Iran Supreme Leader Ayatollah Khamenei Successor | Mojtaba Khamenei | दावा- ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई ने बेटे को उत्तराधिकारी चुना: बीमार होने की वजह से लिया फैसला, 2 साल से तैयारी चल रही थी


तेहरान4 मिनट पहले

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ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने बेटे मुजतबा को अपना उत्तराधिकारी चुना। - Dainik Bhaskar

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने बेटे मुजतबा को अपना उत्तराधिकारी चुना।

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने अपने दूसरे बेटे मुजतबा खामेनेई को अपनी जिम्मेदारी सौंप दी है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक 85 साल के खामेनेई बीमार चल रहे हैं। ऐसे में अपनी मौत से पहले शांतिपूर्वक पावर ट्रांसफर के लिए खामेनेई ने अपने बेटे को सारी जिम्मेदारियां सौंप दी हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की एक्सपर्ट असेंबली ने 26 सितंबर को नए सुप्रीम लीडर का चुनाव कर लिया था। खुद खामेनेई ने असेंबली के 60 सदस्यों को बुलाकर गुप्त रूप से उत्तराधिकारी का फैसला लेने कहा था। असेंबली ने सर्वसम्मति से मोजतबा खामेनेई के नाम पर सहमति जताई थी।

दो साल से चल रही थी तैयारी मुजतबा खामेनेई को पिछले दो सालों से सुप्रीम लीडर बनाने की तैयारियां चल रही थी। इस दौरान ईरान के लिए जरूरी फैसलों में लगातार उनकी भागीदारी बढ़ती देखी गई है। हालांकि मुजतबा इससे पहले ईरान की सरकार में कोई भी अधिकारिक पद पर नहीं रहे है।

सुप्रीम लीडर खामेनई ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद 4 अक्टूबर को भाषण दिया था। ये उनका आखिरी सार्वजनिक संबोधन था।

सुप्रीम लीडर खामेनई ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद 4 अक्टूबर को भाषण दिया था। ये उनका आखिरी सार्वजनिक संबोधन था।

35 साल से ईरान की सर्वोच्च सत्ता पर काबिज, इस्लामिक क्रांति में था अहम रोल खामेनेई 1989 में रुहोल्लाह खामेनेई के निधन के बाद से ईरान के सर्वोच्च नेता के पद पर काबिज हैं। ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति के दौरान, जब शाह मोहम्मद रजा पहलवी को हटाया गया तो खामेनेई ने क्रांति में बड़ी भूमिका निभाई थी।

इस्लामिक क्रांति के बाद खामेनेई को 1981 में राष्ट्रपति बनाया गया। वह 8 साल तक इस पद पर रहे। 1989 में ईरान के सुप्रीम लीडर खुमैनी की मौत के बाद उन्हें उत्तराधिकारी बनाया गया।

ईरान में सुप्रीम लीडर का पद राजनीतिक और धार्मिक व्यवस्था में सबसे बड़ा है। इसका अधिकार राष्ट्रपति से भी ज्यादा है। सुप्रीम लीडर को देश के सैन्य, न्यायिक, और धार्मिक मामलों में फैसले लेना अधिकार होता है। उसके फैसले को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता।

सुप्रीम लीडर बनने के बाद खामेनेई ने सबसे पहले ईरान को व्यवस्थित करने का काम किया। दरअसल, इराक से 8 साल तक जंग लड़ने के बाद ईरान की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को काफी नुकसान पहुंचा था। खामेनेई ने पद संभालने के बाद ईरान में इस्लामी सिद्धांतों और शरिया कानून व्यवस्था को बरकरार रखा। ………………………………………… खामेनेई से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई का भारत पर आरोप:कहा- मुस्लिमों को तकलीफ झेलनी पड़ रही, भारत का पलटवार- अपने गिरेबान में झांकें

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ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने आरोप लगाया कि भारत में मुस्लिम पीड़ित हैं। खामेनेई ने 16 सितंबर को एक्स पर पोस्ट करते हुए भारत को उन देशों में शामिल किया, जहां मुस्लिमों को पीड़ा झेलनी पड़ रही है। पूरी पोस्ट यहां पढ़ें…

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