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ऑस्ट्रेलिया में पिछले कुछ सालों से लगातार पायलट व्हेल्स की मौत के मामले सामने आ रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के समुद्री तट पर 29 पायलट व्हेल की मौत हो गई। ऑस्ट्रेलिया के पार्क्स एंड वाइल्ड लाइफ सर्विस ने बताया कि पिया कोर्टिस बीच पर गुरुवार को करीब 160 व्हेल यहां पहुंची थी। इनमें से 130 को रेस्क्यू कर लिया गया जबकि करीब 29 की मौत हो गई।
व्हेल के दोबारा तट पर आने के डर से स्पॉटर प्लेन और कई नावों के जरिए इनको मॉनिटर किया जा रहा है। मरीन वैज्ञानिक ने बताया कि बीच पर आने के बाद पायलट व्हेल आमतौर पर सिर्फ 6 घंटों तक ही जिंदा रह पाती हैं।
फुटेज में लोग पायलट व्हेल्स को रेस्क्यू कर समुद्र में छोड़ते दिख रहे हैं।
फीमेल पायलट व्हेल्स और उनके बच्चे तट पर फंसे थे
ऑस्ट्रेलिया की वाइल्ड लाइफ सर्विस मरी हुईं पायलट व्हेल्स के सैंपल लेकर उसकी जांच करेंगी। ये व्हेल्स तट पर क्यों आई थीं, इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई हैं। इनमें ज्यादातर मादा व्हेल्स और उनके बच्चे शामिल थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया कि पायलट व्हेल सामाजिक होती हैं। यह एक दूसरे का काफी ध्यान रखती हैं। आमतौर पर जब एक व्हेल बीमार हो जाती है या तट पर फंस जाती है, तब दूसरी पायलट व्हेल भी उसकी मदद के लिए वहां पहुंच जाती हैं।
ऑस्ट्रेलिया के डन्सबरो शहर में समुद्री तट पर 29 पायलट व्हेल्स की मौत हो गई है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, पायलट व्हेल्स अकसर एक व्हेल की मदद के लिए तट तक आती हैं और फिर वहीं फंस जाती हैं।
पिछले साल 2 देशों में 100 से ज्यादा पायलट व्हेल्स की मौत हुई थी
पिछले कुछ सालों से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के तटों पर पायलट व्हेल्स की मौत की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले साल जुलाई में भी ऑस्ट्रेलिया में करीब 100 पायलट व्हेल समुद्री तट पर पहुंची थीं। इनमें से 51 की मौत हो गई थी। वहीं स्कॉटलैंड में भी पिछले साल 55 पायलट व्हेल मारी गई थीं।
साल 2022 में न्यूजीलैंड में दो अलग-अलग घटनाओं में करीब 500 पायलट व्हेलों के फंसने से इसी तरह की मौत हो गई थी। 2020 में इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया में 450 से ज्यादा पायलट व्हेल्स की मौत हुई थी।
डॉल्फिन की एक प्रजाति है पायलट व्हेल
पायलट व्हेल समुद्री डॉलफिन की एक प्रजाति है, जो समूह में यात्रा करती हैं। ये समुद्र तट पर अपने समूह के एक लीडर (पायलट) को फॉलो करती हैं और ग्रुप में किसी साथी के घायल हो जाने पर उसके आसपास बड़ी संख्या में इकठ्ठा हो जाती हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पायलट व्हेल हमेशा एक साथ रहती हैं। अगर कोई एक व्हेल कहीं फंस जाती है तो बाकी सब भी उसके पीछे जाने लगती हैं। यही वजह है कि समुद्री तट के किनारे एक साथ इतनी सारी व्हेल्स की मौत हो रही है।
बताया जाता है कि कई बार कोई एक व्हेल किनारे पर आ जाती है और फिर तकलीफ में दूसरी व्हेलों के पास संकेत भेजती है। उस व्हेल के सिग्नल्स मिलने पर दूसरी व्हेल्स भी उसके पास आने लगती हैं और फंसती चली जाती हैं। व्हेल एक्सपर्ट का कहना है कि पानी का स्तर कम होने पर भी कई बार ये भटक जाती हैं।
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