6 घंटे पहले
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यह CCTV फुटेज माच शहर में BLA के हमले से जुड़ा बताया जा रहा है।
पाकिस्तान की बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने सोमवार को माच शहर में 3 हमले किए। इसमें 1 पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि 1 ट्रक ड्राइवर घायल हुआ है। जियो न्यूज के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि सोमवार को रात करीब साढ़े 9 बजे BLA ने करीब 15 रॉकेट से यह हमला किया।
उन्होंने मिलिट्री कैंप और सेंट्रल जेल को निशाना बनाया। इस दौरान 2 रॉकेट माच जेल कॉलोनी में गिरे। वहीं एक लेवीज पुलिस स्टेशन पर गिरा। BLA के अलगाववादी माच रेलवे स्टेशन में भी घुस गए। इस दौरान पाकिस्तानी पुलिस और अलगाववादियों के बीच कई घंटों तक गोलीबारी भी हुई।
BLA के प्रवक्ता जीयांद बलोच ने हमले की जिम्मेदारी ली। बलूचिस्तान पोस्ट के मुताबिक BLA ने दावा किया है कि हमले में करीब 10 सैनिकों की मौत हुई है। उन्होंने इस ऑपरेशन को दारा-ए-बोलन नाम दिया था।
कोलपुर में BLA का रॉकेट गिरने के बाद एक ट्रक में आग लग गई।
धमाकों की आवाज से घरों की खिड़कियों के शीशे टूटे
जियो न्यूज के मुताबिक, सोमवार रात पूरे माच शहर में अंधेरा छा गया था। हर तरफ सिर्फ धमाकों की आवाज सुनाई दे रही थी। ये इतनी तेज थी कि कई घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। इसके बाद प्रशासन ने शहरे के कोलपुर और धरार इलाके में लोगों की आवाजाही बंद कर दी।
बलूचिस्तान के सूचना मंत्री जन अचकजई ने कहा- सुरक्षाकर्मी तीनों हमलों को नाकाम करने में सफल रहे। जिन जगहों पर हमला किया गया, वहां ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। आतंकवादी फिलहाल पीछे हट चुके हैं और सुरक्षा बल उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। शहर के सभी लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है।
माच जेल में मौजूद थे 800 कैदी
इससे पहले सोशल मीडिया और कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि BLA के हमले में माच जेल की दीवार और मेन गेट तबाह हो गया। हालांकि, जेल के सुपरीटेंडेट ने इन दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी रॉकेट जेल की दीवार या कैंपस तक नहीं पहुंचा है। बता दें कि माच की जेल में इस वक्त करीब 800 कैदी मौजूद हैं। इनमें से कई हत्याओं के भी दोषी हैं।
तस्वीर 18 दिसंबर की है। बलूचिस्तान के लोगों ने अपने हक के लिए इस्लामाबाद तक 1600 किमी लंबी मार्च निकाली थी।
क्या है बलोच नेशनल मूवमेंट?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का एक प्रांत है। इसकी राजधानी क्वेटा है। यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है। इसकी सीमा ईरान और अफगानिस्तान से लगती है। यहां पर सोना, तांबा के साथ ही कई तरह के मिनरल्स के खदान है। इनसे पाकिस्तान को काफी फायदा होता है।
बलूचिस्तान के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार इस क्षेत्र से इतना फायदा लेने के बावजूद यहां के लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही। 1948 से ही यहां के लोग पाकिस्तान सरकार के विरोध में है। वे पाकिस्तान से आजादी की मांग करते आए हैं।
वहां के लोग बलोच नेशनल मूवमेंट नाम से आंदोलन चला रहे हैं। इसका मकसद बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद कराना है। बलोच लिबरेशन आर्मी का गठन 1970 के दशक में हुआ था। वहीं माजिद ब्रिगेड का अस्तित्व 2011 में आया। माजिद ब्रिगेड का नाम कराची स्टॉक एक्सचेंज और ग्वादर अटैक में भी आ चुका है।
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