वॉशिंगटन5 मिनट पहले
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब देते डोनाल्ड ट्रम्प। तस्वीर 6 सितंबर 2024 की है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक बयान से कनाडा, मेक्सिको और चीन के करेंसी में गिरावट हो गई। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक मेक्सिको की करेंसी पेसो एक दिन में 1.18% बढ़कर पिछले एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
वहीं, कनाडा की करेंसी कनाडाई डॉलर, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1% बढ़कर मई 2020 के बाद उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। चीन की करेंसी युआन पर इसका मामूली असर पड़ा है। युआन, डॉलर के मुकाबले 0.3% कमजोर हुई है।
दरअसल ट्रम्प ने कहा ने कहा कि वे सत्ता में आने के बाद पहले ही दिन से कनाडा, मेक्सिको और चीन से आने वाले सभी सामानों पर भारी टैरिफ लगा देंगे। जब तक इन दोनों देशों से ड्रग्स और अवैध प्रवासियों का आना बंद नहीं होता वे इसे जारी रखेंगे।
ट्रम्प बोले- चीन पर 10% ज्यादा ट्रैरिफ लगाएंगे ट्रम्प ने सोमवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा था कि वे कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाएंगे। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि कनाडा और मेक्सिको दोनों चाहें तो अवैध प्रवासियों और ड्रग्स सप्लाई पर आसानी से लगाम लगा सकते हैं। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
एक अलग पोस्ट में ट्रम्प ने कहा कि वे चीन पर कनाडा और मेक्सिको से 10% एक्स्ट्रा यानी कि 35% टैरिफ लगाएंगे। ट्रम्प ने कहा कि चीन अवैध रूप में भारी मात्रा में ड्रग्स भेज रहा है। उन्होंने चीन के सामने पहले भी यह मुद्दा उठाया था। तब चीनी अधिकारियों ने उनसे वादा किया था कि वे ड्रग डीलर को पकड़े जाने पर मौत की सजा का कानून बनाएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
टैरिफ ट्रेड वॉर से बढ़ेगी महंगाई गौरतलब है कि अमेरिका का कनाडा, मेक्सिको और चीन के साथ ट्रेड एग्रीमेंट है। ट्रम्प ने तो खुद ही अपने पिछले कार्यकाल में मेक्सिको और कनाडा के साथ ‘नॉर्थ अमेरिका ट्रेड एग्रीमेंट’ किया था। ट्रम्प अगर सत्ता में आने के बाद इन देशों पर टैरिफ लगाते हैं तो ये समझौते का उल्लंघन होगा। इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिशों को कानूनी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
इन तीनों देशों ने 2023 में अमेरिका से 1 ट्रिलियन डॉलर (करीब 85 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का सामान खरीदा था। वहीं, 1.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की बेची थीं। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प के टैरिफ वॉर का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर, कृषि, टेक्नोलॉजी, पार्ट्स-पुर्जे पर होगा।
चीन बोला- ट्रेड वॉर में किसी की जीत नहीं होगी वाशिंगटन स्थिति चीनी दूतावास के प्रवक्ता लिउ पेंग्यू ने कहा कि पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी। इसमें ड्रग्स तस्करी से निपटने को लेकर कदम उठाए गए थे। लेकिन ये कहना कि चीन जानबूझकर फेंटानिल जैसे ड्रग्स की अमेरिका में सप्लाई कर रहा है, सही नहीं है।
लिउ ने कहा कि चीन-अमेरिका ट्रेड दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। इसमें छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। ट्रेड वॉर में कोई भी जीत नहीं पाएगा।
कनाडा बोला- ट्रम्प से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ऑफिस ने एक बयान जारी कर कहा कि कनाडा, अमेरिका की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा कने के लिए जरूरी है। पिछले साल अमेरिका ने जितना तेल इस्तेमाल किया था, उसका 60% कनाडा से आया था। वे ट्रम्प टीम से इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
कनाडा के ऑटोमोटिव पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष फ्लेवियो वोल्पे ने NYT से कहा कि ट्रम्प इस पोस्ट के जरिए शायद तीनों देशों से बातचीत के टेबल पर लाना चाहते हैं। वोल्पे ने कहा कि कनाडा, अमेरिका को एल्युमिनियन, कार, यूरेनियम और तेल की सप्लाई करता है। अगर इनकी कीमतें ज्यादा हो जाएं तो फिर चीन के साथ मुकाबला कैसे किया जाएगा।
मैक्सिकन अधिकारियों ने ट्रम्प के पोस्ट पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि मेक्सिको के खिलाफ टैरिफ लगाने की धमकी ट्रम्प पहले भी दे चुके हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में मेक्सिको से आने वाले सभी सामानों पर 100 % तक टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। तब मेक्सिकन अधिकारियों ने कहा था वे भी टैरिफ लगाने के लिए तैयार हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प के टैरिफ वॉर का सबसे ज्यादा नुकसान मेक्सिको को हो सकता है। यह देश अमेरिका पर बहुत ज्यादा निर्भर है। वह लगभग 80% सामान अमेरिका को बेचता है।
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