Missing Malaysia Plane | Malaysia Airlines Plane 370 Disappearance Mystery Update | दावा- मलेशियाई विमान MH370 को खोजने का तरीका मिला: आखिरी लोकेशन पर विस्फोट करके मिल सकती है क्रैश साइट; 10 साल पहले लापता हुआ था


2 मिनट पहले

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UK में कार्डिफ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने लापता हुए विमान MH370 का पता लगाने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है। - Dainik Bhaskar

UK में कार्डिफ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने लापता हुए विमान MH370 का पता लगाने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है।

मलेशिया के विमान MH370 के लापता हुए 10 साल हो चुके हैं, मगर इसकी गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है। अब इस विमान को ढूंढने के लिए ब्रिटेन की कार्डिफ यूनिवर्सिटी से जुड़े रिसर्चर ने एक नया दावा किया है।

न्यूज वेबसाइट मेट्रो की रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्चर्स ने लापता हुए विमान MH370 का पता लगाने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है। उनका मानना है कि जहां विमान की आखिरी लोकेशन मिली थी वहां पर एक बड़ा विस्फोट कर इसकी क्रैश साइट को ढूंढा जा सकता है।

दरअसल, 8 मार्च 2014 को कुआलालंपुर से 239 लोगों को लेकर बीजिंग जा रहा MH370 विमान अचानक लापता हो गया था। इस विमान को लेकर मानव इतिहास का सबसे बड़ा अंडरवाटर सर्च अभियान चलाया गया था लेकिन फिर भी सफलता नहीं मिली थी।

कुआलालंपुर से 239 लोगों को लेकर बीजिंग जा रहा ये विमान अचानक लापता हो गया था।

कुआलालंपुर से 239 लोगों को लेकर बीजिंग जा रहा ये विमान अचानक लापता हो गया था।

ऑडियो सिग्नल से लग सकता है विमान का पता
कार्डिफ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के तट पर स्थित हाइड्रो-एकूस्टिक स्टेशन के ऑडियो सिग्नल की मदद से इसका पता लगाया जा सकता है। जब एक एयरक्राफ्ट समंदर के पानी से टकराता है तो खास तरह के एकूस्टिक सिग्नेचर पैदा करता है जो कि पानी में 3 हजार किमी की दूरी तक रिकॉर्ड किए जा सकते हैं।

कार्डिफ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर उसमा कादरी ने कहा कि पिछले एयरक्राफ्ट दुर्घटनाओं के कारण भी पैदा हुए ऑडियो सिग्नल हाइड्रोफोन्स की पकड़ में आए थे। कार्डिफ यूनिवर्सिटी के टीम की ये रिसर्च साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में 2 मई को छपी थी। ये रिसर्च एक पनडुब्बी समेत 10 हवाई दुर्घटनाओं के बाद हाइड्रोफोन्स में रिकॉर्ड हुए 100 घंटों से भी ज्यादा समय के डेटा पर आधारित है।

कंट्रोल्ड विस्फोट कर मिल सकती है सफलता
रिसर्चर कादरी के मुताबिक ये हवाई हादसा 7th Arc के पास हुआ होगा। यह वो प्वाइंट है, जहां पर आखिरी बार विमान से संपर्क हुआ था। यह जगह ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण में स्थित केप लुईन हाइड्रो-अकूस्टिक स्टेशन से करीब 2,000 किमी की दूरी पर है। अगर इस जगह पर एक विस्फोट किया जाए तो इसके आधार पर मिली सूचनाओं के जरिए MH370 विमान की असली लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि 2017 में अर्जेंटीना में लापता हुए एक पनडुब्बी के बचाव मिशन को लेकर ऐसा ही कोशिश की गई थी, जिसमें सफलता हासिल हुई थी। ऐसे में उम्मीद जताई गई है कि अगर ऐसी ही कोशिश MH370 को लेकर की जाए तो उन्हें कामयाबी मिल सकती है।

दावा किया गया था कि यह लापता 370 विमान का मलबा है। ये मलबा हिन्द महासागर के एक छोटे से द्वीप के किनारे सिंतबर 2015 को मिला था।

दावा किया गया था कि यह लापता 370 विमान का मलबा है। ये मलबा हिन्द महासागर के एक छोटे से द्वीप के किनारे सिंतबर 2015 को मिला था।

एक्सपर्ट्स का दावा- कैप्टन ने विमान को क्रैश किया
मलेशियाई एयरलाइंस का लापता विमान MH370 पिछले 10 साल से रहस्य बना हुआ है। विमान को लेकर अक्सर नई थ्योरीज और दावे सामने आते रहते हैं। करीब एक महीने पहले एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई थी कि प्लेन के कैप्टन ने विमान को क्रैश करने की योजना बनाई थी।

