India on Israel-Palestine War; Palestinians have been denied their homeland | S Jaishankar | जयशंकर बोले- फिलिस्तीनियों से घर-जमीन और अधिकार छीने गए: चीन से विवाद पर कहा- सीमा की सुरक्षा मेरा कर्तव्य, इससे पीछे नहीं हटूंगा


कुआलालंपुर8 मिनट पहले

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की। इस दौरैान उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए। - Dainik Bhaskar

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की। इस दौरैान उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए।

मलेशिया दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल-हमास जंग पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, “इजराइल-हमास जंग का सबसे बड़ा तथ्य यही है कि फिलिस्तीनियों से उनका घर, उनकी जमीन और अधिकार छीन लिए गए हैं।”

कुआलालंपुर में भारतीय समुदाय से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “पूरे विवाद में सच या झूठ जो भी हो लेकिन मानवीय कानूनों का पालन करना जरूरी है।” इसके साथ ही जयशंकर ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के अटैक को आतंकवादी हमला बताते हुए इसकी निंदा भी की।

इजराइल-हमास जंग पर जयशंकर ने कहा कि पूरे विवाद में सच या झूठ जो भी हो लेकिन मानवीय कानूनों का पालन करना जरूरी है।

इजराइल-हमास जंग पर जयशंकर ने कहा कि पूरे विवाद में सच या झूठ जो भी हो लेकिन मानवीय कानूनों का पालन करना जरूरी है।

जयशंकर बोले- चीन से रिश्ते सामान्य तभी होंगे जब उनकी सेना पीछे हटेगी
इसके अलावा विदेश मंत्री ने भारत-चीन के रिश्तों पर भी बात की। जयशंकर ने कहा, “दोनों देशों में द्विपक्षीय रिश्ते सामान्य तभी हो सकते हैं जब चीन की सेना पीछे हटे और उनकी तैनाती पुराने पॉइंट्स पर की जाए। हम चीन के सामने साफ शब्दों में ये बात रख चुके हैं। मेरे कर्तव्य है कि मैं अपने देशवासियों के लिए पहले सीमा को सुरक्षित करूं और मैं इससे कभी पीछे नहीं हटूंगा।”

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अब चीन से कई मुद्दों पर बात कर रहा है। दोनों देशों के अधिकारी समय-समय पर मिलते रहते हैं। इस बीच दोनों देशों में सेनाओं को LAC तक न लाने पर सहमति बनी है।

विदेश मंत्री बोले- 2020 में चीन ने समझौता तोड़ा, सीमा पर खूनखराबा किया
जयशंकर ने कहा, “सीमा विवाद के बीच 1980 के दशक में दोनों देशों में इस बात सहमति बनी थी कि कोई भी अपनी सेनाओं को सीमा पर तैनात नहीं करेगा। साथ ही किसी भी स्थिति में हिंसा या खूनखराबे का सहारा नहीं लिया जाएगा। हालांकि, चीन ने साल 2020 में इस समझौते को तोड़ दिया और सीमा पर खूनखराबा हुआ।”

इसके अलावा जयशंकर ने रूस-यूक्रेन जंग पर भी भारत का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, “जंग की शुरुआत से ही हमारा रुख साफ रहा है। किसी भी मसले का हल युद्ध के मैदान में नहीं निकाला जा सकता। इसमें किसी की जीत नहीं होती है। भारत हमेशा से ही जंग को खत्म करने के पक्ष में रहा है।

PM नेतन्याहू के साथ बैठक के दौरान NSA अजीत डोभाल ने इजराइल के सामने जंग पर भारत का पक्ष रखा था।

PM नेतन्याहू के साथ बैठक के दौरान NSA अजीत डोभाल ने इजराइल के सामने जंग पर भारत का पक्ष रखा था।

PM नेतन्याहू से मिले थे NSA डोभाल
कुछ दिन पहले ही भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की थी। इस दौरान नेतन्याहू ने डोभाल को जंग के बारे में जानकारी दी थी। इसके अलावा बंधकों की रिहाई और गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने पर भी चर्चा हुई थी।

इसके अलावा PM नेतन्याहू कई बार फोन करके PM मोदी को जंग से जुड़े अपडेट्स देते आए हैं। भारत ने हमेशा से ही इजराइल पर हमास के हमले की निंदा की है। हालांकि, इस दौरान सरकार ने गाजा में मानवीय सहायता भी पहुंचाई है। इससे पहले दिसंबर में भारत ने UN में इजराइल के खिलाफ जाकर मतदान के दौरान सीजफायर के पक्ष में वोट डाला था।

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