US will release Imran Khan from Pakistan jail | इमरान को जेल से छुड़ाएगा अमेरिका: सीक्रेट दौरे पर PAK आएगा अमेरिकी दल; इमरान की रिहाई के पक्ष में फौज के 5 कमांडर


इस्लामाबाद2 मिनट पहले

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इमरान खान को कुछ दिन पहले इद्दत केस में जमानत मिल गई थी। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें तोशाखाना से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। - Dainik Bhaskar

इमरान खान को कुछ दिन पहले इद्दत केस में जमानत मिल गई थी। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें तोशाखाना से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को 9 में से 5 कोर कमांडरों ने सुझाव दिया है कि पूर्व पीएम इमरान खान को जेल से बाहर आने दिया जाए। ऐसा करके दुनियाभर के निवेशकों को सकारात्मक संकेत मिलेगा और देश में राजनीतिक स्थिरता आएगी।

अभी जनरल असीम मुनीर अड़े हुए हैं और उन्हें पता है कि जेल से बाहर आने के बाद इमरान को नियंत्रित करना असंभव हो जाएगा क्योंकि इमरान उन पर निशाना साधेंगे। मौजूदा हालातों को देखते हुए माना जा रहा है कि इमरान जेल से बाहर आ सकते हैं लेकिन यह सिर्फ न्यायपालिका, पाक सेना या शहबाज शरीफ के बूते नहीं होगा।

यह पाकिस्तान से हजारों मील दूर से होगा क्योंकि इमरान की रिहाई के समझौते में अमेरिका का हाथ होगा। अगले हफ्ते एक अमेरिकी प्रतिनिधि पाकिस्तान आ रहा है। सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल सरकार और सेना के साथ इस संबंध में कोई गुप्त समझौता भी कर सकता है।

इमरान खान को पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। वे तब से जेल में बंद हैं।

इमरान खान को पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। वे तब से जेल में बंद हैं।

कैदी नंबर 804, कभी ना माने हार
इमरान खान के समर्थन में पाकिस्तान में सॉन्ग एलबम भी जारी हो रहे हैं। इनमें मशहूर सिंग सारा अल्ताफ का एलबम कैदी नंबर 804 सबसे पॉपुलर है। इसके बोल हैं- कैदी नंबर 804, कभी ना माने हार। इमरान की पार्टी पीटीआई ने इसे अपना ऑफिशियल सॉन्ग बनाया है।

एक अन्य एलबम नाक दा कोका में भी पीएम इमरान की कैद का जिक्र किया गया है। इन दोनों एलबमों को अभी तक 5 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। उधर, इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने ऐलान किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री की रिहाई के लिए संसद के बाहर भूख हड़ताल की जाएगी।

क्यों जरूरी है इमरान की रिहाई
पाकिस्तीनी सेना मुश्किल में है क्योंकि शहबाज शरीफ सरकार काम करने में नाकाम रही है। वहीं, पीएमएलएन-पीपीपी मिलकर भी इमरान की लोकप्रियता का मुकाबला नहीं कर पा रही है। जेल से ही इमरान ने शरीफ-भुट्टो परिवार के गठबंधन को बड़ी जीत से रोक दिया।

सरकार ने हताशा में घोषणा कर दी कि सरकार पीटीआई पर प्रतिबंध लगा सकती है, लेकिन इसका इतना बुरा असर हुआ कि कदम पीछे खींचने पड़े। दरअसल, आर्मी चीफ, राजनेता सभी जानते हैं कि पाकिस्तान को राजनीतिक स्थिरता के रास्ते पर लाने के लिए इमरान की रिहाई एकमात्र तरीका है।

9 मई हिंसा के 12 केस में इमरान की रिमांड की मांग खारिज
जेल में बंद इमरान खान को बड़ी राहत देते हुए लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) ने गुरुवार को पिछले साल 9 मई को हुए दंगों से संबंधित 12 नए मामलों में उनकी भौतिक रिमांड को खारिज कर दिया। इससे पहले, बुधवार को 9 मई की हिंसा के केस में पुलिस जेल में बंद इमरान के पॉलीग्राफ और वॉयस टेस्ट के लिए पहुंची थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

इन मामलों में इमरान की गिरफ्तारी इद्दत मामले में बरी होने के बाद हुई। जब वे जेल से रिहा होने वाले थे तो इमरान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ नया तोशाखाना केस दर्ज कर लिया गया। जिसे उन्होंने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

बता दें कि इमरान पिछले एक साल से किसी न किसी मामले में जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 3 बड़े केस तोशाखाना, साइफर और गैर-कानूनी निकाह थे। कोर्ट ने इमरान को तीनों केसों में बरी किया तो नए केस दर्ज कर दिए गए।

पाक सेना इमरान पर 9 मई को हिंसा भड़काने का केस चलाना चाहती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा मामला किसी कोर्ट में नहीं चलेगा और सेना के पास उन्हें जेल में रखने की कोई वजह नहीं है।

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