Titanic Shipwreck Site; US Triton Submarines Co-Founder | Patrick Lahey | टाइटैनिक के मलबे को देखने जाएगी एक और पनडुब्बी: 12 हजार फीट गहराई में उतरेगी ट्राइटन सबमरीन; टाइटन की तरह इसमें भी अरबपति होंगे


3 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
ये फुटेज टाइटन सबमरीन की है। पिछले साल जून में सबमरीन के जरिए टाइटैनिक का मलबा देखने गए 5 लोगों की मौत हो गई थी। - Dainik Bhaskar

ये फुटेज टाइटन सबमरीन की है। पिछले साल जून में सबमरीन के जरिए टाइटैनिक का मलबा देखने गए 5 लोगों की मौत हो गई थी।

टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने गई टाइटन पनडुब्बी के समुद्र में फटने के 11 महीने बाद, अब अमेरिका के एक और अरबपति ऐसा करने जा रहे हैं। अमेरिका के रियल एस्टेट अरबपति लैरी कॉनर ट्राइटन सबमरीन के को-फाउंडर पैट्रिक लाहे के साथ इस यात्रा पर जाएंगे।

इसके लिए कॉनर ने ट्राइटन 4000/2 एक्सप्लोरर नाम के एक सबमर्सिबल डिजाइन की है। इसकी कीमत 166 करोड़ रुपए है। यह समुद्र में 4 हजार मीटर की गहराई तक जा सकती है, जिसे देखते हुए इसका नाम ‘4000’ रखा गया है। ट्राइटन पनडुब्बी अपनी यात्रा पर कब जाएगी, इसकी तारीख फिलहाल सामने नहीं आई है।

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में लैरी ने कहा, “वे दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि समुद्र ताकतवर होने के साथ कितना बेहतरीन भी है। अगर आप सही कदम उठाएंगे तो एक यात्रा जीवन को लेकर आपका नजरिया बदल सकती है।”

तस्वीर अमेरिकी अरबपति लैरी कॉनर की है। ये एक प्राइवेट एस्ट्रोनॉट भी हैं, जिन्हें नासा से सर्टिफिकेट मिला हुआ है।

तस्वीर अमेरिकी अरबपति लैरी कॉनर की है। ये एक प्राइवेट एस्ट्रोनॉट भी हैं, जिन्हें नासा से सर्टिफिकेट मिला हुआ है।

टाइटन में विस्फोट के बाद नई पनडुब्बी बनाने का फैसला किया
ट्राइटन पनडुब्बी के को-फाउंडर पैट्रिक ने WSJ को दिए इंटरव्यू में कहा, “पिछले साल जब टाइटन पनडुब्बी में विस्फोट हुआ था तब कॉनर ने मुझे फोन करके कहा था कि हमें एक नई पनडुब्बी बनानी होगी। यह यात्रियों को टाइटैनिक के मलबे तक सुरक्षित ले जाने में सक्षम होनी चाहिए। हमें यह साबित करना होगा की टाइटन की पनडुब्बी में खामी थी लेकिन असल में यह यात्रा उतनी खतरनाक नहीं है।”

इससे पहले पिछले साल 18 जून को टाइटन सबमरीन अटलांटिक महासागर में 12 हजार फीट नीचे गई थी। इसके ठीक बाद यह लापता हो गई थी। 4 दिन की मशक्कत के बाद 22 जून को इसका मलबा टाइटैनिक जहाज से 1600 मीटर दूर मिला था। इसमें 4 टूरिस्ट और एक पायलट सवार था।

यात्रा पर निकलने के 1:45 घंटे बाद लापता हुई थी टाइटन सबमरीन
टाइटन पनडुब्बी 18 जून की शाम करीब 5:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अटलांटिक महासागर में छोड़ी गई थी। ये 1:45 घंटे बाद लापता हो गई थी। अनुमान लगाया गया था कि पनडुब्बी में विस्फोट हुआ था। अमेरिकी नेवी के एक अफसर के मुताबिक, टाइटन पनडुब्बी की आखिरी लोकेशन टाइटैनिक जहाज के पास से ही रिकॉर्ड की गई थी। लापता होने के कुछ देर बाद रडार पर विस्फोट से जुडे़ कुछ सिग्नल भी मिले थे।

पनडुब्बी ओशन गेट कंपनी की टाइटन सबमर्सिबल थी। इसका साइज एक ट्रक के बराबर थी। ये 22 फीट लंबी और 9.2 फीट चौड़ी थी। पनडुब्बी कार्बन फाइबर से बनी थी​​​​​​। टाइटैनिक का मलबा देखने जाने के लिए प्रति व्यक्ति 2 करोड़ रुपए फीस ली गई थी। ये सबमरीन समुद्र में रिसर्च और सर्वे के भी काम आती थी।

अटलांटिक महासागर में 3800 मीटर की गहराई में है टाइटैनिक का मलबा
टाइटैनिक जहाज का मलबा अटलांटिक ओशन में मौजूद है। ये कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के सेंट जोन्स से 700 किलोमीटर दूर है। मलबा महासागर में 3800 मीटर की गहराई में है। पनडुब्बी का ये सफर भी कनाडा के न्यूफाउंडलैंड से ही शुरू होता है। ये 2 घंटे में मलबे के पास पहुंच जाती है।

अब टाइटन पनडुब्बी के बारे में जानिए…

GK के जरिए टाइटैनिक जहाज और उसके हादसे के बारे में पढ़िए…

खबरें और भी हैं…



Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *