RBI bans business of two Edelweiss companies | एडलवाइस की दो कंपनियों के बिजनेस पर RBI की पाबंदी: लोन डिफॉल्ट छिपाने के लिए आपस में ट्रांजैक्शन कर रही थी कंपनियां


59 मिनट पहले

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को ईसीएल फाइनेंस और एडलवाइस एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी पर कारोबार से जुड़े प्रतिबंध लगाए हैं। नियामकीय जांच के दौरान मिली कुछ गंभीर चिंताओं को देखते हुए रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया है।

रिजर्व बैंक ने एडलवाइस एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी से सिक्योरिटी रिसीट सहित फाइनेंशियल एसेट का अधिग्रहण बंद करने को कहा है। वहीं ईसीएल फाइनेंस को अपने होलसेल एक्सपोजर से संबधित कोई भी स्ट्रक्चर्ड ट्रांजैक्शन करने से रोकने के लिए कहा गया है।

डिफॉल्ट बचाने के लिए आपस में ट्रांजैक्शन कर रही थी कंपनी
केंद्रीय बैंक के मुताबिक ग्रुप की कंपनियां आपसी सहमति से ऐसे ट्रांजैक्शन में लगी थीं जिससे ईसीएल के स्ट्रेस्ड एक्सपोजर को एवरग्रीन किया जा सके। स्ट्रेस्ड एक्सपोजर ऐसे लोन होते हैं जिसे उधारकर्ता भर नहीं पाते।

वहीं एवरग्रीन उस प्रोसेस को कहते हैं जिसमें कंपनी, डिफॉल्ट को बचाने के लिए ऐसे उधारकर्ताओं को और लोन देती है जो मौजूदा लोन चुका नहीं पा रहे हैं। कंपनी आमतौर पर ऐसा इसलिए करती है ताकि ये लोन नॉन परफॉर्मिंग एसेट न बन जाए।

इसके जरिए कंपनी अपनी और उधारकर्ता दोनों की सही फाइनेंशियल हेल्थ छिपाती है। इस मामले में एवरग्रीनिंग के लिए ईएआरसीएल के प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जा रहा था। ईसीएल और ईएआरसीएल दोनों ने सिक्योरिटी रिसीट्स के वैल्यूएशन की भी गलत जानकारी दी।

इस साल RBI के तीन बड़े एक्शन

  • 5 मार्च को, RBI ने अनियमितताएं पाए जाने के बाद नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी JM फाइनेंशियल को शेयरों और डिबेंचर के अगेन्स्ट लोन देने पर रोक लगा दी थी। इसमें वो लोन भी शामिल थे जो शेयरों की इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO के अगेन्स्ट दिए जाते थे।
  • 4 मार्च को, केंद्रीय बैंक ने IIFL फाइनेंस के गोल्ड लोन बिजनेस पर रोक लगा दी थी। RBI को कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में कई तरह की अनियमितताएं मिली थी। हालांकि, कंपनी मौजूदा गोल्ड लोन कस्टमर्स को सर्विस देना जारी रख सकेगी।
  • 31 जनवरी को RBI ने अनियमितताओं के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक पर रोक लगी थी। RBI ने कहा था कि पेटीएम पेमेंट बैंक के अकाउंट में पैसा जमा नहीं किया जा सकेगा। इस बैंक के जरिए वॉलेट, प्रीपेड सर्विसेज, फास्टैग और दूसरी सर्विसेज में पैसा नहीं डाला जा सकेगा।

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