ने नाम न बताने की शर्त पर कहा- हम कुछ और सांसदों से बातचीत के बाद महाभियोग लाने की तारीख पर फैसला करेंगे। अब तक MDP और डेमोक्रेटिक पार्टी के कुल 34 सांसद हमारे साथ हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक विपक्ष की नाराजगी मुइज्जु के तानाशाही रवैये को लेकर बढ़ गई है। दरअसल, प्रेसिडेंट ने अली हुसैन को गृह मंत्री नॉमिनेट किया है। विपक्ष इसके सख्त खिलाफ है। इसके अलावा घसाम मामून को रक्षा मंत्री चुना गया है। इन दोनों ही नामों को लेकर विपक्ष और यहां तक कि सत्ता पक्ष के कई सांसद नाराज हैं। इसी वजह से रविवार को संसद में जबरदस्त हंगामा और मारपीट हुई। दो दिन से संसद के बाहर पुलिस तैनात है।
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु अब विपक्षी पार्टियों के सांसदों को अपने पाले में लाकर कुर्सी बचाने की कोशिश कर रहे हैं। (फाइल)
सियासी जोड़-तोड़ जारी
मुइज्जु की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) सत्ता में है। हालांकि उसके पास बहुमत नहीं है। रविवार को स्पीकर मोहम्मद असलम ने कहा- मुझे चुनाव आयोग ने बताया है कि मुख्य विपक्षी दल MDP के 13 सांसद 28 दिसंबर 2023 को PNC जॉइन कर चुके हैं। अब उसके 14 सांसद हो गए हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन में प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स (PPM) के 2 सांसद भी शामिल हैं।
तस्वीर रविवार 28 जनवरी 2024 की है। तब स्पीकर पर मनमानी और पक्षपात का आरोप लगाते हुए विपक्षी सांसद हूटर लेकर उनके कान के पास बजाने लगे थे।
स्पीकर के कान पर हॉर्न बजाए
- रविवार को कुछ सांसद मुंह से बजाए जाने वाले बिगुल (या हॉर्न) लेकर आए थे। वो स्पीकर की चेयर के पास पहुंचे और उनके कान के पास इन्हें बजाने लगे। इन सांसदों का आरोप है कि स्पीकर एकतरफा फैसले कर रहे हैं।
- इसके बाद मुइज्जु के समर्थक और विरोधी सांसदों में हाथापाई हो गई। इसके वीडियो वायरल हुए। मुइज्जु को जब लगा कि उन्हें इन मंत्रियों के अपॉइंटमेंट पर अप्रूवल नहीं मिलेगा तो उन्होंने गार्ड्स को हुक्म दिया कि विरोधी सांसदों को संसद के मुख्य हॉल में एंट्री ही न दी जाए।
- मुइज्जु के गठबंधन में PNC और PPP हैं। इनका आरोप है कि विपक्ष देश में सभी काम रोकने की साजिश रच रहा है। राष्ट्रपति के एडवाइजर अब्दुल रहमान ने कहा- अगर विपक्ष ने मंत्रियों के अपॉइंटमेंट को अप्रूवल नहीं दिया तो हम उन्हें री-अपॉइंट कर सकते हैं।
तस्वीर रविवार 28 जनवरी 2024 की है। मालदीव की संसद में विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी के सांसद कैबिनेट मिनिस्टर्स के अप्रूवल को लेकर भिड़ गए थे।
भारत का एंगल भी मौजूद
दूसरी तरफ, मालदीव के नेशनल टूरिज्म मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 3 हफ्तों में मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी गिरावट आई है। साल 2023 में मालदीव में भारतीय टूरिस्ट की संख्या सबसे ज्यादा रही थी। हालांकि, 28 दिसंबर के डेटा के मुताबिक अब ऐसा नहीं है।
टूरिज्म मंत्रालय के मुताबिक, मालदीव में इस साल अब तक सबसे ज्यादा टूरिस्ट रूस के पहुंचे हैं। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर इटली तो वहीं तीसरे पर चीन है। भारत पहले पायदान से पांचवे पर खिसक गया है। जनवरी के महीने में करीब 14 हजार भारतीय ही मालदीव पहुंचे। जबकि रूस से करीब 18.56 हजार टूरिस्ट यहां घूमने गए।
