China Maldives Defence Deal Vs Indian Military Withdrawal | India Maldives | मालदीव को मुफ्त सैन्य सहायता देगा चीन: दोनों देशों ने रक्षा समझौता साइन किया; 10 मई तक मालदीव छोड़ देंगे भारतीय सैनिक


माले10 मिनट पहले

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मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद जनवरी में मुइज्जू पहले चीन दौरे पर गए थे। - Dainik Bhaskar

मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद जनवरी में मुइज्जू पहले चीन दौरे पर गए थे।

चीन ने सोमवार को मालदीव के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने को लेकर समझौता किया है। इसके तहत चीन मालदीव के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को और बेहतर करने के लिए उसे मुफ्त सैन्य सहायता देगा। यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब मालदीव की मुइज्जू सरकार देश से भारतीय सैनिकों को निकाल रही है।

मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद माउमून ने चीन के अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग डिपार्टमेंट के अधिकारी मेजर जनरल झांग बाओकुन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा समझौते पर साइन हुए। हालांकि, इस डील से जुड़ी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इस बीच मालदीव के मीडिया के मुताबिक, चीन ने मालदीव को 12 इको-फ्रेंडली एंबुलेंस भी गिफ्ट की हैं।

तस्वीर मालदीव में मौजूद भारतीय हेलिकॉप्टर की है। इन्हें ऑपरेट करने के लिए मालदीव में फिलहाल 88 भारतीय सैनिक मौजूद हैं।

तस्वीर मालदीव में मौजूद भारतीय हेलिकॉप्टर की है। इन्हें ऑपरेट करने के लिए मालदीव में फिलहाल 88 भारतीय सैनिक मौजूद हैं।

भारतीय सैनिकों की जगह लेने मालदीव पहुंचा टेक्निकल स्टाफ
इससे पहले 29 मई को मालदीव में भारतीय सैनिकों को रिप्लेन करने के लिए टेक्निकल कर्मियों का पहला बैच मालदीव पहुंच गया था। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी दी थी। भारत और मालदीव के बीच हुए समझौते के तहत भारतीय सैनिक 10 मई तक अपने देश लौट जाएंगे

मालदीव की रेस्क्यू यूनिट में इन सैनिकों की जगह भारत का ही टेक्निकल स्टाफ ऑपरेट करेगा। इस समझौते का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा हो जाएगा। मालदीव में करीब 88 भारतीय सैनिक हैं। ये दो हेलिकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट का ऑपरेशन संभालते हैं।

आमतौर पर इनका इस्तेमाल रेस्क्यू या सरकारी कामों में किया जाता है। मालदीव में इंडियन हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट मानवीय सहायता और मेडिकल इमरजेंसी में वहां के लोगों की मदद करते रहें। इन ऑपरेशन को संभालने के लिए ही टेक्निकल स्टाफ भेजा गया है।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा था- भारतीय सैनिकों की जगह नहीं लेगी चीनी सेना
2023 के राष्ट्रपति चुनाव में मोहम्मद सोलिह के खिलाफ मोहम्मद मुइज्जू ने दावेदारी पेश की थी। उन्होंने मालदीव में कथित भारतीय सेना की उपस्थिति के खिलाफ ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था और इसे लेकर कई विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किए थे। यह अभियान इस बात पर आधारित था कि भारतीय सैनिकों की मौजूदगी मालदीव की संप्रभुता के लिए खतरा है।

अक्टूबर में हुए मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव यानी PPM के नेता मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई। PPM गठबंधन को चीन के साथ करीबी रिश्तों के लिए जाना जाता है। जीत के बाद शपथ ग्रहण समारोह से पहले नवंबर 2023 में मुइज्जू ने आश्वासन दिया था कि मालदीव में भारतीय सैनिकों की जगह चीनी सेना तैनात नहीं की जाएगी।

मुइज्जू ने कहा था- भारतीय सैनिकों को निकालना मालदीव के लोगों की इच्छा
जनवरी की शुरुआत में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू राष्ट्रपति मुइज्जू से भारत की सैन्य मौजूदगी के मुद्दे पर सवाल पूछा गया था। इस पर मुइज्जू ने जवाब दिया था- इस साल के राष्ट्रपति चुनावों में मालदीव के लोगों ने यह साफ कर दिया था कि वो देश में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी नहीं चाहते हैं।

फिलहाल, भारत ही ऐसा देश है, जिसके सैनिक यहां मौजूद हैं। मालदीव के नागरिकों की इच्छा को देखते हुए ही मैंने भारत से अपने सैनिकों को हटाने के लिए कहा है। मुझे पूरा भरोसा है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत मालदीव के लोगों की इच्छा का सम्मान करेगा। मेरा मानना है कि हमारे द्विपक्षीय रिश्ते इतने मजबूत हैं कि दोनों देश बातचीत के जरिए इस मसले का हल निकाल सकें।

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