पटना3 घंटे पहले
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नीतीश कुमार ने आज 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया। उनके साथ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा ने भी डिप्टी सीएम के तौर शपथ ग्रहण किया । आज शपथ लेने वालों में नीतीश कुमार के साथ बीजेपी-जदयू के 3-3, हम पार्टी के 1 और एक निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं। राजभवन में शाम 5 बजे शपथ ग्रहण समारोह हुआ। इस समारोह में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए।
मंत्रियों में बीजेपी कोटे से डॉ प्रेम कुमार, जदयू कोटे से विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव और श्रवण कुमार, हम पार्टी से संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह मंत्री पद की शपथ ग्रहण किया।
नीतीश कुमार नौवीं बार बने सीएम
महागठबंधन से नाता तोड़कर नीतीश कुमार ने एकबार फिर एनडीए में वापसी की है। आज उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नौवीं बार शपथ ग्रहण किया। सीएम पद की शपथ लेने में नीतीश का रिकॉर्ड है। उन्होंने सीएम रहते पांचवीं बार इस्तीफा दिया है। इस बार नीतीश कुमार ने 537 दिन बाद इस्तीफा दिया है।
बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपा।
उन्होंने पिछली बार एनडीए से अलग होकर 9 अगस्त 2022 को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था। इसके बाद राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ मिलकर महागठबंधन सरकार बनाई थी। नीतीश कुमार ने 7 दिन के मुख्यमंत्री से लेकर नौवीं बार के मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है।
प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं सम्राट चौधरी
बिहार की राजनीति में एक पहचान रखने वाले सम्राट चौधरी ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। उनका जन्म 16 नवंबर 1968 को मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा क्षेत्र के लखनपुर गांव में हुआ। सम्राट चौधरी 54 साल के हैं। वे कोइरी (कुशवाहा) समाज से आते हैं।
वे बिहार के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं। पिता शकुनी चौधरी खगड़िया से सांसद थे। समता पार्टी के संस्थापक सदस्य रह चुके हैं। पत्नी ममता चौधरी है। एक बेटा और एक बेटी है।
विजय सिन्हा ने इंजीनियरिंग छोड़ राजनीति को चुना
भूमिहार समुदाय और RSS बैकग्राउंड से आने वाले से विजय सिन्हा का जन्म लखीसराय के तिलकपुर (मां के घर) में 5 जून 1967 को हुआ था। वो बिहार की राजनीति के जाने-माने चेहरे हैं। उनके पिता स्व. शारदा रमण सिंह पटना के बाढ़ स्थित बेढ़ना के हाई स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक थे। उनकी मां का नाम स्व. सुरमा देवी हैं। बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। इंजीनियरिंग को छोड़ कर उन्होंने राजनीति को चुना था।
33 सालों से लगातार विधायक हैं प्रेम कुमार
68 साल के प्रेम कुमार पिछले 33 सालों से लगातार गया शहर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीतते आ रहे हैं। बीजेपी ने लालू यादव के ओबीसी पॉलिटिक्स के काट में जब ईबीसी समुदाय को लुभाने की कोशिश की तो प्रेम कुमार उसके अहम किरदार रहे। वो भाजपा के बड़ा ईबीसी चेहरा हैं। चंद्रवंशी समाज से आने वाले प्रेम कुमार मगध विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएचडी डिग्रीधारी हैं। प्रेम कुमार ने ABVP के सदस्य के रूप में छात्र जीवन में राजनीति में कदम रखा था।
भूमिहार परिवार से आते हैं विजय कुमार चौधरी
विजय कुमार चौधरी बिहार की राजनीति का जाना-माना नाम हैं। उनका जन्म 8 जनवरी 1957 को बिहार के समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय में एक भूमिहार परिवार में हुआ। इनके पिता जगदीश प्रसाद चौधरी भी राजनीति में थे। वो कांग्रेस से तीन बार विधायक रह चुके हैं।
बिजेंद्र प्रसाद यादव के पास कई विभागों के मंत्री होने का अनुभव
77 साल के बिजेंद्र प्रसाद यादव का जन्म सुपौल जिले के मुरली में एक यादव परिवार में हुआ। उनके पिता का स्व सुखराम यादव गांव के मुखिया थे। स्नातक तक पढ़ाई पूरी करने के बाद 1967 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। हालांकि, 1990 में पहली बार विधायक बने। अब तक 8 बार विधायक रहे। 10 बार बिहार सरकार में मंत्री रहे। 1998 से 2000 तक बिहार विधानसभा में ध्यानाकर्षण समिति के सभापति रहे।
जेपी आंदोलन से शुरू हुआ श्रवण कुमार का राजनीति करियर
61 साल के श्रवण कुमार का राजनीति करियर जेपी आंदोलन से शुरू हुआ। हालांकि, 1995 में नालंदा विधानसभा से चुनाव लड़े और जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद से लगातार विधायक हैं।