दरअसल, PM मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी के बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। इन मंत्रियों ने PM मोदी, भारत और इजराइल के साथ रिश्तों को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद इन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं भारत में #BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा था।
हाल ही में मालदीव की दो विपक्षी पार्टियों ने सरकार के भारत विरोधी रवैये की आलोचना की थी। MDP और डेमोक्रेट्स पार्टी ने जॉइंट स्टेटमेंट में कहा था- भारत ने मालदीव का हर मुश्किल वक्त और जरूरत में साथ दिया है। अब जो फॉरेन पॉलिसी अमल में लाई जा रही है। वो नुकसान पहुंचाएगी। भारत हमारे देश के विकास में हमेशा मदद करता आया है।
महाभियोग या इम्पीचमेंट का प्रोसेस
- इसमें पिछले साल बदलाव किया गया था। रूल्स के मुताबिक प्रेसिडेंट या वाइस प्रेसिडेंट के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव स्पीकर के सामने पेश किया जाता है। इसके लिए दो दिन पहले नोटिस दिया जाएगा। इसके अगले दो दिन में प्रस्ताव पेश किया जाता है।
- स्पीकर को महाभियोग प्रस्ताव मिलने के 14 दिन बाद इस पर बहस होती है। इसके पहले सभी सांसदों को मौजूद रहने का नोटिस दिया जाता है।
- महाभियोग पर बहस के लिए 3 घंटे दिए जाते हैं। प्रेसिडेंट या वाइस प्रेसिडेंट के पास बचाव में दलील देने के लिए 30 मिनट होते हैं। वो अपने पक्ष में तीन वकीलों को भी पेश कर सकते हैं।
- इसके बाद वोटिंग होती है। इसके बाद मामला 7 मेंबर्स की कमेटी को भेजा जाता है। अगर किसी भी पक्ष को कोई बदलाव करना है तो उसे दो घंटे में लिखित तौर पर इसकी जानकारी कमेटी को देनी होती है।
रविवार को जब मुइज्जु कैबिनेट के कुछ मिनिस्टर्स को संसद का अप्रूवल नहीं मिला तो कुछ मंत्री ही विपक्ष के विरोध में तख्तियां लेकर खड़े हो गए।
संसद का गणित क्या है
- मालदीव के ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘अधाधु’ के मुताबिक MDP के पास 43 और डेमोक्रेट्स के पास 13 सांसद हैं। यह संख्या 56 हो जाती है। सवाल ये है कि जब वोटिंग होगी तो क्या सभी विपक्षी सांसद मुइज्जु के खिलाफ वोटिंग करेंगे। मुइज्जु की पार्टी के सीनियर लीडर मोहम्मद रेहान ने सोमवार रात कहा- विपक्ष के ज्यादातर सांसद हमारे साथ हैं। अगर वो एकजुट होते तो कैबिनेट मिनिस्टर्स को पार्लियामेंट से अप्रूवल कैसे मिलता?
- दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ गठबंधन (PPM-PNC) स्पीकर मोहम्मद असलम और डिप्टी स्पीकर अहमद सलीम (दोनों विपक्षी दल MDP के सांसद) को पद से हटाने के लिए नो-कॉन्फिडेंस मोशन लाने पर अड़ा है। इसके पास 23 सांसदों का समर्थन है।
- MDP ने रविवार को एक व्हिप जारी किया। कहा- मुइज्जु कैबिनेट के चार मंत्रियों का विरोध करें। इनके नाम को अप्रूवल न दें। बहरहाल, आने वाले दिन मालदीव में सियासी हलचल को बढ़ाने वाले साबित होंगे। हालांकि सोमवार रात तक तीन मंत्रियों को अप्रूवल मिल चुका था।
- मालदीव की संसद में इस वक्त 87 सांसद हैं। हर सांसद 5 हजार लोगों को रिप्रेजेंट करता है। 2024 में 6 संसदीय क्षेत्र और जुड़ जाएंगे। लिहाजा, सांसदों की संख्या 93 हो जाएगी। हालांकि कुछ दल मांग कर रहे हैं कि सांसदों की संख्या 87 से घटाकर 76 कर दी जानी चाहिए, क्योंकि देश बहुत छोटा है।