India Maldives Free Trade Agreement; Mohammed Saeed | Export Rules | मालदीव के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की कोशिश में भारत: मुइज्जू बोले- इससे व्यापार आसान होगा; 2023 में मालदीव का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था भारत


माले1 मिनट पहले

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आखिरी बार पिछले साल दिसंबर में दुबई में हुए क्लाइमेट समिट में मिले थे। - Dainik Bhaskar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आखिरी बार पिछले साल दिसंबर में दुबई में हुए क्लाइमेट समिट में मिले थे।

भारत मालदीव के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) शुरू करने की कोशिश में जुटा है। मालदीव के आर्थिक विकास मंत्री मोहम्मद सईद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शनिवार को इसकी जानकारी दी। सईद ने कहा, “राष्ट्रपति मुइज्जू ने सभी देशों को यह मौका दिया है। सरकार ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ समझौता करना चाहती है, जिससे ट्रेड एक्टीविटीज को आसान बनाया जा सके।”

भारत और मालदीव के बीच पहले से ही साउथ एशिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (SAFTA) लागू है। 1981 के भारत और मालदीव व्यापार समझौते के तहत, जरूरी सामानों के निर्यात को लेकर नियम बनाए गए थे। मालदीव में मौजूद भारतीय हाई कमिशन के रिकॉर्ड्स के मुताबिक, पिछले साल भारत मालदीव का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था।

साल 2021 में पहली बार दोनों देशों के बीच व्यापार 25 हजार करोड़ के पार गया था। वहीं इसके अगले साल 2022 में दोनों देशों के बीच ट्रेड 41 हजार करोड़ से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। भारत मालदीव से मुख्य तौर पर स्क्रैप मेटल इम्पोर्ट करता है। वहीं मालदीव हमसे कई दवाइयां, सीमेंट, रडार अपैरेटस समेत खाने-पीने का सामान जैसे चावल, मसाले, फल-सब्जी इम्पोर्ट करता है।

मालदीव को जरूरी सामान भेजता रहेगा भारत
इससे पहले अप्रैल में भारत ने घोषणा की थी कि वह मालदीव को जरूरी सामान भेजता रहेगा। मालदीव में मौजूद भारतीय हाई कमीशन ने बताया था कि मुइज्जू सरकार की अपील पर भारत 2024-25 के लिए मालदीव में जरूरी सामानों का एक्सपोर्ट जारी रखेगा। इस दौरान सामान की जो मात्रा तय की गई है वो 1981 के बाद सबसे ज्यादा होगी।

दरअसल, भारत सरकार ने देश में चावल, चीनी और प्याज जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम काबू में रखने के लिए इनके एक्सपोर्ट पर रोक लगा रखी है। इस बीच सरकार ने घोषणा की थी कि प्रतिबंधों के बावजूद मालदीव में इन सामानों की सप्लाई जारी रहेगी।

हाई कमीशन के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में इस्तेमाल होने वाली नदी की रेत और पत्थरों का 10-10 लाख मीट्रिक टन एक्सपोर्ट किया जाएगा। इसमें 25% की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा अंडे, आलू, आटा और दाल के कोटे को भी 5% बढ़ाया गया है। यह फैसला भारत की पड़ोसियों को प्राथमिकता देने वाली पॉलिसी के तहत किया गया था।

क्या होता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का इस्तेमाल देशों के बीच व्यापार को सरल बनाने के लिए किया जाता है। FTA के तहत दो देशों के बीच आयात-निर्यात पर सीमा शुल्क और सब्सिडी को सरल बनाया जाता है। टैरिफ कटौती से दोनों देशों के खरीदारों को फायदा होता है। इससे कम कीमतों में सामान बाजार में उपलब्ध होते हैं।

जिन 2 देशों के बीच यह एग्रीमेंट साइन होता है, वहां सामान की उत्पादन लागत कम हो जाी है। इससे व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलती है और अर्थव्यवस्था तेजी से मजबूत होती है।

‘इंडिया आउट’ कैंपेन के साथ शुरू हुआ भारत-मालदीव विवाद
भारत-मालदीव के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर चर्चा ऐसे समय में हो रही है, जब पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ा है। मालदीव में पिछले साल राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपने कैंपेन में मोहम्मद मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया।

इसे लेकर उन्होंने कई रैलियां भी कीं। मुइज्जू ने वादा किया कि वे राष्ट्रपति बने तो देश से भारतीय सैनिकों को हटा देंगे। उन्होंने इसी के दम पर चुनाव जीता। 17 नवंबर 2023 को मालदीव के नए राष्ट्रपति और चीन समर्थक कहे जाने वाले मुइज्जू ने शपथ ली थी। इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई।

नतीजा ये हुआ कि मालदीव ने वहां तैनात 88 भारतीय सैनिकों को निकालने का फैसला किया। इसके लिए 10 मई की डेडलाइन रखी गई थी, जिसके बाद भारत ने मालदीव से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया। ये दो हेलिकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट का ऑपरेशन संभालते रहे थे।

आमतौर पर मालदीव में इन हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल रेस्क्यू या सरकारी कामों में किया जाता है। दूसरी तरफ मालदीव से बिगड़ते रिश्तों के बीच प्रधानमंत्री मोदी जनवरी में लक्षदीप के दौरे पर गए और उन्होंने लोगों से घूमने के लिए वहां आने की अपील की।

PM मोदी पर विवादित बयान से तनाव बढ़ा
इस पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। पलटवार करते हुए कई भारतीय टूरिज्म कंपनियों और लोगों ने मालदीव को ​​​​​​बॉयकॉट करना शुरू कर दिया। इससे मालदीव जाने वाले भारतीय टूरिस्टों की संख्या में तेजी से गिरावट आई।

इसी दौरान मालदीव के राष्ट्रपति चीन के दौरे पर गए और वापस लौटकर कहा कि कोई देश उन्हें धमका नहीं सकता। मुइज्जू ने मालदीव का समर्थन करने के लिए चीन के लोगों से उनके देश घूमने आने की अपील की। इसके बाद मालदीव ने भारत के साथ हुए हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट को भी खत्म कर दिया।

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