मॉस्को3 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
फुटेज रूस के सोच्चि शहर में हुए वर्ल्ड यूथ फोरम की है। इसमें रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत के साथ रिश्तों पर बात की।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की सराहना की है। रूसी शहर सोच्चि में वर्ल्ड यूथ फोरम में लावरोव से पूछा गया कि यूक्रेन जंग के बीच भारत रूस से तेल क्यों खरीद रहा है। इस पर लावरोव ने कहा- मेरे दोस्त जयशंकर ने इसका बखूबी जवाब दिया था।
इसके बाद लावरोव ने UN में जयशंकर के बयान को याद करते हुए कहा- भारत के विदेश मंत्री से UN में ऐसा ही सवाल किया गया था। तब जयशंकर ने उन्हें अपने काम से मतलब रखने की सलाह दी थी। साथ ही उन्हें याद दिलाया था कि पश्चिमी देश रूसी फेडरेशन ने कितना तेल खरीद रहे हैं।
लावरोव बोले- रूस ने शीत युद्ध के दौरान भारत का साथ दिया
भारत के साथ रिश्तों पर बात करते हुए लावरोव ने कहा- रूस-भारत हमेशा से अच्छे दोस्त रहे हैं। कोल्ड वॉर के दौरान जब पश्चिमी देशों ने भारत को हथियार देने रोक दिए थे, तब मॉस्को ने भारत का साथ दिया था। रूस ने भारत के साथ हाई-टेक मिसाइल ब्रह्मोस का जॉइंट प्रोडक्शन भी शुरू किया।
दरअसल, रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर पाबंंदियां लगा दी थीं। ऐसे में यूरोप ने तेल खरीदने के लिए मिडिल ईस्ट का सहारा लिया था। हालांकि, इस बीच भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा था। इसका कुछ पश्चिमी देशों ने विरोध भी किया था।
रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदता है भारत
भारत ने 2020 में रूस से अपनी जरूरत का सिर्फ 2% कच्चा तेल खरीदा था। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से ठीक पहले 2021 में टोटल सप्लाई 16% हो गई और 2022 में सप्लाई बढ़कर 35% तक पहुंच गई। फिलहाल भारत रूस से अपनी जरूरत का 40% क्रूड ऑयल खरीद रहा है।
2023 में जनवरी से सितंबर के बीच भारत ने रूस से ₹43,782 प्रति टन की रेट से तेल खरीदा है (इसमें शिपिंग और दूसरे चार्ज शामिल हैं।)। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी आंकड़ों के हवाले से इसकी जानकारी दी थी।
जयशंकर बोले- रूस ने कभी हमारे हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया
हाल ही में रूस से भारत के तेल खरीदने के अपने फैसले का समर्थन करते हुए जयशंकर ने कहा था- रूस से कच्चा तेल खरीदना बिल्कुल सही फैसला है। जब यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ था तो मिडिल ईस्ट के देशों ने यूरोप के देशों को प्राथमिकता दी थी। हमारे पास ऐसे में क्या विकल्प था? या तो हमें तेल नहीं मिलता क्योंकि सारा तेल यूरोप के देश खरीद रहे थे या फिर हम अधिक कीमतों पर तेल खरीदते।
जयशंकर ने कहा- ऐसी स्थिति में भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीद कर बाजार में तेल की कीमतों को स्थिर करने का काम किया। रूस के साथ भारत के बहुत ही स्थिर और दोस्ताना संबंध हैं और रूस ने कभी भी हमारे हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया।
ये खबरें भी पढ़ें…
भारत के जरिए रूसी तेल खरीद रहे यूरोपीय देश:भारत से निर्यात बढ़कर 2 लाख बैरल हुआ, चीन भी उठा रहा प्रतिबंधों का फायदा
यूक्रेन पर हमले काे लेकर अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं। साथ ही उससे ईंधन खरीदने पर रोक लगाई हुई है। जबकि भारत ने अमेरिका और यूरोप की धमकियों काे दरकिनार कर रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने का फैसला किया। पूरी खबर पढ़ें…
जयशंकर बोले- भारत-रूस रिश्ते दुनिया में सबसे स्थिर:कहा- सोवियत संघ टूटा लेकिन रूस से रिश्ते पहले जैसे
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इससे पहले जयशंकर ने मंगलवार को मॉस्को में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। पूरी खबर पढ़ें…
Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.
Source link