एक्सपर्ट और ब्रिटिश बोइंग 777 के पायलट साइमन हार्डी ने कहा था, “फ्लाइट MH370 समुद्र की गहराइयों (समुद्र में बनी खाई) में है। कैप्टन जहारी अहमद शाह ने इसे क्रैश करने की प्लानिंग की थी। फ्लाइट के प्री-डिपार्चर डॉक्यूमेंट्स से यह साबित होता है।”

वहीं अमेरिका के टेक्सास राज्य की एक कंपनी ओशन इन्फिनिटी ने दावा किया था कि उनके पास MH370 विमान की क्रैश लोकेशन है। कंपनी ने मलेशियाई सरकार के सामने हिंद महासागर में नए सिरे से खोज शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा था।

एक्सपर्ट्स ने किया दावा- जल्द मिल सकता है MH370 विमान
सितंबर में ब्रिटेन की रॉयल एरोनॉटिकल सोसाइटी में एरोस्पेस एक्सपर्ट जीन-लुक मरचंद और पायलट पैट्रिक ब्लेली ने रिसर्च के बाद उस नए क्षेत्र की जानकारी दी थी, जहां प्लेन के गायब होने की आशंका है। उन्होंने कहा था कि इस इलाके में 10 दिन के अंदर छानबीन पूरी की जा सकती है।

एक्सपर्ट के मुताबिक- जिसने भी प्लेन हाईजैक किया वो बेहद अनुभवी था। उसने पूरी प्लानिंग के साथ इसे अंजाम दिया। प्लेन के केबिन में दबाव को खत्म कर दिया गया, ताकि मलबा ज्यादा न हो और इसे ढूंढा न जा सके।

टेकऑफ के 38 मिनट बाद गायब हो गया था
MH370मलेशियाई एयरलाइंस का विमान MH370 8 मार्च 2014 को कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए रवाना हुआ था। चीन के मीडिया साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इसमें 239 पैसेंजर सवार थे। टेकऑफ के करीब 38 मिनट बाद फ्लाइट रडार से गायब हो गई थी।

विमान की तलाश में 26 देशों के 18 शिप, 19 एयरक्राफ्ट और 6 हेलिकॉप्टर लगे हुए थे। महीनों तक सर्च ऑपरेशन्स चलाने के बाद 2017 में इस अभियान को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया। हालांकि, 2019 में अमेरिकी कंपनी ओशन इनफिनिटी ने फिर से तलाशी अभियान शुरू करने का ऐलान किया था।

एक्सपर्ट का मानना ​​है कि उन्होंने दुनियाभर में रेडियो फ्रीक्वेंसी में हुई गड़बड़ी को ट्रैक करके विमान के अंतिम रास्ते का पता लगा लिया था। समुद्र के ऊपर विमान के रास्ते में हैरतअंगेज पैटर्न पाए गए थे। ऐसा तब होता है जब पायलट जानबूझकर एयरक्राफ्ट के इंजन को बंद कर दे।

तस्वीर कुआला लंपुर के एयरपोर्ट की है, जहां आखिरी बार 8 मार्च 2014 को टेकऑफ से पहले MH370 विमान की जानकारी डिस्प्ले हुई थी।

तस्वीर कुआला लंपुर के एयरपोर्ट की है, जहां आखिरी बार 8 मार्च 2014 को टेकऑफ से पहले MH370 विमान की जानकारी डिस्प्ले हुई थी।

फ्लाइट का ट्रांसपॉन्डर बंद किया गया था
विमान का रास्ता सीधा था, तो हो सकता है कि पायलट जहारी अहमद शाह ने उसे ऑटो-पायलट मोड पर रखा हो। इस दौरान ये भी दावा किया गया था कि विमान का संपर्क खुद नहीं टूटा था, बल्कि इसे तोड़ा गया था। फ्लाइट संख्या MH 370 ने रात 12 बजकर 41 मिनट पर कुआला लंपुर से उड़ान भरी थी। ठीक 38 मिनट बाद विमान का ट्रांसपॉन्डर ऑफ हो गया।

ATC उसी ट्रांसपॉन्डर के जरिए विमान और उसके रूट को जमीन से कंट्रोल करती है। जिस किसी ने भी विमान का ट्रांसपॉन्डर बंद किया वो जानता था कि ट्रांसपॉन्डर के बंद होते ही विमान रडार की नजरों से गायब हो जाएगा।

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