4 मिनट पहले
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तस्वीर बांग्लादेश मूल की शमीमा बेगम की है, जो साल 2015 में लंदन से सीरिया भाग गई थी। (फाइल)
15 साल की उम्र में साल 2015 में ब्रिटेन से भागकर आतंकी संगठन ISIS से जुड़ने वाली शमीमा बेगम की ब्रिटिश नागरिकता की अपील एक बार फिर से खारिज हो गई है। लंदन में जन्मी बांग्लादेशी मूल की शमीमा बेगम को सीरिया से वापस लौटने के लिए ब्रिटिश नागरिकता की जरूरत है।
शुक्रवार को कोर्ट ऑफ अपील के जज डेम सू कार ने फैसला सुनाते हुए कहा- शमीमा भले ही दूसरों के बहकावे में आई हो, लेकिन सीरिया जाकर ISIS से जुड़ने के लिए उन्होंने खुद सोच-समझकर फैसला किया था। इसके साथ ही शमीमा के ब्रिटेन वापस लौटने के सभी रास्ते अब बंद हो चुके हैं।
ब्रिटेन के गेटविक एयरपोर्ट पर लगे CCTV कैमरों में यह तस्वीर 23 फरवरी 2015 को कैद हुई थी। इनमें बाएं से खादिजा सुल्ताना, शमीमा बेगम (बीच में) और अमीरा अबासे नजर आ रही हैं। ISIS में शामिल होने के लिए जाने से पहले ये इन तीनों महिलाओं की आखिरी तस्वीर थी।
ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में नागरिकता देने से इनकार किया था
दरअसल, 2022 में ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने शमीमा को वापसी की इजाजत न देने का फैसला सुनाया था। फरवरी 2023 में शमीमा ने स्पेशल इमिग्रेशन अपील कमीशन में इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसे वो हार गईं। इसके बाद शमीमा कोर्ट ऑफ अपील पहुंची, जहां शुक्रवार को जजों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
शमीमा बेगम इस वक्त सीरिया के एक डिटेंशन कैंप में रह रही हैं। उनका तर्क है कि उन्होंने आज तक सीरिया जाने की वजह से सिर्फ एक ही कानून तोड़ा है। वो खुद कभी भी ISIS के किसी भी प्लानिंग या हमले का हिस्सा नहीं रहीं।
सीरिया में ISIS आतंकी से शादी करने पर जिहादी दुल्हन नाम मिला
दरअसल, 15 साल की उम्र में ब्रिटेन के बेथनल शहर में शमीमा की दोस्ती ISIS के एक आतंकी से हुई थी। उसने शमीमा को बताया था कि ISIS का मकसद पूरी दुनिया में इस्लामी सत्ता कायम करना है। आतंकी ने शमीमा से कहा था कि वो सीरिया में बेहतर मुस्लिम बन सकेगी।
इसके बाद शमीमा अपने दो दोस्तों के साथ सीरिया पहुंच गई। वहां एक आतंकी से शादी करके वो जिहादी दुल्हन के नाम से मशहूर हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शमीमा ग्लासगो की 20 वर्षीय महिला अक्सा महमूद के संपर्क में थी।
अक्सा 2013 में ISIS में शामिल होने वाली पहली ब्रिटिश महिलाओं में से एक थी। वह ISIS की अल-खानसा ब्रिगेड की मेंबर थी, जिसका काम युवतियों को आतंकी समूह से जोड़ना था। वह सोशल मीडिया पर युवतियों का ब्रेनवॉश कर उन्हें ISIS से जुड़ने के लिए मजबूर करती थी।
कुपोषण की वजह से दोनों बच्चों की मौत हो गई
सीरिया पहुंचने के 10 दिन बाद ही शमीमा ISIS में शामिल हो गई और डच नागरिक यागो रिएडिजक से शादी कर ली। अक्टूबर 2014 में सीरिया जाने के बाद रिएडिजक ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और ISIS का आतंकी बन गया था। शमीमा के दो बच्चे भी हुए लेकिन कुपोषण और बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई।
2019 में द टेलीग्राफ ने लिखा था कि शमीमा ISIS की मॉरैलिटी पुलिस का हिस्सा थी, जिसे AK-47 मिली हुई थी। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बाद में वह ISIS की धार्मिक यूनिट अल-हिस्बा में भी काम किया। इस दौरान वह ISIS के लिए लड़कियों को रिक्रूट करती थी।
रिपोर्ट में दावा- फिदायीन जैकेट बनाती थी शमीमा
द इंडिपेंडेट की रिपोर्ट के मुताबिक, शमीमा ISIS के लिए आत्मघाती जैकेट बनाती थी। वह इन जैकेट की सिलाई इस तरह करती थी कि उन्हें उतारा न जा सके। यानी इन आत्मघाती जैकेट का फटना तय होता था। शमीमा ने 2017 में मैनचेस्टर एरेना पर किए गए ISIS के हमले के बारे में कहा था कि ये ISIS पर किए गए हमलों का बदला था। ब्रिटेन में हुए इस आतंकी हमले में 22 लोगों की मौत हुई थी।
BBC को दिए एक इंटरव्यू में शमीमा ने कहा था कि वह ISIS आतंकियों द्वारा बंधकों के सिर काटे जाने वाले वीडियो से काफी इंस्पायर थी। साथ ही उसे लगता था कि ISIS के साथ उसे लग्जरी लाइफ जीने का मौका मिलेगा। जब यजीदी महिलाओं से दुष्कर्म, स्लेव बनाने और हत्या के बारे में सवाल किया गया तो शमीमा ने कहा कि शिया इराक में भी ऐसा ही करते हैं।
पहली तस्वीर- 2015 की है। तब शमीमा दो सहेलियों के साथ गेटविक एयरपोर्ट पर नजर आई थीं। दूसरी तस्वीर- 2019 की है। तब शमीमा सीरिया के एक रिफ्यूजी कैम्प में नवजात बेटे के साथ मीडिया के सामने आई थीं। तीसरी तस्वीर- 2021 की में इंटरव्यू देने के बाद की है।
2019 में सीरिया डिटेंशन कैंप में नजर आई जिहादी दुल्हन
द टाइम्स के वॉर रिपोर्टर एंथोनी लॉयड ने 2019 में पहली बार शमीमा को सीरिया के रिफ्यूजी कैंप अल हॉल में देखा था। शमीमा ने 2021 ‘स्काय न्यूज’ को दिए इंटरव्यू में गुहार लगाई कि उन्हें ब्रिटेन लौटने दिया जाए।
एक सवाल के जवाब में शमीमा ने कहा- ब्रिटिश सरकार ने मेरी नागरिकता छीन ली है। मैं अब कहीं नहीं जा सकती। शमीमा ने कहा- 15 साल की उम्र में जब मैंने ब्रिटेन छोड़ा तब कुछ दोस्तों ने मुझे बहका दिया था।
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