Dara Singh would start his make-up at 3 in the night | दारा सिंह को ‘हनुमान’ बनने में लगते थे चार घंटे: रात के 3 बजे जग जाते थे, मेकअप के बाद कुछ खा नहीं सकते थे

5 घंटे पहलेलेखक: किरण जैन

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‘रामायण’ पर अब तक कई सीरियल बने हैं। हालांकि, रामानंद सागर की ‘रामायण’ ने ऐसा इतिहास रचा जिसे शायद ही कभी लोग भूल पाएंगे। बता दे, इस शो की शूटिंग मुंबई से 150 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर पर स्थित उमरगांव में हुई थी। रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर की माने तो वे उमरगांव नहीं जाते तो शो शायद ही बन पाता। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, प्रेम सागर ने शो की शूटिंग से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें शेयर की।

उन्होंने कहा, ‘अगर हम उमरगांव नहीं जाते तो रामायण शायद नहीं बन पाती। सबसे अच्छी बात ये थी की वह जगह पूरी दुनिया से कट-ऑफ था। वहां की प्रकृति ने इस सीरियल और इसके किरदारों को जीवंत कर दिया। सेट के इर्द-गिर्द हर तरह के लोकेशन थे। आर्ट डायरेक्टर हीराबाई पटेल बहुत टैलेंटेड इंसान थे। वाडिया ब्रदर्स की सभी फिल्में उन्होंने की थी। उन्होंने हमें उमरगांव में वृंदावन स्टूडियो ऑफर किया था। वह जगह किसी खंडर से कम नहीं था।

जब हमने उस स्टूडियो का दरवाजा खोला तब कई सारे जालें-मकड़ी वगैरा थे। लेकिन वहां की प्रॉपर्टी (दीवारें, रथ वगैरा) बहुत भव्य थे। हमने दिन-रात एक करके पूरा स्टूडियो बना दिया। उसके बाद तो उमरगांव वर्ल्ड डेस्टिनेशन बन गया। BBC चैनल वहां आई। राजमाता विजयाराजे सिंधिया वहा ठहरी। कभी उमरगांव को कोई पहचानता नहीं था, लेकिन ‘रामायण’ के बाद इस शहर को एक अलग पहचान मिल गई।’

बातों-ही-बातों में प्रेम सागर ने बताया की एक्टर्स उमरगांव में ही रहना पसंद करते थे। उन्होंने कहा, ‘दारा सिंह को हनुमान के किरदार के मेकअप को लगभग 4 घंटे लगते थे। वे सुबह 7 बजे की शिफ्ट के लिए रात के 3 बजे ही उठ जाते। मेकअप के बाद वे कुछ खा नहीं सकते थे। उस वक्त प्रोस्थेटिक मेकअप नहीं होता था। हम वोल्कैनाइज़्ड रबर का इस्तेमाल करते थे। उस रबर पर मेकअप करते। ये हम इसीलिए कर पाए क्योंकि हमारे पास एक्टर और मेकअप टीम 24 घंटे उपलब्ध होते थे। हम दिन-रात काम करते थे।

एक बार एक्टर सेट पर पहुंचे, फिर वे वहा से बाहर नहीं निकल पाते। एक्टर्स अपने कार से आते थे। सडकें अच्छे नहीं होने की वजह से वे एक्टर सेट पर ही रहना पसंद करते। तकरीबन दो साल तक सारे एक्टर्स का बसेरा उमरगांव में ही था।’

प्रेम सागर आगे कहते है, ‘उस वक्त एसोसिएशन भी नहीं होते थे। कोई हमसे ये नही कहता की आपको 8 घंटे तक ही शूट करना हैं। किसी जूनियर आर्टिस्ट को मिनिमम सैलरी देते तो वे हमारे लिए खुशी-खुशी ड्रम बजाने के लिए तैयार हो जाते। वहां सभी खुश होकर काम करते थे। असोसिएशन ना होने से रामायण बन सका। आज जैसे एसोसिएशन होते तो रामायण बनना मुश्किल था।’

‘रामायण’ का पहली बार प्रसारण 1987 में दूरदर्शन पर हुआ था। शो में अरुण गोविल ने राम, दीपिका चिखलिया ने सीता और अरविंद त्रिवेदी ने रावण का किरदार निभाया है।

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