वाराणसी7 मिनट पहलेलेखक: हिमांशु अस्थाना
- कॉपी लिंक
“ज्ञानवापी में तहखाने के नीचे मंदिर का 2000 साल पुराना इतिहास है। ASI सर्वे में हुआ ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) सर्वे इसी ओर इशारा कर रहा है। रिपोर्ट में GPR सर्वे कहता है कि मंदिर के तहखाने से 4 से 6 मीटर नीचे कंकड़ को कूटकर बड़ा फर्श बनाया गया है। वहीं, तहखाने के 3 मीटर नीचे भी कुछ ऐसा ही एक शेप बना है।”
यह दावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सीनियर आर्कियोलॉजिस्ट और प्राचीन इतिहास विशेषज्ञ प्रोफेसर अशोक सिंह का है। उनका दावा है कि ज्ञानवापी के नीचे मंदिर के दो पुराने फ्लोर भी हैं। इसके साथ ही 3-4 मीटर चौड़ा तहखाना और 2 मीटर चौड़ा कुआं भी है। जहां आज तक न कोई पहुंच पाया है और न ही किसी को इसके बारे में पता चला है।
उनका कहना है कि GPR में भले ही उन दो फर्श का इतिहास नहीं