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नई दिल्ली4 मिनट पहले
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22 जनवरी को अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने पर इमाम अहमद इलियासी के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। अहमद इलियासी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ हैं।
इस्लामिक धर्मगुरु का दावा है कि, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने के बाद से उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है और धमकी भरे फोन आ रहे हैं।
हालांकि इमाम ने कहा- मैंने कोई अपराध नहीं किया है और इस तरह के लोगों से डरने वाले नहीं है। जिन्हें उनसे नफरत हैं उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। इमाम के मुताबिक, फतवा रविवार (28 जनवरी) को जारी किया गया था।
पहले देखिए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे इमाम की तस्वीरें…
22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे इमाम ने पीएम मोदी का अभिवादन भी स्वीकारा।
अयोध्या में राम मंदिर कार्यक्रम के दौरान इलियासी हिंदू धर्म गुरुओं के साथ भी नजर आए थे।
इमाम ने अयोध्या के लता मंगेशकर चौक पर धार्मिक गुरुओं के साथ तस्वीर भी खिंचवाई थी।
न्योता मिलने के दो दिन बाद जाने का फैसला किया
अहमद इलियासी ने आगे कहा- मुख्य इमाम के रूप में, मुझे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से निमंत्रण मिला था। मैंने दो दिनों तक विचार किया और फिर सद्भाव और देश के लिए अयोध्या जाने का फैसला किया। लेकिन तब से मुझे धमकाया जा रहा है।
इलियासी ने कहा- मैंने कुछ कॉल रिकॉर्ड की हैं जिनमें कॉल करने वालों ने मुझे जान से मारने की धमकियां दीं। जो लोग मुझसे प्यार करते हैं, देश से प्यार करते हैं वे मेरा समर्थन करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वह न तो माफी मांगेंगे और न ही इस्तीफा देंगे और कहा, धमकी देने वाले जो चाहें कर सकते हैं।
अब जानिए प्राण प्रतिष्ठा के वक्त इलियासी ने क्या कहा था…
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद इमाम ने कहा था- ये बदलते भारत की तस्वीर है। मैं यहां मोहब्बत का पैगाम लेकर आया हूं।
हमारा पूजा करने का तरीका अलग लेकिन धर्म इंसानियत का है
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के वक्त इलियासी ने कहा था, उनका काम प्रेम और सद्भाव का संदेश फैलाना है। ये बदलते भारत की तस्वीर है। मैं यहां मोहब्बत का पैगाम लेकर आया हूं। जहां तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि, मेरे साथ स्वामी जी हैं। इसी का नाम भारत है। हमारी इबादत करने के तरीके जरूर अलग हो सकते हैं। पूजा पद्धति जरूर अलग हो सकती है। हमारी आस्थाएं जरूर अलग हो सकती हैं लेकिन हमारा जो सबसे बड़ा धर्म है वो इंसान और इंसानियत का है।
इलियासी ने आगे कहा था कि आओ हम सब मिलकर इंसानियत को बरकरार रखें। हम सबको चाहिए कि हम अपने भारत को मजबूत करें। हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरी है। आज का संदेश नफरत को खत्म करने के लिए है।
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प्राण प्रतिष्ठा के बाद सात दिन में करीब 21 लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किए हैं। मंदिर का अभी पहले फेज का काम ही पूरा हुआ है, दूसरा फेज भी प्राण प्रतिष्ठा से अगले दिन 23 जनवरी से शुरू हो गया। राम मंदिर बनते वक्त बड़ी-बड़ी क्रेन और हैवी मशीनरी की फोटो सामने आती रही हैं। पढ़ें पूरी खबर…