Pakistan Election Fraud; US Lawmakers Letter To President Joe Biden Letter | पाकिस्तान की नई सरकार को मान्यता न दे अमेरिका: 33 सांसदों ने प्रेसिडेंट बाइडेन को लेटर लिखा, कहा- पहले चुनाव में धांधली की जांच हो


वॉशिंगटन5 मिनट पहले

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प्रेसिडेंट बाइडेन पर सामने गाजा में इजराइल की मदद को लेकर पहले ही पार्टी के अंदर से काफी दबाव है। (फाइल) - Dainik Bhaskar

प्रेसिडेंट बाइडेन पर सामने गाजा में इजराइल की मदद को लेकर पहले ही पार्टी के अंदर से काफी दबाव है। (फाइल)

अमेरिका के 33 सांसदों ने प्रेसिडेंट जो बाइडेन को लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति पाकिस्तान में बनने जा रही नई सरकार को मान्यता न दें। सांसदों के मुताबिक- पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। जब तक इसकी निष्पक्ष जांच नहीं हो जाती, तब तक सरकार को मान्यता न दी जाए।

पाकिस्तान में शनिवार को स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होना है। इसके बाद प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान होगा। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी के गठबंधन की तरफ से शाहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना तय है।

लेटर लिखने वाले सभी डेमोक्रेटिक

  • ‘डॉन न्यूज’ के मुताबिक- पाकिस्तान की नई सरकार को मान्यता न देने की मांग करने वाले सभी सांसद बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद हैं। इन सांसदों ने लेटर में कहा- पाकिस्तान के हालिया चुनाव में चुनाव से पहले और चुनाव के बाद जबरदस्त धांधली हुई। इसके लिए सबसे पहले तो इस चुनाव की पारदर्शी तरीके से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
  • लेटर में साफ कहा गया- अब तक मिले सबूतों के आधार पर यह साफ है कि इन इलेक्शन में धोखाधड़ी और धांधली की गई। ये काम चुनाव के पहले शुरू हुआ और इसके बाद भी जारी रहा। बाइडेन के लिए यह लेटर इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि अमेरिका में इसी साल प्रेसिडेंशियल इलेक्शन होने हैं और बाइडेन को इन सांसदों का समर्थन हासिल करना जरूरी है।

बाइडेन के सामने नई मुसीबत

  • प्रेसिडेंट बाइडेन के सामने अपने सांसदों की यह मांग एक नई मुसीबत की तरह है। इसकी वजह यह है कि गाजा के मामले में उनकी सरकार खुलकर इजराइल का न सिर्फ समर्थन कर रही है, बल्कि उसे लगातार आर्म्स सप्लाई भी कर रही है। इसको लेकर कुछ डेमोक्रेट सांसद और पार्टी समर्थक सरकार से काफी नाराज हैं। कुछ ने तो संसद में अपनी ही सरकार की आलोचना की थी।
  • अब नया मामला पाकिस्तान का है। सच ये है कि अमेरिकी विदेश नीति में इजराइल और पाकिस्तान दोनों अहम हैं। दोनों ही जगह अमेरिका के लिए स्ट्रैटेजिक लिहाज से काफी अहम हैं। यही वजह है कि बाइडेन पार्टी हित से ज्यादा अमेरिका की फॉरेन पॉलिसी और इंटररेस्ट को देख रहे हैं।
  • एक रिपोर्ट के मुताबिक- अमेरिकी विदेश मंत्रालय और जांच एजेंसियां गुपचुप तरीके से पाकिस्तान के हालिया चुनाव में हुई धांधली की जांच कर रही हैं। इनका पहला मकसद धांधली के पुख्ता सबूत जुटाना है।
पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाते हुए IMF से मुल्क की मदद रोकने की मांग की है। (फाइल)

पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाते हुए IMF से मुल्क की मदद रोकने की मांग की है। (फाइल)

अफसर ने भी लगाए थे धांधली के आरोप

  • रावलपिंडी के पूर्व कमिश्नर लियाकल अली चट्टा ने 16 फरवरी को पाकिस्तान चुनाव में धांधली के आरोप लगाए थे। चट्टा ने कहा था- निर्दलीय 70-80 हजार वोटों के साथ जीत रहे थे, लेकिन हमने नकली बैलेट पेपर के जरिए उन्हें हरा दिया। मैं अपने जुर्म की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।
  • चट्टा ने स्वीकार किया था कि उन्होंने चुनाव में धांधली की थी। इस अधिकारी ने कहा था- धांधली में चुनाव आयोग के अध्यक्ष और पाकिस्तान के चीफ जस्टिस भी मिले हुए हैं। हमने चुनाव में हार रहे उम्मीदवारों को 50 हजार वोटों के अंतर से जिताया है। यह सब PTI समर्थन वाले निर्दलीयों को हराने के लिए किया गया। मैं मुल्क को तोड़ने के इस जुर्म का भागीदार नहीं बनना चाहता।
  • दूसरी तरफ, नवाज शरीफ की पार्टी PML-N ने आरोप लगाया है कि इमरान ने लियाकत को अमेरिका में फ्लैट के साथ करोड़ों रुपए देने का ऑफर दिया था। इसके बाद लियाकत ने मुल्क को बदनाम करने वाले आरोप लगाए।
  • खास बात यह है कि 22 फरवरी को लियाकत इन आरोपों से पलट गए। उन्होंने एक लिखित बयान जारी किया। कहा- मैंने इमरान खान की पार्टी PTI के कहने पर बेबुनियाद आरोप लगाए। अब मैं शर्मसार हूं। मुल्क की बदनामी कराने का गुनहगार हूं। कानून जो चाहे वो सजा मुझे दे सकता है।
  • लिखित बयान में चट्टा ने कहा- पिछले हफ्ते जो कुछ मैंने कहा, उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। जांच एजेंसियां मेरे खिलाफ कोई भी एक्शन लेने के लिए आजाद हैं। मैंने मुल्क की बदनामी कराई है। इसके लिए जो सजा दी जाएगी, वो मुझे कबूल है। मैं अपने बयान की एक कॉपी चुनाव आयोग को भी भेज रहा हूं। मैंने 32 साल पाकिस्तान की सिविल सेवा में गुजारे हैं।

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